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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

रियल एस्टेट- कामकाज के बारे में लोगों को जागरूक करने केलिए’माई एक्सपेरीमेंट विद रेरा बुक लिखी : जगदीश ख़ुशदिल किताब ‘माई एक्सपेरीमेंट विद रेरा ‘ का विमोचन किया

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चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। रियल एस्टेट कानूनों को सरल रूप में प्रस्तुत करने और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) व इसके कामकाज के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरदार जगदीश सिंह खुशदिल, माननीय सदस्य रेरा पंजाब द्वारा लिखी गयी किताब ‘माई एक्सपेरीमेंट विद रेरा ‘ का विमोचन किया यह आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) द्वारा किया गया था, जहां रेरा और रियल्टी रोडमैप २०२० जैसे एक महत्वपूर्ण विषय पर एक चर्चा भी हुई। बुक लॉन्च और चर्चा में भाग लेने वालों में लेखक जगदीश सिंह ख़ुशदिल, जगजीत सिंह माझा, अध्यक्ष, क्रेडाई पंजाब, हरीश गुप्ता, उपाध्यक्ष, क्रेडाई पंजाब, अरुण जिंदल, महासचिव, क्रेडाई पंजाब, उमंग जिंदल, संयुक्त सचिव, क्रेडाई पंजाब तथा तरनिन्दर सिंह, अध्यक्ष, क्रेडाई न्यू चंडीगढ़, प्रमुख थे।
आयोजन के पीछे का विचार यह था कि एक स्वस्थ, पारदर्शी, कुशल और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास और संवर्धन को बढ़ावा दिया जाये। रेरा एक प्राधिकरण है, जिसे रियल एस्टेट (विनियमन और विकास अधिनियम २०१६) को लागू करने के लिए स्थापित किया गया है।लेखक जगदीश सिंह ख़ुशदिल के पास विविध क्षमताओं के साथ ३५ वर्षों का शानदार अनुभव है। वह एक पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पूर्व सहायक अधिकारी, रेरा और पूर्व अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता मंच के पदों पर रह चुके हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, ख़ुशदिल ने कहा, ‘इस पुस्तक को लिखने के पीछे मुख्य कारण लोगों को अचल संपत्ति क्षेत्र से जुड़े कानूनों के बारे में अधिक जागरूक बनाना है। मेरा मानना है कि लोगों के एक बड़े वर्ग को अभी भी इनके बारे में जानकारी नहीं है जो रेरा के गठन के बाद शुरू हुआ है। ‘उन्होंने कहा, ‘यह एक कठिन और रूखा विषय है, इसलिए बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। विषय को रोचक बनाने के लिए मैंने अपनी पुस्तक में रेरा और संबंधित मुद्दों के बारे में सरल तरीके से विवरण प्रस्तुत किया है। मैंने उपभोक्ता अधिनियम, पापरा, टाउन व कंट्री एक्ट जैसे स्थानीय कानूनों को भी सरल तरीके से समझाया है, जो आम आदमी के लिए भी समझना आसान होगा। ‘इस अवसर पर, क्रेडाई पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह माझा ने खुशदिल को उनकी पुस्तक के लिए बधाई दी और कहा, ‘हमें विश्वास है कि इस किताब के माध्यम से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इस अनूठी साहित्यिक पहल के माध्यम से लोग कानूनों और रेरा के बारे में अधिक जागरूक होगें, जिससे अचल संपत्ति के कारोबार में अधिक पारदर्शिता आयेगी। इसका परिणाम यह होगा कि सिस्टम में उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा। प्रमुख हितधारकों के बीच जवाबदेही आएगी। ‘कुछ दिलचस्प जानकारियां, जो सामान्य रूप से लोगों को कम ही मालूम हैं, इस किताब का हिस्सा हैं। लेखक ने पुस्तक में विस्तार से बताया है कि यदि उपभोक्ता बाद में अनुचित और गैरकानूनी व्यवहार में लिप्त पाया जाता है तो प्रमोटर भी रेरा में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जो कि मौजूदा विश्वास के विपरीत है।पुस्तक रेरा और इसके उद्देश्यों को सभी हितधारकों तक पहुंचाने का कार्य करेगी। पुस्तक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पुलिस के पास अचल संपत्ति क्षेत्र में अपराधों का संज्ञान लेने की कोई शक्ति नहीं है और यहां तक कि अगर कोई उपभोक्ता दीवानी अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहता है, तो उसे रेरा से लिखित अनुमति लेनी होती है। इसलिए अब रेरा एकमात्र ऐसा निकाय बन गया है जो इस क्षेत्र में झगड़ों का हल करता है।

पुस्तक यह भी बताती है कि कैसे रेरा धीरे-धीरे अनधिकृत कालोनियों के लिए मौत की घंटी बजाएगा, जो कानून का उल्लंघन करके विकसित की गयी हैं।कुछ विशेषज्ञों ने इस बारे में बात की कि कैसे क्रेडाई ने, जिसके सदस्य २१ राज्यों में फैले हुए हैं और जिनमें २०,००० रियल एस्टेट डेवलपर्स शामिल हैं, रेरा के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरदार जगजीत माझा, अध्यक्ष, क्रेडाई जैसे विशेषज्ञों ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अचल संपत्ति क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘रियल एस्टेट उद्योग ४ करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है और २६९ विभिन्न उद्योगों से संबंध रखता है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में ८ प्रतिशत हिस्सा अचल संपत्ति का है, जो २०२५ तक १३ प्रतिशत को छूने के लिए तैयार है। ये आंकड़े राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद द्वारा जारी किये गये हैं। रेरा इस उद्योग के लिए एक वरदान है, क्योंकि यह गुणवत्ता के लिए नियम तय करेगा और यहां तक कि उद्योग को पूरी तरह से व्यवस्थित भी करेगा। ‘रियल एस्टेट इंडस्ट्री में सभी स्टेक होल्डर्स के लिए यह किताब एक रेडी-रेकनर की तरह है, फिर भले वे रियल एस्टेट डेवलपर हों, एजेंट, कंसल्टेंट या फिर एक उपभोक्ता। किताब श्रीराम लॉ हाउस पेपर-बैक फॉर्मेट में उपलब्ध है और इसे अमेजऩ पर भी ऑर्डर किया जा सकता है।