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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जीवन की सच्ची घटनाओं को ड्रामा क्वीन में कलात्मक ढंग पेश करने की कोशिश

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। 12 से 60 साल की के जीवन को ड्रामा क्वीन में कलात्मक ढंग से नाटक में पिरोया है। जो न तो किसी लिंग पर आधारित है और न ही किसी व्यक्ति पर, बल्कि यह किसी भी व्यक्ति, चाहे वो पुरुष हो या महिला, की वो अभिव्यक्ति है, जिसे कभी-कभी जीवन के विभिन्न चरणों में देखा जाता है। हम सभी को जन्म के साथ ही साहस, प्यार, करुणा और समर्पण की शक्ति उपहार में मिलती है, जिसे हम जीवन के विभिन्न चरणों में सामने लाते हैं। जो हम बनना चाहते थे। इन पहलुओं को ड्रामा क्वीन में जीवन की कहानी के माध्यम से दिखाया गया है। यह निशा लूथरा ने पत्रकारो से रूबय होकर बताया । चंडीगढ़ स्थित थिएटर प्रोफेशनल निशा लूथरा, जो इस रीजन में अंग्रेजी थिएटर एवं ड्रामा के उत्कृष्ट मंचन के थिएटर संगठन दि नैरेटर्स की सह-संस्थापक हैं, एक अद्वितीय मोनो एक्ट नाटक – ड्रामा क्वीन का मंचन करेंगी। एक संदेश देने वाले इस नाटक का मंचन 7 फरवरी (शुक्रवार) को शाम 6.30 बजे टैगोर थिएटर में किया जायेगा। नाटक का विवरण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ साझा किया गया, जिसमें मोनो एक्टर, नाटककार और मुख्य पात्र निशा लूथरा, नाटक के निर्देशक डॉ. साहिब सिंह, दि नेरेटर्स के सह-संस्थापक और प्रोडक्शन हेड दीपक लूथरा एवं एक आयरिश संगीतकार जेनैन स्माईलैजिक ने हिस्सा लिया।निशा ने बताया कि निशा ने कहा, मैं पेशे से वकील हूं, लेकिन रंगमंच हमेशा से मेरा जुनून रहा है। रंगमंच मेरे लिए एक संजीवनी रही है, क्योंकि इसने मुझे खुश रहने की ताकत दी, बावजूद इसके कि मैं परिस्थितियों को काबू करने की कोशिश कर रही थी। रंगमंच के जरिए मैं अभिनय के प्रति अपने जुनून को जी रही हूं। नाटक के जरिये उन सभी लोगों को एक संदेश देना है, जिनके पास सपने हैं और कुछ करने का जुनून है, भले ही उनके रास्ते में कितनी ही चुनौतियों या संकट क्यों न आएं। दि नैरेटर्स के संस्थापक और प्रोडक्शन हेड दीपक लूथरा ने कहा, ड्रामा क्वीन नाटक निशा लूथरा के जीवन की सच्ची घटनाओं पर आधारित सोलो एक्ट है। इस कहानी को लिखने और बताने की प्रेरणा उन्हें अपने खुद के जीवन से मिली। जीवन में हममें से कई लोग कई तरह की परेशानियों से गुजरते हैं, जो कभी-कभी जीवन की सच्चाई से रूबरू कराती हैं। हालांकि, हम कुछ ऐसे लोगों को भी देखते हैं, जो हार नहीं मानते और जीवन की उथल-पुथल से उबर जाते हैं। इसी तरह का जीवन नाटककार का रहा है, जिन्होंने इसके बारे में लिखने का साहस किया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि उसे खुद ही पेश भी कर रही हैं। यह नाटक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे को टच करेगा, जिसे हमेशा सकारात्मक रखने की जरूरत है।डॉ. साहिब सिंह ने कहा, निशा ने इसमें छह कैरेक्टर निभाए हैं, जो उनके जीवन की यात्रा का एक हिस्सा रहे हैं। इसमें कोरियोग्राफी खुद निशा की है। उन्होंने संगीत, नृत्य और ड्रामा के फ्यूजन से विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया है। इस नाटक में प्रेम, हास्य, करुणा, त्याग, त्रासदी और भावनाओं का एक संतुलित मेल सामने आयेगा। नाटक के दौरान लाइव गीतों में अपनी शानदार आवाज और संगीत का स्पर्श देने के लिए आयरिश संगीतकार जेनैन स्माईलैजिक विशेष रूप से आयरलैंड से यहां पहुंचे हैं।आयरलैंड दूतावास नाटक के साथ जुड़ा हुआ है। नई दिल्ली में आयरलैंड की इमिग्रेशन एवं वीसा सेक्शन की हेड सुश्री एमर डेविस सम्मानित अतिथि होंगी। इतना ही नहीं, ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बैरन ऑफ मेलोन, दलजीत सिंह राणा भी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।नाटक 1 घंटा 15 मिनट की अवधि का है और ज्यादातर अंग्रेजी में है। राजन अरोड़ा सहायक निर्देशक हैं और बैक स्टेज टीम में लकविंदर सिंह और निकशा प्रमुख हैं, जबकि प्रचार और लॉजिस्टिक का संचालन मनिका और राजिंदर सिंह देखेंगे।