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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

24 दिन से 10 साल के इकलौते बेटे से भी रखनी पड़ रही दूरी

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  • डॉक्टर दंपती लाॅकडाउन से ही ड्यूटी पर, डाॅ. गीतांजलि बोलीं- बेटा समझता है पेरेंट्स के थर्ड बायो वॉर को 

दैनिक भास्कर

Apr 17, 2020, 06:10 AM IST

अम्बाला. डेंटल सर्जन डाॅ. गीतांजलि सिटी सिविल अस्पताल की उस टीम में है कोविड-19 के सैंपल लेती है। पति डेंटल सर्जन डाॅ. पुनीत शर्मा बलदेव नगर सिविल डिस्पेंसरी डेंटिस्ट सर्जन कार्यरत हैं लेकिन इन दिनों उनकी ड्यूटी मोबाइल ओपीडी में है। घर में कोई बड़ा नहीं है तो सुबह ड्यूटी पर निकलते वक्त 10 साल के इकलौते बेटे रिधांश शर्मा काे घर में लाॅक लगाकर छाेड़कर जाते हैं। डाॅ. गीतांजलि कहती हैं कि हमारे पेरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं तो अपनी ड्यूटी काे देखते हुए उन्हें यहां बुला भी नहीं सकते। अभी बेटे की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं तो वक्त न देने के कारण उसकी पढ़ाई प्रभावित हाे रही है। बेटा भी इस बात काे समझता है कि उसके पेरेंट्स थर्ड बाॅयाे वाॅर के लिए लड़ रहे हैं। 
गीताजंलि बताती हैं कि 23 मार्च से मेरा शेड्यूल बना हुआ है। पूरे दिन काेविड-19 के पेशेंट्स के सैंपल लेने होते हैं। ऐसे में रिस्क ज्यादा है तो मैं एक दिन छाेड़कर खुद काे आइसोलेशन में रखती हूं। खुद काे बेटे से अलग रखने के लिए अलग रूम में ही रहती हैं। बेटे काे अगर बात करनी होती है तो दरवाजे के पास आकर बात करता है। बेटे के लिए सुबह से लेकर रात तक का खाना बनाकर रखकर जाती हूं।  कई बार बेटा शिकायत करता है कि मम्मी आप घर पर क्यों नहीं रहते हाे। लेकिन समझता है कि उसके पेरेंट्स देश की सेवा में लगे हुए हैं। जब भी घर आते हैं तो बेटा दरवाजा खाेलकर चुपचाप कमरे में चला जाता है।

एक सप्ताह बाद आज 4 साल की बेटी से मिली हूं 

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सिविल अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ इमरजेंसी समेत अन्य वार्डों में भी विक्षम परिस्थितियों में ड्यूटी दे रहा है। सभी नर्सिंग स्टाफ को स्वास्थ्य विभाग ने ड्यूटी के बाद घर नहीं जाने की हिदायतें दी हैं, जिस कारण स्टाफ को किंगफिशर पर्यटक स्थल पर रहने की सुविधा दी गई है। 
नर्स मनप्रीत कौर जंडली की रहने वाली हैं, मगर एक सप्ताह से वह ऐहतियात के तौर पर घर नहीं गईं। किंगफिशर पर्यटक स्थल पर अन्य नर्सिंग स्टाफ के साथ उनके रहने की व्यवस्था की गई है। मनप्रीत बताती हैं कि अस्पताल में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के जब सैंपल लिए गए जिसके बाद वह भी घर नहीं जा सकी। वीरवार को करीब एक सप्ताह बाद वह घर जाकर अपनी बेटी से मिल सकी हूं।