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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पाकिस्तान में उत्पीड़न से त्रस्त 2210 सिंधी-हिंदू 34 दिन में पहुंचे भारत

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  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत से संबंधित 2 जत्थों में 200 हिंदू अटारी बाॅर्डर के रास्ते भारत पहुंचे
  • यह सभी राजस्थान के विभिन्न जिलों में बसने वाले अपने रिश्तेदारों के यहां जाएंगे

Dainik Bhaskar

Feb 04, 2020, 09:24 AM IST

अमृतसर. सोमवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से संबंधित 2 जत्थों में 200 हिंदू अटारी बाॅर्डर के रास्ते भारत पहुंचे। यह सभी राजस्थान के विभिन्न जिलों में बसने वाले अपने रिश्तेदारों के यहां जाएंगे। हालांकि यह खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सपरिवार बर्तन और अन्य जरूरी सामान के साथ आने के चलते स्पष्ट है कि यह वापस जाने के लिए नहीं आए हैं। इसमें से कुछेक ने अपने साथ वहां हो रही ज्यादतियों के बारे में बोला भी और कहा कि ‘चाहे जान ले लो, मगर वापस जाने के लिए न कहो..’। आमतौर पर सिंध समेत पाकिस्तान के अन्य दूर-दराज के इलाकों, जहां पर हिंदुओं का उत्पीड़न होता है, से भारत की तरफ पलायन होता रहता है। पहले महीने में बामुश्किल दो-चार लोग धार्मिक यात्रा या फिर रिश्तेदारों से मिलने के बहाने आया करते थे। इनके आने का साधन दोनों मुल्कों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस हुआ करती थी, लेकिन अब यह बंद है। नतीजतन उनको पैदल ही आना पड़ रहा है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 की 1 से 31 जनवरी तक 2010 हिंदू अटारी-वाघा के रास्ते भारत आए। 1 से 2 फरवरी तक कोई नई आया और अब 3 फरवरी को 200 लोग आए हैं। सरहद पार से आए रमेश, धर्मदास (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वहां जीवन बड़ा दुश्वार था। कट्टरपंथी उनको जीने नहीं देते। बाजार-मार्केट में निकलने पर बहू-बेटियों पर फब्तियां कसते हैं। दुकानों से जबरन वसूली करते हैं। उक्त लोगों का कहना है कि अब तो हिंदुओं की कुवारी लड़कियों ही नहीं, बल्कि विवाहिताओं का अपहरण करके जबरन उनका धर्मांतरण करवा निकाह कर लिया जाता है। उनका कहना है कि अब भारत ही एकमात्र सहारा है। जत्थे में शामिल विमला, सरोज (बदला नाम) ने बताया कि उत्पीड़न होने पर पुलिस भी मदद नहीं करती।

उल्टे उन पर पर्चे कर दिए जाते हैं। एक महिला ने बताया कि पिछले दिन ऐसे मुद्दों पर उसकी वीडियो वायरल हो गई थी। नतीजतन उसके परिवार पर हमले होने लगे थे, मुश्किल से जान बचाकर आए हैं। पाक से सूरज का कहना है कि भारत में यहां की सरकार की तरफ से लाए नागरिकता वाले कानून से उनको काफी उम्मीद है। उसका कहना है कि अगर नागरिकता नहीं मिली तो वापस चले जाएंगे। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट की माने ंतो पाकिस्तान के सिंध जैसे प्रांत में महिलाओं का धर्मांतरण सबसे अधिक होता है। साल 2019 से अब तक वहां पर 60 महिलाओं को जबरन इस्लाम कबूल करवाकर मुस्लिम युवकों से शादियां की गई हैं। इसमें कई विवाहिताएं शामिल हैं। कई तो ऐसी भी रहीं जिनकी हत्या तक कर दी गई।

पाक के खिलाफ खुलकर मैदान में आई दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी, गृहमंत्री से जल्द करेगी मुलाकात
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही ज्यादतियों और धर्मांतरण के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी खुलकर मैदान में आ गई है। कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया है कि पाक सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अटारी बाॅर्डर पर पाकिस्तान से पलायन करके आए सिख डॉ. परिवार को रिसीव करने पहुंचे सिरसा ने कहा कि पाकिस्तान में दलित हिंदू-सिख ही नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे हिंदू-सिख परिवार भी अत्याचार झेल रहे हैं। उन पर भी जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जाता है और पाकिस्तान सरकार उनकी कोई सहायता नहीं करती है। सिरसा का कहना है कि वह इस परिवार को जल्द से जल्द भारत की नागरिकता दिलवाने के सिलसिले में भारत के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इस मुद्दे बारे बात करेंगे।