चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित की जा रही वैबबैठकों की 27वीं कड़ी में आज केन्द्र के ऑनलाइन माध्यम जैसे कि केन्द्र के अधीकृत यूटयूब चैनल,फेसबुक एंव टविटर पर पेश किया गया । केन्द्र सही मायनों में कला एवं संगीत की सेवा में प्रतिज्ञाबद्ध है क्यों कि इस मुश्किल दौर में भी केन्द्र निरंतर कला के प्रचार प्रसार में प्रयासरत है । आज की वैबबैठक में दिल्ली के राहुल वर्षाने ने उड़ीसी नृत्य पेश किया ।युवा प्रतिभावान राहुल ने श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव के शिष्यत्व में उड़ीसी नृत्य अल्पायु से ही सीखना शुरू किया । राहुल ने गुरू देबा प्रसाद दास घराने की तांडव रचनाओं में महारथ हासिल की । राहुल ने अपनी प्रतिभा के बल पर उड़ीसी नृत्य में महारथ हासिल की । राहुल आईसीसीआर के इम्पैनलड कलाकार होने के साथ दिल्ली दूरदर्शन के ग्रेडिड कलाकार भी हैं ।राहुल ने कार्यक्रम की शुरूआत शिवा मंगलाचरण से की जिसे पारम्परिक भक्तिमयी प्रस्तुति के रूप में पेश किया । इसके अतिरिक्त राहुल ने इस रचना से गुरू एवं भगवान शिव की स्तुति की। इस रचना को राग दरबारी में एक ताल से सजाया गया था । इसके उपरांत राहुल ने कल्याणी पल्लवी प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने धीमी गति से शुरू करते हुए तेज़ गति से अंत किया।इसमें उड़ीसी नृत्य के पारम्परिक अंगों,चालों एवं नृत्य को पेश करके राहुल ने अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया । ये नृत्य एक ताल राग कल्याणी में निबद्ध था ।कार्यक्रम का अंत राहुल ने मोक्ष से किया जिसका अर्थ है मानव जीनव के अनुभव और आनंद से परम मुक्ति और भगवान से आत्मा का एकीकरण । इसी अवधारणा को उड़ीसी नृत्य के माध्यम से राहुल ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया और शुद्ध उड़ीसी नृत्य की रचनाओं पर आधारित नृत्य पेश किया ।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020