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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

26 को नगर निगम का कार्यकाल खत्म होगा, निगम कमिश्नर देखेंगे फिर काम

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  • नोटिफिकेशन जारी: सत्तासीन अकाली-भाजपा के लिए प्रस्ताव पास कराने को अब दो दिन का समय

दैनिक भास्कर

Apr 23, 2020, 05:00 AM IST

मोहाली. (मनोज जोशी) शहर के पहले नगर निगम का पांच वर्ष का कार्यकाल 26 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। 27 अप्रैल से निगम के कमिश्नर कमल कुमार गर्ग एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर काम करेंगे। सरकार ने उन्हें एडमिनिस्ट्रेटर लगाने की नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। जो पूरी व्यवस्था का संचालन करेगा। नगर निगम पर सत्तासीन मौजूदा अकाली-भाजपा के पास सिर्फ दाे वर्किंग डे वीरवार और शुक्रवार हैं, जबकि शनिवार और रविवार की छुट्टी होगी। सोमवार से सभी मौजूदा पार्षद व मेयर पूर्व हो जाएंगे। ,

इस सबके बीच जो सबसे बड़ी बात सामने निकलकर आ रही हैं वह यह हैं कि पार्षदों को हमेशा ही निगम का कार्यकाल पूरा होने पर फेयरवेल पार्टी दी जाती है, लेकिन इस पार्टी पर भी अब कोरोना का साया मंडरा रहा है। सूत्रों की माने तो ऐसी पार्टी का आयोजन फिलहाल नहीं होगा। चर्चाएं थी कि मेयर कोई बैठक का आयोजन भी कर सकते हैं, लेकिन अब आम बैठक का आयोजन होने की संभावनाएं हैं। हाउस बैठक के लिए 72 घंटे पहले बैठक का एजेंडा सभी पार्षदों तक पहुंचाना होता है।

बता दें वर्ष 2010 में कांग्रेस की सत्तासीन नगर परिषद को समय से पहले ही अकाली सरकार ने भंग कर दिया था और 31 दिसंबर 2010 को परिषद की जगह शहर में निगम बनाने का ऐलान कर दिया था। एक जनवरी 2011 से निगम का एडमिनस्ट्रेटर लगा दिया गया था तब से लेकर 2015 तक पूरा नगर निगम बिना चुनाव करवाए एडमिनिस्ट्रेटर के सहारे ही अकाली सरकार चलाती रही है। फरवरी 2015 में निगम के लिए चुनाव करवाया गया था। उसमें अकाली दल को सफलता नहीं मिली थी। बलवंत सिंह रामूवालिया अकाली दल का मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ करने में जुटे रहे थे। बलवंत सिंह रामूवालिया के अकाली दल छोड़ यूपी में मंत्री बनने के बाद कुलवंत सिंह दोबारा से अकाली दल में आ गए थे।

25 अप्रैल को सभी पार्षदों ने ली थी शपथ

शहर के पहले नगर निगम को लेकर 22 फरवरी 2015 में चुनाव हुआ था और 25 फरवरी को मतदान का परिणाम आया था। जिसके बाद करीब दो महीने तक ऐसी खींचतान चली की अकाली अपना मेयर बनना चाहते थे, लेकिन कुलवंत सिंह का आजाद ग्रुप जो अकाली दल से बलवंत सिंह रामूवालिया से अलकर होकर निगम चुनाव लड़ा था, ने कांग्रेस तथा दो बागी आजाद चुनाव लड़ने वाले अकालियों के साथ मिलकर 25 अप्रैल 2015 को मेयर बनाने का दावा किया था। उसी दिन सभी पार्षदों ने शपथ ली थी और अकाली पार्षदों द्वारा हंगामा किए जाने के चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया था और मात्र शपथ ही हो पाई थी।

कांग्रेस के हाथ में आएगा अब नगर निगम का संचालन

इस समय नगर निगम पर अकाली दल सत्तासीन है। मेयर कुलवंत सिंह अकाली दल में शामिल हो गए थे। इसलिए अब अकालियों का दबदबा है। जबकि कांग्रेसी पार्षदों को सरकार का सहारा है। पिछले तीन सालों में कांग्रेस सरकार बनने के बावजूद अकाली तथा कांग्रेसियों में निगम को लेकर खींचतान रही है। भले ही वो पूर्व लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का मेयर पर प्रूफिंग मशीन को लेकर हमला हो या स्थानीय विधायक बलबीर सिंह सिद्धू के साथ मंत्री बनने के बाद विकास कार्यों को लेकर विवाद हो। अकाली-भाजपा पार्षद शहर में रूके हुए विकास कार्यों के प्रस्तावों को रोकने का पूरा कारण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को मानते हैं। अब निगम का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर लगने से सभी मौजूदा पार्षद पूर्व हो जाएंगे और कांग्रेस सरकार अपने हिसाब से अब काम कर सकेगी। इसमें भी सबसे ज्यादा फायदा बलबीर सिंह सिद्धू को मिलेगा जो अब निगम से अपनी योजना के तहत कार्य करवाने में जुट जाएंगे।

जिले की सभी नगर परिषद तथा काउंसिल में भी लगाया एडमिनिस्ट्रेटर
मोहाली नगर निगम :
एडमिनिस्ट्रेटर कमिश्नर नगर निगम
डेराबस्सी नगर परिषद : एडमिनिस्ट्रेटर डिप्टी डायरेक्टर लोकल बॉडीज पटियाला
लालडू नगर काउंसिल : एडमिनिस्ट्रेटर डिप्टी डायरेक्टर लोकल बॉडीज पटियाला
बनूड़ नगर कांउसिल : एडमिनिस्ट्रेटर एसडीएम खरड़
कुराली नगर परिषद : एडमिनिस्ट्रेटर एसडीएम खरड़
खरड़ नगर परिषद : एडमिनिस्ट्रेटर डिप्टी डायरेक्टर लोकल बॉडीज पटियाला
जीरकपुर नगर कांउसिल : एडमिनिस्ट्रेटर डिप्टी डायरेक्टर लोकल बॉडीज पटियाला
नयागांव नगर परिषद : एडमिनिस्ट्रेटर एसडीएम खरड़
मोरिंडा नगर कांउसिल : एडमिनिस्ट्रेटर एसडीएम मोरिंडा
चमकौर साहिब नगर कांउसिल: एडमिनिस्ट्रेटर एसडीएम चमकौर साहिब