Dainik Bhaskar
Feb 15, 2020, 09:28 AM IST
रवि शर्मा, पुणे. स्मार्टफोन की परिभाषा लगातार बदल रही है। पहले जहां इससे कॉलिंग, मैसेजिंग, चैटिंग के साथ कुछ यूटिलिटी ऐप्स के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब इसका काम प्रोफेशनल फोटोग्राफी और वीडियो बनाने का हो गया है। सभी कंपनियां फोन कैमरा के लेंस को पावरफुल बना रही है। इसी वजह से इस साल यानी 2020 में फोन कैमरा पहले से और ज्यादा पावरफुल हो जाएगा।
रेजोल्यूशन बढ़ेगा
2019 में 48एमपी और 64एमपी सेंसर्स बेहद आम हो गए थे। शाओमी एमआई नोट 10 ने 108एमपी को अफोर्डेबल बनाया। अब 2020 को 108एमपी का दौर कह सकते हैं। सैमसंग गैलेक्सी एस11 में 9टू1 पिक्सल बाइनिंग टेक्नोलॉजी के साथ 108 एमपी का अपना खुद का सेंसर मिल सकता है। सैमसंग 144 एमपी कैमरा सेंसर पर काम कर रहा है जिसका पिक्सल साइज 0.7यूएम होगा। सेंसर हार्डवेर भी ऐसे होंगे जो 200 एमपी सेंसर्स को सपोर्ट कर सकें।
वीडियो की रेंज बढ़ेगी
क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 चिप ज्यादातर फ्लैगशिप फोन्स को ताकत देगी। इससे 120 फ्रेम प्रति सेकंड पर 4X स्लोमोशन वीडियो कैप्चरिंग आसान होगी। वैसे 865 की क्षमता तो 720पी 960 फ्रेम पर सेकंड के सुपर स्लो-मोशन वीडियो की शूटिंग सपोर्ट कर सकता है। इस टेक्नोलॉजी से हाई-रेजोल्यूशन वीडियो या स्लो-मोशन वीडियो बिना किसी टाइम लिमिट के शूट कर सकते हैं।
सटीक फोकस
हाईएंड 2020 स्मार्टफोन्स में सोनी की 2X2 ऑन चिप लेन्स सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग शुरू हो रहा है। इसे ऑल पिक्सल ऑटोफोकस भी कहा जाता है। इसमें सेंसर के सभी पिक्सल का उपयोग फोकस डिटेक्ट करने में किया जाता है, जिससे हॉरीजॉन्टल ऑटोफोकस डिटेक्शन बेहतर होता है।
एआई फोटोग्राफी होगी स्मार्ट
लगभग हर स्मार्टफोन ब्रांड अपने फोन में किसी एआई टेक्नोलजी का इस्तेमाल कर रहा है। फोटो के रंग उभारने, शार्प करने के लिए इस साल बेहतर एआई फीचर मिलेंगे। इन्हें हासिल करने के लिए गूगल पिक्सल 4 जैसे स्मार्टफोन नहीं लेना है। यह टेक्नोलॉजी अब मिड रेंज फोन में दिखेगी।
ज्यादा जूम
2019 में कुछ फोन में टू ऑप्टिकल जूम कैमरे मिले थे। उच्च स्तरीय क्वालिटी के फोटो के लिए यह महंगा उपाय नहीं है। इसलिए मिड-रेंज में जूम क्षमता बढ़ना तय है।