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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा उपचुनाव : बड़ौदा

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पचकुलां 27 अक्तूबर: इस उपचुनाव के माध्यम से बड़ौदावासियों के पास बहुत ही अच्छा मौका आया है जनविरोधी भाजपा-जजपा सरकार को सबक सिखाने का। भाजपा ने अपनी जनविरोधी नीतियों से देश, प्रदेश को आज बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। जब से ये चौकीदार आए हैं तब से देश को बर्बाद करने और बेचने में लगे हैं। बरौदा उपचुनाव में हार के साथ ही बैसाखियों पर टिकी यह सरकार गिर जाएगी और राज्य में 36 बिरादरी के हितों की रक्षा करने वाली कांग्रेस की सरकार बनेगी। यह बात सीडब्ल्यूसी मैंबर एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने आज बरौदा हलके में आधा दर्जन गांवों में विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों से कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल के पक्ष में जनसंपर्क अभियान के दौरान लोगों से बातचीत करते हुए कही। गोहाना में उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा के देश, प्रदेश का हर वर्ग प्रताडि़त है और इस सरकार से छुटकारा पाना चाहता है। भाजपा सरकार ने रेल बेच दी, रेलवे स्टेशन बेच दिए, एलआईसी बेच दी, यहां तक की तेजस विमान बनाने वाली कंपनी भी बेचने के लिए बोली लगवाई गई। हरियाणा सरकार स्कूल बेचने की भी कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार ने तो वहां के सरकारी स्कूलों का निजीकरण शुरू भी कर दिया है। केन्द्र सरकार कहती है कि एमएसपी रहेगा। कैसे विश्वास करें इतने झूठे लोगों पर। पहले बोलते थे कि एफडीआई नहीं लाएंगे। निजीकरण नहीं करेंगे। हर साल 2 करोड़ नौकरी देंगे। काला धन लाएंगे। ले आए काला धन। उल्टा देश के धन को भी खा गए।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कृषि व किसान विरोधी केन्द्र सरकार के तील नए कानून देश के किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र हैं। इन कानूनों से किसान ही नहीं, बल्कि मंडिया खत्म होने से लाखों करोड़ मजदूर, आढ़ती, मुनीम, ढुलाईदार, ट्रांसपोर्टर, शेलर आदि की रोजी रोटी और आजीविका अपने खत्म हो जाएगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग अध्यादेश की सबसे बड़ी खामी तो यही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी देना अनिवार्य नहीं है। जब मंडी व्यवस्था खत्म होगी तो किसान केवल कांट्रेक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा और बड़ी कंपनियां किसान के खेत में उसकी फसल की मनमर्जी की कीमत निर्धारित करेगी। यह नई जमींदारी प्रथा नहीं तो और क्या है? कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से विवाद के समय गरी किसान को बड़ी कपंनियों के साथ अदालत व अफसरशाही के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। ऐसे में ताकतवर बड़ी कपंनयिां स्वाभाविक तौर से अफसरशाही पर असर का इस्तेमाल करके किसान को उलझाकर उसकी रोजी रोटी पर आक्रमण करेंंगी और मुनाफा कमाएंगी। तीन काले कानून देश के संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार का पिछले एक वर्ष का कार्यकाल हरियाणा के किसान, व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर वर्ग के लिए हर समय मुसीबत लेकर आया। पिछले एक वर्ष के दौरान गठबंधन सरकार राज्य का विकास करने की बजाय घोटालों में व्यस्त रही। धान घोटाला, शराब घोटाला, रजिस्ट्री घोटालों को अंजाम दिया तथा कोरोना की आड़ में जनता को लूटने का काम किया। किसानों को न तो एमएसपी मिला और न ही खराब फसलों का मुआवजा ही सरकार दे पाई। जीएसटी, नोटबंदी से बेहाल हुआ राज्य के व्यापारी वर्ग को लॉकडाउन ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। पिछले एक वर्ष के दौरान कर्मचारी वर्ग अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ, वहीं सरकारी नीतियों के विरोध में किसान संगठन लगातार आंदोलनरत हैं। भाजपा व जजपा का कार्यकाल हर मोर्चे पर विफल सिद्ध हुआ है और खट्टर-दुष्यंत की जोड़ हरियाणा की जनता को भयमुक्त शासन-प्रशासन देेने में जहां विफल साबित हुई, वहीं राज्य के विकास के प्रति भी सरकार की नीतियां ढुलमुल नजर आई। पिछले एक वर्ष में राज्य में कोई बड़ा उद्योग, प्लांट लगना तो दूर सरकार की नीतियां से त्रस्त आकर कई उद्योग राज्य से पलायन हुए।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि इस उपचुनाव में आप सभी लोग एकजुटता का ऐसा संदेश दो, ताकि दिल्ली तक आपकी आवाज पहुंचे कि देश के अन्नदाता को मारने की साजिश जो सरकार रचेगी उसका वोट की ताकत से जनता जवाब देगी। उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी तमाम ओच्छे हथकंडे अपनाएगी, लेकिन आप सबको बिना किसी दबाव में आए कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में अपना एक-एक कीमत वोट देकर जनविरोधी सरकार को सबक सिखाना है। इस दौरान पूर्व सांसद धर्मपाल सिंह मलिक, विधायक अमित सिहाग, पूर्व विधायक रणधीर धीरा, रणधीर पनिहार, पवन शाहपुर, योगेन्द्रनाथ मल्होत्रा, संदीप हुड्डा, प्रवीण अठवाल, अनिल मग्गू, मुकेश सरोहा आदि बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे