समागम की तैयारियां पूरे ज़ोरों पर
चंडीगढ़,सुनीताशास्त्री :निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की पावन छत्रछाया में महाराष्ट्र का 54वां प्रादेशिक निरंकारी सन्त समागम दिनांक 26,27 एवं 28 फरवरी2021 को वर्चुअल रूप में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी पूर्णतया थमा नहीं है इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा कोविड19 के बारे में जारी किए गये दिशानिर्देशों के अनुसार समागम का आयोजन वर्चुअल रूप में किया जा रहा है। चण्डीगढ ब्रांच के सयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने बताया कि यह जानकारी श्रीमति राज कुमारी जी मैम्बर इंचार्ज प्रैस एण्ड पब्लिसिटी विभाग संत निरंकारी मण्डल ने दी। मिशन के सेवादारों के द्वारा पिछले करीब डेढ महीने से इस सन्त समागम की तैयारियांयसंत निरंकारी सत्संग भवन, चेम्बूर, मुंबई में हो रही हैं। सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सान्निध्य में समागम में सम्मिलितहोने वाले वक्ता, गीतकार, गायक, कवि,संगीतकार एवं वादक सभी इस भवन में आकर अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर चुके हैं, जिसे वर्चुअल रूप में प्रसारित करने के लिए रिकार्ड किया गया है। महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों के अतिरिक्त आसपास के राज्यों तथा देशविदेशों से भी कई वक्ताओं ने इस समागम में हिस्सा लिया है। समागम की तैयारियों के दौरान कोविड19 के सन्दर्भ में सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशानुसार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना (दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी), सैनिटाईजेशन इत्यादि के अलावा समागम सेवाओं में संलग्न एवं सम्मिलितहोने वाले सभी प्रतिनिधियों की कोविड जाँच भी कराई गई ताकि सारे कार्य निर्विघ्न संपन्न हो सकें। मिशन के इतिहास में ऐसा प्रथम बार होने जा रहा है कि इस वर्ष का 54 वां प्रादेशिकनिरंकारी संत समागम वर्चुअल रूप मं आयोजित किया जा रहा है। निरंकार प्रभु परमात्मा की इच्छा को सर्वोपरी मानते हुए हर्षोल्लास के साथ भक्तजन इसे स्वीकार कर रहे हैं। संपूर्ण समागम का वर्चुअल प्रसारण मिशन की वेबसाईट पर दिनांक 26,27 एवं 28 फरवरी,2021 को प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह समागम संस्कार टी.वी. चैनल पर तीनों दिन सायं 5.00 से रात्रि 9.00 बजे तक प्रसारित किया जायेगा।इस वर्ष समागम का मुख्य विषय ‘स्थिरता’ रखा गया है। प्रकृति में निरंतर परिवर्तन होता रहता है और कई प्रकार की उथल-पुथल होती रहती है। केवल एक परमसत्य परमात्मा ही स्थिर है। जिस मनुष्य का नाता इस एकरस रहने वाली सत्ता से जुड़ जाता है उसके जीवन में ‘स्थिरता’ आ जाती है और हमं हर परिस्थिति में एकरस रहने की शक्ति मिल जाती है। महाराष्ट्र के इस समागम के माध्यम से भी इसी पावन सन्देश को वर्चुअल रूप में जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा।