चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। देव समाज कॉलेज ऑफ एजूकेशन, सेक्टर 36 बी, चंडीगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में अंतर-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। सेमिनार का आयोजन कॉलेज परिसर में भारतीय सामाजिक विज्ञान और अनुसंधान परिषद (सीएसएसआर), पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के सहयोग से किया गया था।संगोष्ठी का फोकस शिक्षकों और प्रशिक्षु शिक्षकों के बीच शिक्षा के लिए इंटर-डिसिप्लिनरी एप्रोच शुरू करने की वैश्विक आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने पर रहा।देव समाज के सचिव और अध्यक्ष (डीएससीई) निर्मल सिंह ढिल्लों ने शिक्षा को समाज में आमूल परिवर्तन लाने के सबसे बड़े स्रोत के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने देव समाज द्वारा प्रचारित मूल्य आधारित शिक्षा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।प्रोफेसर संजय कौशिक, निदेशक,आईसीएसएसआर, डीन, कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ सेमिनार के मुख्य अतिथि थे।इस अवसर पर बोलते हुए, श्री कौशिक ने एक अच्छी पहल करने और एक प्रमुख विषय का चयन करने के लिए प्रिंसिपल को बधाई दी। उन्होंने शिक्षा और संगठनों के महत्व के बारे में अपने दृष्टिकोण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और देश की अर्थव्यवस्था को टिकाऊ बनाने में सहायता करने के लिए अंतर-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण की प्रमुखता पर जोर दिया।एगस इंद्र उदयन, एक गांधीवादी कार्यकर्ता और संस्थापक अध्यक्ष, आश्रम गांधीपुरी, बाली, इंडोनेशिया तथा संगीत विभाग की प्रोफेसर पंकज माला, पंजाब यूनिवर्सिटी, आयोजन की प्रमुख वक्ता थे । डीएससीई की प्रिंसिपल और सेमिनार की संयोजिका डॉ एग्निस ढिल्लों ने अपने संबोधन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कॉलेज की ओर से गणमान्य लोगों को पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया।एगस इंद्र उदयन ने महात्मा गांधी के शिक्षा दर्शन पर जोर दिया, जिसमें समकालीन शिक्षा प्रणाली में हस्तकला और उद्योग के समायोजन की आवश्यकता है।अंतर-विश्वास संवाद के माध्यम से लोकतंत्र के पोषण, धार्मिक सद्भाव पर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक नियमित भागीदार होने के नाते, वह सेमिनार, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और प्रार्थनाओं के माध्यम से गांधीवादी विचारधाराओं का प्रसार कर रहे हैं।बाली की प्रांतीय सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय में, उन्होंने उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक बाली द्वीप पुरा सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया है। एगस इंद्र उदयन को युवाओं के माध्यम से पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान हेतु पेमुडा परिविसाता हरपन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।इस आयोजन में दो तकनीकी सत्र शामिल थे। तकनीकी सत्र प्रथम का संचालन डॉ पंकज माला ने किया, जिन्होंने कला, विज्ञान और सौंदर्यशास्त्र के सह-अस्तित्व पर जोर दिया। तकनीकी सत्र द्वित्तीय में कई प्रतिनिधियों और अनुसंधान विद्वानों द्वारा पेपर प्रस्तुत किये गये, जिन्होंने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के विभिन्न संस्थानों से भाग लिया।सत्रों का समन्वय डॉ ऋचा शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएससीई और डॉ नीरू मलिक, सहायक प्रोफेसर, डीएससीई द्वारा किया गया।
Chandigarh TodayDear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org
Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020