ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने मातृ दिवस के पावन पर्व पर अपनी मां सहित देश दुनिया की सभी माताओ को प्रणाम करते हुए कहाँ की, मां बच्चों की प्रथम पाठशाला एवं गुरु होती है, मां ही एक ऐसी गुरु है जो अपने बच्चों को पूरे मनोयोग से वात्सल्य और प्यार के साथ शिक्षा देती है। मां साहस, धैर्य, ममता, त्याग, तपस्या, सेवा, विश्वास के मिसाल की प्रतिमूर्ति होती है और इसलिए मां सदा-सदा पूज्य थी, पूज्य है और पूज्य रहेंगी।
शास्त्री जी ने यह भी कहा कि मां ममता के आंचल की सर्वोत्तम छाया है, माँ का सम्मान दुनिया के सभी देवी देवताओं का सम्मान है, वर्तमान कोविड-19 महामारी में मां का विशेष ख्याल रखें, श्री शास्त्री जी ने कहा मेरा ऐसा कोई दिन नहीं बितता जिस दिन मां को प्रणाम न करूं और मां को याद न करूं।
वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा कि मां का दर्जा दुनिया में सबसे ऊपर है और शायद ही कभी कोई मां के ऋण को अदा कर पाएगा, बड़ी बहन एवं बड़ी भाभी भी मां के समान ही पूजी जाती हैं और अपना कर्तव्य बखूबी निभाती है, मां के प्यार से हम तो क्या भगवान भी नतमस्तक हो जाते हैं। मां ने ही भगवान श्री कृष्ण एवं भगवान श्री राम आदि महापुरुषों को जन्म दिया है। श्री शास्त्री जी ने यह भी कहा कि आज का पावन पर्व देश दुनिया के सभी माताओं को बारंबार प्रणाम करने का दिवस है एवं समूचे देश दुनिया की मातृ शक्तियों को आदर करने और इसको यादाश्त रखने वाला दिवस है और इसी को ही मातृ दिवस कहां जाता है और माँ की कृपा देश दुनिया के सभी भाई बहनों के ऊपर बनी रहे।