बढ़ते हुए कोरोना को नियंत्रित करने के कदम में विवाह इत्यादि मांगलिक कार्यक्रमो में अतिथियों की संख्या 200 से घटा कर 50 करने के दिल्ली सरकार के कदम का फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल निराशा प्रकट करता है और राज्य की व्यापारियों एवं राजस्व हितो के विपरीत मानता है। जब सभी क्षेत्र कार्यरत है तो कोरोना की रोकथाम में सिर्फ शादी विवाह मांगलिक कार्यक्रम में अतिथियों की संख्या पर प्रतिबन्ध अनुचित है।
इस सम्बन्ध में राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल ने श्री अरविन्द केजरीवाल ,माननीय मुख्यमंत्री ,दिल्ली सरकार को पत्र लिखा जिसकी प्रतिलिपि माननीय केंद्रीय गृह सचिव भारत सरकार एवं माननीय उपराज्यपाल ,राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली को भी भेजी गयी है और आग्रह किया है कि वैवाहिक / सामाजिक कर्यर्क्रमों में अधिकतम अतिथि की संख्या 200 से घटा कर 50 अतिथि करने के निर्णय को वापिस लेने की कृपा करे। दिल्ली सरकार के उपरोक्त निर्णय वापस लेने से वैवाहिक / सामाजिक कार्यक्रमों से जुड़े व्यवसाईयों को एवं उनपर आश्रित लाखो मजदूरों की आजीविका एवं जीवन की रक्षा हो सकेगी ।
फैम के राष्ट्रीय महामंत्री श्री वी के बंसल ने बताया कि टेंट ,कैटरिंग ,विवाह मंडप , शादी के निमंत्रण पत्र, बैंड बाजा, घोड़ी , बिजली वाले , दीजे एवं मांगलिक कार्य में अन्य सेवा दे रहे व्यापारी पिछले 8 माह से बिना कारोबार अपना , अपने कर्मचारियों का एवं इस क्षेत्र में कार्यरत लाखो मजदूरों का भरणपोषण कर रहे है। बिना किसी आय के लगातार ऋण ले ले कर इस आशा से जिन्दा है कि आगामी सुबह मुहूर्त (सायो ) में उसे रोज़गार मिलेगा। परन्तु दिल्ली सरकार के निर्णय ने मांगलिक कार्य में लिप्त लाखो की संख्या में लोगो को एकदम हतप्रत कर दिया और जीवन यापन पर एक प्रशनचिन्ह लगा दिया ।
श्री बंसल के अनुसार मांगलिक कार्यक्रमो में सिर्फ आमंत्रित अतिथि ही शिरकत करते है और किस व्यक्ति को कोरोना है यह हर किसी को पता होता है। ऐसी अवस्था में मेजबान स्वयं सभी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्वयं एवं अपने अतिथियों के जीवन की रक्षा करने हेतु दृढ़ संकल्पित है।
आल इंडिया टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गेनाईजेशन के चेयरमैन श्री अनिल आज़ाद ने बताया कि शादियों का सीजन शुरू होने वाला है और मंडप तथा टेंट स्वामियों ने लोगों से वैवाहिक / सामाजिक कार्यक्रमों के लिए एडवांस ले रखा है, तथा अगामी नवम्बर एवं दिसम्बर माह में होने वाले कार्यक्रमों की बुकिंग की हुई है। वर वधु के माता-पिता ने भी लोगों को शादी के निमंत्रण दे रखे हैं तथा कार्ड बांटे हुए हैं। ऐसे में बुकिंग कैंसिल करना अथवा अतिथियों की संख्या कम करना असंभव है, साथ ही सरकारी राजस्व का भी ऐसे में भारी नुकसान होगा। शादी विवाह से जुड़े व्यवसायियों का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है।
फैम की राष्ट्रीय टेंट समिति के अध्यक्ष श्री रवि जिंदल ने अनुसार स्वास्थ्य के साथ अर्थव्यवस्था बचाना भी अति आवश्यक है। दिल्ली में बस ,मेट्रो एवं हवाई सेवाओं का संचालन पूर्ण क्षमता पर हो रहा है और कोरोना से बचाओ के सभी निर्धारित नियमो का पालन करते हुए जीवन को गतिमान बनाया हुआ है। ऐसे में सिर्फ शादी विवाह इत्यादि मांगलिक कार्य पर ही रोक क्यों ?
दीपावली त्योहारो के बाद बाजार में मुख्य खरीददारी शादी विवाह के अवसर पर होती है। कोरोना के पश्चात व्यापार अभी भी अपनी क्षमता के 60%-70% के लगभग स्तर पर चल रहा है। शादी विवाह व्यापारियों के लिए सुअवसर होता है। यदि शाद्दी विवाह इत्यादि मांगलिक कार्यक्रमो पर अतिथियों की संख्या पर प्रतिबन्ध लगा तो दिल्ली का स्थानीय व्यापार एवं सरकारी राजस्व पर इसका सीधा सीधा नकारात्मक प्रभाव दिखेगा।
फैम ने दिल्ली सरकार को भरोसा दिलाया कि हम सरकार द्वारा निर्देशित सभी SOP’s का ध्यान रखते हुए जैसे न्यूनतम 6 गज की दूरी सैनिटाइजेशन, मास्क, ग्लव्स, कैप का प्रयोग कर किसी भी प्रकार से संक्रमण को फैलने नही देंगे। मंडप स्वामियों ने लोगों से एडवांस लेकर आगे के कार्यक्रमों की तैयारी में सभी एडवांस से अधिक खर्च कर दिया है जिसे वह ग्राहक को वापिस करने की स्थिति में नहीं है। महोदय भारतवर्ष में शादियां शुभ लग्न महुर्त के दिनों में ही होती हैं इसलिए इनकी तारीख अपनी इच्छा अनुसार नहीं बढ़ाई जा सकती।