- आप ने कहा- बादलों के नक्शे कदम पर चल रही है कैप्टन सरकार
- सरकार का निर्णय: कमेटी बनेगी जो बताएगी विभिन्न प्रॉपर्टीज का ब्यौरा
Dainik Bhaskar
Feb 06, 2020, 08:35 AM IST
चंडीगढ़. सूबे के आर्थिक हालात को लेकर चिंतित कैप्टन सरकार ने अब इससे उभरने के लिए विभिन्न सरकारी प्रॉपर्टी का सहारा लेने की योजना बनाई है। इसलिए सरकार ने रेवेन्यू, लोकल बॉडीज, पूडा, गमाडा, गलाडा विभागों को प्रॉपर्टीज का सर्वे करने के लिए कहा है ताकि आवश्यकता के अनुसार उन प्रॉपर्टीज को बेचकर या गिरवी रखकर राज्य के खर्चों को पूरा किया जा सके, लेकिन बेचा उन्हीं प्रॉपर्टीज को जाएगा जिनकी कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक होगी।
इससे पहले एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी सभी विभागों से विभिन्न प्रॉपर्टीज का ब्यौरा लेगी और सरकार के समक्ष रखेगी। उसके बाद उन प्रॉपर्टी को बेचने या गिरवी रखने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में रखा जाएगा। मंत्रिडमंडल की मंजूरी मिलने के बाद प्रॉपर्टीज को बेचा या गिरवी रखा जाएगा।
अकाली भाजपा सरकार ने भी सरकारी प्रॉपर्टीज को बेचा था
इससे पहले अकाली भाजपा सरकार ने भी पंजाब की प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर या बेचकर सरकार के खर्चों के लिए पैसा जुटाया था। हालांकि सुखबीर बादल ने कहा था कि हमने उन्हीं प्रॉपर्टी को बेचा है, जहां से सरकार को रेवेन्यू आता रहेगा और सरकार की आय का संसाधन बना रहेगा।
7 शहरों का किया चयन
राज्य सरकार ने रेवेन्यू, लोकल बॉडीज, पुडा, गमाडा, गलाडा विभागों को 7 शहरों में प्रॉपर्टी का चयन करने को कहा है। इनमें पटियाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, बठिंडा और मोहाली शामिल हैं। इन शहरों का सर्वे करने के बाद चयनित प्रॉपर्टीज को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद इस पर आगे फैसला लिया जाएगा।
सरकार को खोजने चाहिए आय के विकल्प: दलजीत
पूर्व मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि सरकार को प्रॉपर्टी नीलाम करने का फैसला लेने के बजाय आय के अन्य संसाधन खोजने चाहिए ताकि सरकारी संपत्ति को नुकसान न हो। लेकिन कांग्रेस सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में संलिप्त है। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए तीन साल हो चुके हैं लेकिन मंत्री केवल अपने लिए सोचते हैं, राज्य के लिए नहीं।
सरकारों को बढ़ाने चाहिए अपने आय के संसाधन: हरपाल चीमा
आप के वरिष्ठ नेता हरपाल चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार भी बादलों की राह पर चल रही है। पहले बादल सरकार ने प्रॉपर्टीज बेचकर राज्य को लूटा। अब कांग्रेस सरकार भी उसकी राह पर चल निकली है। लगता है कि दोनों ने तय कर ली है कि जिसकी बारी आए वह अपना अपना हिस्सा लेते रहे। प्रॉपर्टीज बेचने के बजाय आय के संसाधन बढ़ाने चाहिए ताकि सरकार के खर्चे आसानी से चलते रहे लेकिन कांग्रेस और अकाली सरकारों ने कभी सोचा ही नहीं।