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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

एवोक इण्डिया फाउंडेशन द्वारा एनपीसीआई, आईआईए, लघु उद्योग भारती व एलएमए के सहयोग से हुआ।

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“इण्डिया वित्तीय साक्षरता संगोष्ठी” के तीसरे संस्करण का दो दिवसीय आयोजन,

1. वित्तीय जगत से जुड़ी देश की प्रमुख 25 हस्तियों ने लिया हिस्सा।
2. मुम्बई से जुड़े सेबी के अधिशाषी निदेशक ने कहा कि विगत 7 महीने में खुले 54 लाख नये डीमेट खाते खोले गये।
3. “समावेशी समृद्धि साकार करें” मूल विषय पर युवा सशक्तिकण, कृषि सुधार, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, स्टार्टअप – एमएसएमई का विकास एवं बैंकिग, प्रतिभूति बाजार एवं इन्श्योरेंस (BFSI) क्षेत्र की भूमिका पर पांच सत्रों में हुआ विचार।
4. संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, आईएएस(रिटायर्ड) सदस्य – एनजीटी व विशिष्ट वक्ता, श्री पंकज कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष-आईआईए, सलाहाकार बोर्ड के अध्यक्ष, प्रो. सुब्रता चक्रबर्ती, पूर्व निदेशक आईआईएम लखनऊ एवं उपस्थित रहे वही समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि श्री ओमप्रकाश मित्तल, पूर्व अध्यक्ष, लगु उद्योग भारती, श्री आलोक रंजन, आईएएस, पूर्व मुख्य सचिव यू.पी., श्री ए के माथुर, वीपी – एलएमए, तथा संस्था के अध्यक्ष एवं संस्थापक श्री प्रवीण कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे।
5. सत्र के अन्त में वर्ष 2020 के फाइनेन्सियल इन्क्लूशन लिटरेसी लीडरशिप (FiLL) अवार्ड, व्यक्तिगत, व्यवसायिक श्रेणी में दिये गये। व्यक्तिगत श्रेणी में श्री सत्यजीत द्विवेदी, सीईओ, एनसीएफई, विजेता तथा डॉ विनय कांडपाल उप-विजेता रहे वही व्यवसायिक श्रेणी में फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस विजेता तथा मार्गदर्शक माइक्रो फाइनेंस उप-विजेता रहे।
6. सह आयोजकों में एनपीसीआई, आईआईए, लघु उद्योग भारती व एलएमए थे।
मुख्य अतिथि डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, आईएएस(रिटायर्ड) सदस्य – एनजीटी ने बताया कि देश की 73 प्रतिशत सम्पत्ति देश के 1 प्रतिशत लोगों के पास है तथा इस आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी सभी संस्थाओं को कार्य करना होगा। विशिष्ट अतिथि , श्री पंकज कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष-आईआईए, ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े 18 करोड़ लोगो की वित्तीय जागरुकता से समावेशी समृद्धि के लक्ष्य को पाया जा सकता है।
सत्रों की चर्चा में एनएसडीसी की चीफ प्रोग्राम आफिसर वंदना भटनागर ने सेवाक्षेत्र में कौशल विकास द्वारा नये अवसरों पर प्रकाश डाला तथा बताया कि एनएसडीसी के e-skill वेबसाइट पर 750 ऑनलाइन पाठ्यक्रम मौजूद है, जिसमें युवा लाभ ले सकते हैं। PAN IIT Reach foundation India के कल्यान चक्रवर्ती ने संस्था द्वारा प्रवासी मजदूरों का निर्माण क्षेत्र में प्रदान किये गये अवसरों से अवगत कराया और विरोहन के कुनाल डुडेजा ने चिकित्सा सेवा क्षेत्र में कौशल विकास द्वारा युवाओं को तैयार किया।

कृषि सम्बन्धी सुधारों और किसानों को सीधे राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए रुचि सोया के सीईओ, संजीव अस्थाना ने कमोडिटी मार्केट से जुड़कर किसानों व एफपीओ को होने वाले लाभ के बारे में बताया और एनसीडीईएक्स के एक्सिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट कपिल देव ने बताया कैसे स्मार्ट फोन से डिजीटल डिवाइड को दूर करने की बात कही। नाबार्ड के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक ए.के.सिंह ने किसानों को जानकारी देने और क्रियान्वयन की सलाहकार संस्था बनाने पर जोर दिया साथ ही कहा कि FPOs को मजबूत करना चाहिये।
महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक समृद्धि के विषय में डॉ. उर्वशी साहनी, सीईओ स्टडी हाल फाउडेशन ने कई जीवन्त उदाहरण पेश किये जहां उन्होने बताया कि लक्ष्मी जैसी कई महिलाएं जो सही दिशा पाकर कामगार से उद्यमी बन चुकी हैं। चेन्नई से जुड़ी कैलाइडोफिन संस्था की सीटीओ नताशा जेठानंदानी ने निम्न वर्ग में वित्तीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए tech solution के बारे में बताया। “द्वारा फाउडेशन” चेन्नई की मीसा शर्मा ने बताया कि रिसर्च में पाया गया है कि महिलाओं का लेबर फोर्स में समान अधिकार एवं पार्लियामेंट समान हिस्सेदारी का बढ़ना जरुरी है। इस पैनल का संचालन मीडिया एकेडेमिक गायत्री श्रीवास्तव ने मुम्बई से किया।
एमएसएमई व स्टार्ट अप सेक्टर के बढ़ावे के लिए वित्त पोषण के विकल्पों पर चर्चा में दिल्ली से जुड़े एमएसएमई मिनिस्ट्री के निदेशक श्री संजीव चावला ने कहा कि एमएसएमई को अपनी बैलेंसशीट को समझना चाहिए। 6 करोड़ महिलाओं को दिये छोटे लोन द्वारा एमएफआई सेक्टर देश के 30 करोड़ परिवारों में समृद्धि आयी है, एमफिन के सीईओ डॉ आलोक मिश्रा ने बताया।
समावेशी समृद्धि में बैंकिग, फाइनेंस एवं इन्श्योरेंस सेक्टर की महत्ता की चर्चा करते हुए सेबी के ईडी, जी पी गर्ग जी ने बताया 7 महीने में डिजीटल पेमेंट की सहायता से नये 54 लाख डीमेट एकाउंट खोले गये। साथ ही एनपीसीआई के चीफ ऑफ मार्केटिंग, श्री कुणाल कालावतिया जी ने कहा कि हमनें 500 कैम्पस में 32000 से अधिक लोगों को डिजीटल पेमेंट के बारे में शिक्षित किया तथा साथ ही चैट बॉट, PAI की सहायता से डिजीटल पेमेंट से संबंधित सवालों का निवारण किया। श्री कान्त वी.जे, सीओएफ, कैम्स ने कहा कि एमफी के द्वारा चलाया गया म्यूचुअल फण्ड सही है से जागरुकता तथा नये निवेशकों ने भाग लिया जिसमें SIP का एक बड़ा भाग है। इस सत्र का संचालन श्री आलोक रंजन, आईएएस, पूर्व मुख्य सचिव यू.पी. ने किया।

एवोक इंडिया फाउंडेशन, 2012 में स्थापित गैर लाभकारी संस्था है जो वित्तिय जागरुकता एवं निवेशक जागरुकता के क्षेत्र में काम करती है। यह सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त उत्तर प्रदेश की एकमात्र “इंवेस्टर एसोसिएशन” है। जिसने विगत वर्षों में 350 से अधिक जागरुकता कार्यक्रम देश के लगभग 80 शहरों में किये तथा लगभग 20,000 से अधिक लोगों तक वित्तीय जागरुकता का संदेश पहुँचाया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्ग जैसे युवा, छात्र, डॉक्टर, प्रोफेसर्स, महिलाएं, युवा, सेवानिवृत लोग, पुलिस और लघु एवं मध्यम इकाईयाँ भी शामिल हैं।