- इनका तुजुर्बा आएगा काम, कर्फ्यू का पालन, क्वारेंटाइन, जरूरी चीजों की सप्लाई होगी यकीनी
दैनिक भास्कर
Apr 09, 2020, 04:29 AM IST
रोपड़. कोरोना वायरस को लेकर चल रहे कर्फ्यू में जहां आपने पुलिस को जिले में जरूरतमंदों को लंगर व सूखा राशन मुहैया करवाने, मुलाजिमों के परिवारों को लोगों के लिए मास्क बनाते व राशन पैकिंग करते देखा है। अब लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए एसएसपी स्वप्न शर्मा के प्रयासों के तहत पूर्व पुलिस अधिकारी व मुलाजिम भी जिले के नाकों पर ड्यूटी देने के लिए तैयार हो गए हैं। कुछ ने तो ड्यूटी देनी भी शुरू कर दी है ताकि इस संकट के समय में लोगों की सेवा कर सकें और अपने विभाग की सहायता कर सकें। इस संबंधी एसएसपी स्वप्न शर्मा ने कहा कि सेवामुक्त पुलिस मुलाजिमों ने खुद सहायता देने के लिए उनके साथ स्वेच्छा से काम करने की बात कही थी। इसके बाद उन्होंने उनके साथ बैठकें भी की थीं।
दिन-रात ड्यूटी कर रहे पुलिस मुलाजिमों पर भी काम का बोझ होगा कम
एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि जिले में कुल 15 सेवामुक्त कर्मचारियों में शामिल 1 डीएसपी, 12 इंस्पैक्टर, 16 सब इंस्पैक्टर, 21 एएसआई, 11 हवलदार व 4 सिपाही एनएफएल चौक नंगल से लेकर बनमाजरा से नया सतलुज ब्रिज घनौली तक 16 चेक प्वाइंटों की देखरेख कर रहे हैं। वह अपने इतने साल के तजुर्बे को कर्फ्यू, क्वारेंटाइन, कोरोना महामारी से लड़ने व जरूरी चीजों की सप्लाई को यकीनी बनाने में सहायता कर सकते हैं। इससे पहले 650 के करीब पुलिस मुलाजिम व महिला पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात थे।
समाज की सेवा करके खुश हूं : गुरमेल सिंह
सेवामुक्त इंस्पैक्टर गुरमेल सिंह ने कहा कि वह पंजाब पुलिस में 12 साल सीआईए इंचार्ज रहे हैं। उन्हें एक बार फिर लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। वह समाज की सेवा करके खुश हैं। इसी तरह चमकौर साहिब के गांव मक्कड़पुर के सेवामुक्त सब इंस्पैक्टर सतवीर सिंह ने कहा कि वह 2014 में रिटायर हुए थे। अब वह बस्सी गुज्जरां में ड्यूटी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं नए मुलाजिमों को सिखाऊंगा कि कर्फ्यू के हालातों से कैसे निपटा जाए।
राष्ट्र की सेवा सर्वोत्तम सेवा : प्रीतम सिंह
सेवामुक्त सब इंस्पैक्टर नसीब चंद जो कि गैंगस्टर ऑपरेशन के दौरान क्रॉस फायरिंग में घायल हो गए थे, ने कहा कि वह ड्यूटी पर आकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम नहीं आगे आएंगे तो फिर कौन पुलिस मुलाजिमों पर बढ़ रहे काम के ज्यादा बोझ को हल्का करेगा। सेवामुक्त हैड कांस्टेबल प्रीतम सिंह कहते हैं कि उनका बेटा सर्बजीत सिंह कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था और वह अब बेला चौक में पुलिस की सहायता कर रहे हैं। हमारे लिए राष्ट्र सर्वोत्तम है। मुझे खुशी है कि मैंने मुलाजिमों पर काम के बोझ को कुछ हद तक कम किया है।