चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। पुरस्कार विजेता आयुर्वेद विशेषज्ञ और प्रेरक वक्ता, आचार्य मनीष ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक सामाजिक अभियान की शुरुआत की है। आचार्य मनीष आयुर्वेद के सदियों पुराने उपचारों का उपयोग 5000 साल पुराने वैदिक विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए करते हैं। उल्लेखनीय है कि आचार्य मनीष ने चंडीगढ़ के पास ज़ीरकपुर में ‘शुद्धि आयुर्वेद’ नामक एक आयुर्वेदिक क्लीनिक एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना की। शुद्धि आयुर्वेद के 105 क्लीनिक पूरे भारत में मौजूद हैं, जो मरीजों को सभी प्रकार की व्याधियों से निपटने के लिए आयुर्वेद अपनाने में मदद कर रहे हैं। कोविड-19 से लडऩे के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा आचार्य मनीष के मार्गदर्शन में गहन शोध किया गया और एक प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला पैक – शुद्धि हर्बल इम्युनिटी पैकेज तैयार किया गया। इस पैक और विशेष कॉविड रोधी औषधियों का उपयोग करके आचार्य मनीष ने ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद करने की एक पहल शुरू की, जो कोरोनो वायरस के इलाज के लिए महंगी दवाओं का खर्च उठाने में असमर्थ थे। एक हेल्पलाइन नंबर 82731-83731 शुरू किया गया, जिस पर देश भर से कॉल आयीं और अभी भी आ रही हैं। इसके जरिये अब तक 500 से अधिक जरूरतमंद लोगों ने पैकेज व कस्टमाइज्ड औषधियां मंगवायी हैं, जो कि आयुष द्वारा प्रमाणित हैं।आचार्य मनीष ने कहा हमने सामाजिक पहल के जरिये कोविड रोगियों को एंटी-कोविड कॉम्बो मुफ्त में देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, कॉम्बो में हमने तीन दवाएं शामिल की हैं- विष हर रस, 32 जड़ी-बूटियों वाली चाय और आयुष क्वाथ। विष हर रस में नीम और गिलोय जैसे तत्व प्रमुख हैं, जिनमें उच्च एंटीवायरल गुण होते हैं। चाय में 32 औषधीय जड़ी-बूटियां शामिल हैं जैसे इलायची, दालचीनी, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जबकि आयुष क्वाथ में तुलसी, काली मिर्च और शुन्थी होती है जो प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि कोविड-19 रोगियों में से कई ने हमारे प्रतिरक्षा बूस्टर पैक व अन्य दवाओं का सेवन किया, जिससे सिर्फ 3-4 दिनों में ही उनकी रिपोर्ट निगेटिव हो गयी। यहां यह बताना उचित होगा कि हमारी दवा से 3-4 दिनों में ही निगेटिव रिपोर्ट पाने वाले कई रोगियों ने अपने अनुभव के वीडियो हमें भेजे हैं और स्वस्थ जीवन शैली के लिए आयुर्वेद को अपनाने की वकालत की है।जिन मरीजों को फायदा हुआ, वे चंडीगढ़ क्षेत्र से तो हैं ही, इसके अलावा इनमें बहुत से लोग दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी हैं। लाभार्थियों में कोविड जैसे लक्षणों वाले रोगियों के अलावा ऐसे लोग भी शामिल थे, जो कोरोना पॉजिटिव थे और इस रोग से मुक्ति चाहते थे। औषधियों के उपयोग से 100 से अधिक कोविड पॉजिटिव रोगी तीन दिन से एक सप्ताह के अंदर निगेटिव हो गये।कोरोना ने जब भारत में प्रवेश किया, तब आचार्य मनीष ने केंद्र सरकार से कहा था कि आयुर्वेद की मदद से इस बीमारी को रोका जा सकता है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी घोषणा की थी कि आयुर्वेद की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है।दुख की बात यह है कि भारत में आयुर्वेद का जन्म हुआ था, फिर भी ऐलोपैथी की तुलना में यहां इसे कम महत्व दिया गया। परंतु इसके लाभों के चलते, कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए अब लोग आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं और इसे फिर से मान्यता मिल रही है। कुछ ही समय में भारत में आयुर्वेद एक पसंदीदा उपचार प्रोटोकॉल बन जायेगा, आचार्य मनीष ने कहा।आयुर्वेद को एक जीवनशैली के रूप में बढ़ावा देने के विचार से और भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वोकल फॉर लोकल को हकीकत में बदलने के लिए, आचार्य मनीष ने शुद्धि आयुर्वेद हेतु एक महत्वाकांक्षी विस्तार योजना बनायी है। इसके तहत, चालू वर्ष के अंत तक शुद्धि आयुर्वेद के मौजूदा 105 क्लीनिकों के अलावा 200 से अधिक नये केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020