चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र की 15 वीं वैबबैठक का आयोजन आज केन्द्र के अधीकृत यूट्यूब चैनल एवं ट्वीटर एवं इंसटा पेज पर किया गया । जिसमें राजस्थान की लखनउ घराने से ताल्लुक रखने वाली देवेंद्र एस मंगलमुखी ने कत्थक नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति से संगीत प्रेमियों का मनोरंजन किया ।देवेंद्र राजस्थान के टंसजेंडर वैलफेयर बोर्ड के द्वद्गद्वड्ढद्गह्म् होने के साथ-साथ एसएसए अवार्डी गुरू कपिला राज के सीनियर शिष्य भी हैं । देवेंद्र को कत्थक नृत्य एवं संगीत की दुनिया में गहरी रूचि थी इसलिए उन्होंने गुरू कपिला राज के शिष्यत्व में अपनी कला एवं प्रतिभा को निखारा और आज देवेंद्र संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहे हैं । इन्होंने अपने गुरू के सान्धिय में देश के हर कोने में अपनी विलक्षण प्रतिभा की प्रस्तुति से संगीत प्रेमियों के दिल में खास जगह बनाई । देवेंद्र दूरदर्शन के ए ग्रेड आर्टिस्ट भी हैं ।आज के कार्यक्रम की शुरूआत देवेंद्र ने एक बेहद खूबसूरत पारम्परिक दरबारी तराने से की जो कि तीन ताल में निबद्ध था जिसके बोल थे ‘‘यारे मन बयॉं बयॉं’’इसके उपरांत देवेंद्र ने लखनउ घराने के पारम्परिक कत्थक की कुछ खास रचनाएं पेश की। आमद,थाट,तोड़े,टुकड़े,परन,गत इत्यादि से सजे कत्थक को तीन ताल में पेश किया ।कार्यक्रम का समापन देवेंद्र ने एक खूबसूरत ठुमरी से किया जिसमें उन्होंने भाव पक्ष का बखूबी प्रदर्शन किया । ठुमरी के बोल थे ‘‘काहे रोकत डगर प्यारे नंदलाल मेरे’’इस पर इन्होंने राधा कृष्ण की छेड़छाड़ का खूबसूरत प्रदर्शन किया । नृत्य और भाव का अद्भुत संगम देवेंद्र के नृत्य में देखने को मिला और इन्होंने सामाजिक बंधनों से परे अपनी एक अलग छवि बनाकर नया उदाहरण पेश किया ।
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Citizen Awareness Group वैबबैठक में देवेंद्र एवं मंगलमुखी राधा कृष्ण की छेड़छाड़ का खूबसूरत प्रदर्शन...
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020