‘पेंटिंग मुझे प्रशिक्षण संबंधी तनाव से राहत देती है,’ सर्वश्रेष्ठ शूटर अंजुम मौदगिल ने कहा
चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री : ‘चित्रकारी से मुझे आनंद की अनुभूति होती है। यह मुझे मौजूदा पल में रहने में मदद करती है, मेरा चित्त शांत रहता है, और कठोर प्रशिक्षण से उबरने में यह मेरी मदद करती है। चित्रकारी से मुझे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और अपना ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलती है,’ भारत की सर्वश्रेष्ठ एयर राइफल शूटर, अंजुम मौदगिल ने ‘रोगप्रतिरोधक क्षमता और ताकत ही सबसे बड़ी कुंजी है’ विषय पर आयोजित एक ऑनलाइन वर्कशॉप के दौरान कहा। उल्लेखनीय है कि शूटिंग में कॉमनवेल्थ गेम्स की रजत पदक विजेता अंजुम मौदगिल एक कुशल चित्रकार भी हैं।विद्यादान द्वारा स्पोर्ट्स-13 के साथ मिलकर इस ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसका मकसद मौजूदा महामारी के बीच युवाओं को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। ऑनलाइन कार्यशाला में शामिल अन्य वक्ताओं में पूर्व नेशनल एथलीट यादविंदर सिंह और खेल चिकित्सा सलाहकार व भारतीय हॉकी टीम के पूर्व चिकित्सक-सह-व्यायाम फिजियोलॉजिस्ट डॉ. सतबीर प्रमुख थे।
कोविड-19 से उपजे तनाव के बढ़ते मामलों के बीच फिटनेस का महत्व बताते हुए, पूर्व नेशनल एथलीट यादविंदर सिंह ने कहा, ‘स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में कभी देर नहीं लगती है चाहे आपकी उम्र या शारीरिक स्थिति कैसी भी हो। हर कोई केवल सुबह की सैर जैसे सामान्य शारीरिक व्यायाम करके भी अपने स्वस्थ जीवन की शुरुआत कर सकता है और अपनी रोग प्रतिरक्षा क्षमता में लगातार वृद्धि कर सकता है। ‘यादविंदर ने कहा, ‘मानसिक फिटनेस भी शारीरिक फिटनेस की तरह महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। साधारण मेडिटेशन करने से भी कई फायदे हो सकते हैं। टोक्यो ओलम्पिक कोटा धारक, अंजुम मौदगिल ने कहा कि वह नई दिल्ली में आगामी निशानेबाजी विश्व कप प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह बताते हुए कि महामारी एक अभूतपूर्व चुनौती थी, अंजुम ने कहा, ‘यह सबसे लंबी अवधि थी जिसने हमें इतने लंबे समय तक खेल से बाहर रखा और टोक्यो ओलंपिक जैसे कई बड़े आयोजनों को बाधित किया। मैंने इसे बहुत सकारात्मक रूप से लेने और इसके हर पल का उपयोग अच्छे से करने की कोशिश की। मैंने अपने शूटिंग कौशल पर फोकस बढ़ाने पर काफी काम किया, और अब मैं आगामी विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हूं। ‘डॉ. सतबीर, पूर्व बीसीसीआई स्पेशलिस्ट एकेडमी रिहैब हेड, ने कहा, ‘बोरियत और मानसिक तनाव का मुकाबला करने के लिए लोगों को पेंटिंग, किताबें पढऩे, मेडिटेशन करने या अन्य ऐसी ही किसी शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेना चाहिए। ‘स्पोर्ट्स-13 के संस्थापक यादविंदर सिंह ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए विद्यादान के साथ मिलकर आयोजित होने वाली ऐसी ही अन्य कार्यशालाओं में कुछ अन्य खेल हस्तियों को भी लाने की घोषणा की। उन्होंने खुलासा किया कि वह मिल्खा सिंह और डॉ. सतबीर के मार्गदर्शन में कनाडा में होने जा रही वल्र्ड वेटेरन एथलेटिक मीट के लिए तैयारी कर रहे हैं, जिसमें वह 100 और 200 मीटर की ईवेंट में हिस्सा लेंगे।