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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

वैक्सीन लगी नहीं , प्रमाण पत्र मिल गया

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चंडीगढ़ः इसे गड़बड़ी कहें या घोटाला कि बिना वैैक्सीनेशन लगवाए ही मोबाइल पर मैसेज और वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिल जाए। ऐसा ही मामला आज शहर में भी देखने को मिला। सैक्टर-15 की रहने वाली पूनम अग्रवाल को कोविड वैक्सीन तो नहीं लगी, लेकिन वैक्सीन की पहली डोज लेने का बधाई मैसेज उनके मोबाइल पर जरूर आ गया। 50 साल की पूनम ने मंगलवार को आनलाइन पोर्टल से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। वह कोवैक्सीन लगवाना चाहती थी, जो चंडीगढ़ में मौजूद नहीं है। ऐसे में उन्होंने मोहाली फेज-6 सिविल हाॅस्पिटल को चुना।
बुधवार सुबह 9 से 10 बजे के बीच मिले अपने स्लाॅट में वह हाॅस्पिटल पहुंची, लेकिन जैसे ही वह हाॅस्पिटल पहुंची तो उन्हें पता चला कि वहां कोवैक्सीन नहीं है, कोविशिल्ड वैक्सीन लगाई जा रही है।
जब उन्होंने स्टाफ से पूछा तो उन्हें कहा गया कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकतेे। ऐसे में पूनम अग्रवाल और उनके पति ईश्वर अग्रवाल बिना वैक्सीन लगवाए वापस आ गए कि जब कोवैक्सीन आएगी, तब वह वैक्सीनेशन करवा लेंगं, लेकिन एक घंटे बाद उनके फोन पर मैसेज आया कि पूनम अग्रवाल को कोवैक्सीन का पहला डोज दे दिया गया है और मोबाइल पर आनलाइन सर्टीफिकेट भी आ गया। जिसमें कोवैक्सीन का बैच नंबर और डाॅक्टर का नाम भी लिखा था।
ईश्वर अग्रवाल ने बताया कि जब इसके बारे में हमें हाॅस्पिटल से कोई जानकरी नहीं दी जा रही है। असल में अब हमें वैक्सीन लगवाने में दिक्कत आएगी, क्योंकि आनलाइन दिखाएगा कि वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।
पूनम अग्रवाल के परिवार ने इस मामले की शिकायत अब पंजाब के सी.एम, हैल्थ मिनिस्ट्री और पी.एम से की है, जिसमें उन्होंने सारी घटना लिखी है और साथ ही यह भी लिखा कि कोविन एप्प पर अब भी कई ऐसे हाॅस्पिटल कोवैक्सीन दिखा रहे हैं जहां असल में कोवैक्सीन है ही नहीं । न ही हाॅस्पिटल से इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी दी गई है। जब हाॅस्पिटल में कोवैक्सीन नहीं थी तो वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट क्यों भेज दिया। यह वैक्सीन तो अस्पताल में स्टाक में है ही नहीं।