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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्‍मेलन

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पंचकूलाए 30 नवंबर।

गुजरात के केवड़िया में आयोजित देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्‍मेलन विधायी कार्यों पर व्‍यापक विमर्श के साथ.साथ विकास के अभिनव प्रयोगों के लिए भी याद किया जाएगा। इस सम्‍मेलन के निमित्‍त पीठासीन अधिकारी विकास की गति दोगुनी करने के तौर तरीकों से भी रूबरू हुए। सम्‍मेलन से लौटे हरियाणा विधान सभा के अध्‍यक्ष ज्ञान चंद गुप्‍ता ने अपने अनुभव सोमवार को मीडिया के साथ साझा किए। पंचकूला के सेक्‍टर.1 स्‍थित पीडब्‍ल्‍यूडी गेस्‍ट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्‍होंने बताया इस सम्‍मेलन में लोकतंत्र के तीनों स्‍तंभों के बीच सामंजस्‍य और अधिकार क्षेत्र को लेकर विस्‍तृत विचार विमर्श हुआ।

ज्ञान चंद गुप्‍ता ने बताया कि इस सम्‍मेलन में देश के राष्‍ट्रपतिए उपराष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री की उपस्‍थिति पर अनेक महत्‍वपूर्ण संवैधानिक विषयों पर मंथन हुआ। ष्सशक्‍त लोकतंत्र के लिए विधायिकाए कार्यपालिका और न्‍यायपालिका में आदर्श समन्‍वयष् विषय पर दो दिन गहन विमर्श हुआ। इस विमर्श में देश भर के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों ने भागीदारी की। ज्ञान चंद गुप्‍ता ने कहा कि इस सम्‍मेलन के साथ ही विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के लिए केवड़िया भ्रमण की भी व्‍यवस्‍था की गई थी। इस भ्रमण के दौरान केवड़ियां में विकास के लिए हो रहे अभिनव प्रयोगों से परिचित करवाया गया। उन्‍होंने बताया कि केवड़िया में 17 एकड़ में स्‍थापित ष्आरोग्‍य वनष् आधुनिक विकास और प्राचीन ज्ञान की जीती जागती मिसाल है। इस आयोग्‍य वन में 5 लाख जीवन उपयोगी औषधियां विकसित की गई हैंए जो हमारे पारंपरिक स्‍वास्‍थ्‍य विज्ञान पर आधारित है। इस वन की सबसे बड़ी विशेषताए जिसे पीठासीन अधिकारियों को सबसे ज्‍यादा प्रभावित कियाए वह थी उसकी निर्माण अवधि। ज्ञान चंद गुप्‍ता ने बताया इस विशाल आरोग्‍य वन के निर्माण के लिए छह माह की समयावधि तय की गई थीए जबकि इसे मात्र 89 दिन में पूरा कर दिया गया। उन्‍होंने कहा कि विकास की गति को दोगुना करने का यह अभिनव प्रयोग है। पीठासीन अधिकारियों ने गुजरात के अधिकारियों से उन तौर तरीकों पर भी विमर्श कियाए जिनके कारण इतना भव्‍य पार्क आधे समय में बनाया जा सका। गुप्‍ता ने पत्रकारों को बताया कि ऐसे प्रयोग हरियाणा में भी किए जा सकते हैं। ऐसा होने से विकास की बड़ी परियोजनाएं आधे समय में पूरी की जा सकेंगी।

इसके साथ ही पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन में लोकतंत्रिक मूल्‍यों के प्रति आम जनमानस को जागरूक करने के लिए देश के चार भागों में लोकतंत्र उत्‍सव आयोजित किए जाएंगे। इन उत्‍सवों में सभी विधान सभा और विधान परिषदों के सदस्‍यों के साथ.साथ आम जन को सम्‍मिलित किया जाएगा। केवड़िया सम्‍मेलन में विधान मंडलों को वित्‍तीय अधिकार देने का मसला भी उठा। अनेक विधानसभा अध्‍यक्षों ने कहा कि प्रदेश के सभी वित्‍त विधेयक विधायी निकायों द्वारा की पारित किए जाते हैंए इसके बावजूद उन्‍हें अपने खर्चों के लिए कार्यपालिका की ओर देखना पड़ता है। इसलिए विधान मंडलों को वित्‍तीय शक्‍तियां देने की मांग उठी। इसके साथ ही सम्‍मेलन में संविधान और मौलिक कर्तव्‍यों पर भी संकल्‍प पारित किया गया। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि हम सभी अपने अधिकारों का लाभ उठाते हुए अपने कर्तव्‍यों का भी ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। देश में उत्‍कृष्‍ट सांसद की तर्ज पर उत्‍कृष्‍ट विधान मंडल पुरस्‍कार स्‍थापित किए जाने पर भी सहमति बनी।