चण्डीगढ़ : रूरल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन (रेवा) के प्रधान वीबी कपिल ने चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा से मुलाकात की और ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को लेकर चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान कहा गया कि आरटीई अधिनियम 2009 में निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले गैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों को मान्यता दी जा सकती है। शिक्षा विभाग ने अधिकांश स्कूलों का निरीक्षण किया परंतु अभी तक मान्यता नहीं दी है। कुछ स्कूलों का निरीक्षण होना है। परंतु अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इन स्कूलों का निरीक्षण कब तक होगा? मनोज परिदा ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले की छानबीन करेंगे कि आखिर मान्यता देने के लिए देरी क्यों की जा रही है। उन्होंने रेवा के प्रधान को शिक्षा सचिव से मिलने की भी सलाह दी। उन्होंने शिक्षा सचिव से भी मुलाकात की और उन्हें मामले के बारे में विस्तार से बताया। शिक्षा सचिव ने उनकी बात को धैर्य से सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही स्टेटस पता करके स्कूलों को मान्यता देने के लिए कार्य शुरू करेंगे। आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट के मानकों और शर्तों की पुष्टि करने के पश्चात निरीक्षण की तारीख से पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर मान्यता प्रदान की जाएगी। यदि स्कूल मानदंडों, मानकों और शर्तों की पुष्टि नहीं करते हैं तो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अगले ढाई साल के भीतर किसी भी समय मान्यता प्रदान करने हेतु निरीक्षण के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020