पंचकूला 25 नवंबर- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा जिस प्रकार से किसानों द्वारा कृषि सुधार कानूनो के खिलाफ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलन्द करने के लिए केन्द्र सरकार को जगाने के लिए दिल्ली जाने से रोकने के लिए उनको प्रताड़ना देने के उद्देश्य से बेकसूर और निरपराध किसानों की धर पकड़ की जा रही है। वह देश के अन्नदाता को बर्बाद करने की साज़िश का एक हिस्सा है उसको किसी भी हालत में सहन नहीं किया जायेगा। श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि लोकतंत्र में जीने का सभी को अधिकार है। वह किसान जो सर्दी और गर्मी में धरती का सीना फाड़ कर देश का पेट भरता है , लेकिन सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए तानाशाही रवैए का परिचय देते हुए, जिस प्रकार से रात के अंधेरे में किसानों के नेताओं को घरों से उठाकर थानों में ले जाकर उनको गैर कानूनी तरीके से बंदी बनाकर रखा गया है, यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानो को अपने भविष्य की चिंता सताए जा रही है। वह बेचारा विवश और लाचार हो कर न्याय पाने की उम्मीद में दिल्ली कूच करने की तैयारी में है। संविधान में सबको बराबरी का अधिकार दिया गया है। लेकिन सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा अपने चहेते उधोगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तीन कृषि सुधार कानूनों को देश में लागू किया गया है। यह कानून किसानों के लिए डैथ वारंट का काम करेंगे और इसी भय को लेकर वे अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं। श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों को बोर्डर पर रोककर उनकी जबान को दबाना चाहती है और भारतीय किसान यूनियन के 26 नवंबर को दिल्ली कूच को रोकने के लिए और इसे विफल करने का हर संभव कुत्सित प्रयास कर रही है। इससे पता चलता है कि सरकार की किसानों के प्रति मानसिकता क्या है। कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों को तबाह करने की अनुमति कांग्रेस पार्टी द्वारा डट कर मुकाबला किया जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से कार्रवाई करने की अपेक्षा वे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों के विरुद्ध लोकसभा में पास किए गए कानूनों को वापिस लेने के लिए दबाव बनाए ताकि प्रदेश में आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा और जजपा सरकार को बड़ोदा उपचुनाव की तर्ज़ पर दोबारा हार का सामना न करना पड़े। प्रदेश के किसानों पर अत्याचार करने से पहले बड़ोदा उप चुनाव का परिणाम भी ध्यान में रखें , जिन्होंने कृषि अध्यादेशों के खिलाफ मतदान करके गठबंधन की हरियाणा सरकार को सबक सिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक किसान हूं और जहां पर किसानों के साथ अन्याय होगा मैं उनके साथ हमेशा ही खड़ा मिलूंगा। मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए जो भी करना उचित होगा, मैं किसानों के साथ मिलकर उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का काम करुंगा ताकि उनके साथ अन्याय होने से बचाया जा सके।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020