कोरोना के खौफ के बीच लूट का खेल भी शुरू हो चुका है। सब्जी मंडी बंद होने की अफवाह फैलाकर सब्जी और फलों के रेट बढ़ा दिए गए हैं। वहीं मार्केट बंद होने की बात कहकर राशन की डिमांड कई गुणा बढ़ी तो रेट भी बढ़ा दिए।
इसी तरह मास्क और सेनिटाइजर के रेट को सरकार को अपने नियंत्रण में लेना पड़ा है लेकिन रेट पर नियंत्रण आज भी मेडिकल स्टोर संचालकों और इसे बनाने वालों का ही है। वहीं अब इसी दौर में घरेलू गैस सिलेंडर की भी कालाबाजारी शुरू हो गई है। जगाधरी में एक गैस एजेंसी के बाहर पोस्टर चस्पा दिया गया कि प्रिय उपभोक्ता, कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए जिन लोगों के पास एक सिलेंडर है, वे दूसरा ले लें। गैस की कमी आने वाली है। इससे वहां पर उपभोक्ताओं की लाइन लग गई। हालांकि डीएफएससी राजेश आर्य का कहना है कि गैस की कोई किल्लत नहीं है और न ही कोरोना के चलते आने वाली है। अगर एजेंसी संचालक ने ऐसा किया है तो उस पर एक्शन लिया जाएगा।
मंडी में प्याज, आलू के रेट आसमान छृूने लगेः कोरोना वायरस के इस तरह से बढ़ने से अफवाह फैल गई थी कि सब्जी मंडियां बंद कर दी गई हैं। इस अफवाह का फायदा व्यापारियों ने उठाया। चार दिन पहले तक आलू के रेट 10 से 15 रुपए किलो थे, लेकिन अब 35 से 40 रुपए तक पहुंच गया है। वहीं प्याज के रेट भी 50 रुपए पार कर चुके हैं। मटर पहले 15 से 20 रुपए किला थी लेकिन अब 40 से 50 रुपए तक है।
मास्क से सेनिटाइजर तक का रेट नहीं कंट्रोल में, जिन्हें कार्रवाई करनी, उन्हें बाजार में सब ठीक मिला
इन दिनों मास्क और सेनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ी हुई है। मास्क और सेनिटाइजर के नाम पर जो भी बन रहा है, सब बिक रहा है। वह भी मनमाने रेट पर। पिछले दिनों ही सरकार ने सेनेटाइजर के जो रेट तय किए, उसमें 200 एमएल का सौ रुपए, 100 एमएल का 50 रुपए व 500 एमएल का 250 रुपए में उपलब्ध है। मास्क भी 8 से 10 रुपए में उपलब्ध है। इससे ज्यादा पर बेचने पर कार्रवाई है। मास्क और सेनिटाइजर बेचने वालों पर नजर रखने की जिम्मेदारी डीएफएससी विभाग की है, लेकिन विभाग अब तक अपोलो फार्मेसी का ही चालान कर पाया है। शहर से लेकर कस्बे तक में टीम को नियम तोड़ता कोई नहीं मिला जबकि लोगों से हर मेडिकल स्टोर पर ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं।