कोविड १९ के चलते सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केंद्र द्वारा डिजिटल बैठकों की श्रंखला शुरू की गई है
जिसकी आठवीं कड़ी में दिल्ली के युवा एवं प्रतिभावान बांसुरी वादक रजत प्रसन्ना द्वारा बांसुरी वादन प्राचीन कला केंद्र के आधिकारिक यूट्यूब चैनल एवं फेसबुक पेज पर पेश किया गया
अल्पायु से ही संगीत के प्रति रूचि रखने वाले रजत बनारस घराने के प्रसिद्द बांसुरी वादक रघुनाथ प्रसन्ना के पोते हैं विरासत में मिले संगीत को रजत ने बखूबी निभाया है और उन्होंने ने संगीत में नए आयाम हासिल किये हैं रजत ने अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों के दिल में खास जगह बनाई है
आज के कार्यक्रम की शुरुआत राग किरवानी से की गई जिस में रजत ने सबसे पहले आलाप जोड़ की प्रस्तुति दी गई उपरांत मध्य लाया तीन ताल में निबद्ध रचना पेश की गई कर्यक्रम का समापन इन्होने ने राग मिश्रा खमाज में निबद्ध धुन से किया बनारस घराने की खूबसूरत पारम्परिक रचनाये पेश करके रजत ने बांसुरी पर अपनी महारत को बखूबी दर्शाया रजत के साथ तबले पर महावीर चंद्रावत ने बखूबी