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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भारतीय टीम का माइंडसेट बेहतरीन, किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानती

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  • भारत ने आखिरी ओवर में हार को बदलते हुए तीसरे और चौथे टी-20 को टाई कराया
  • इसके बाद टीम इंडिया ने दोनों मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ सुपर ओवर में जीत दर्ज की

Dainik Bhaskar

Feb 02, 2020, 08:24 AM IST

खेल डेस्क. मौजूदा भारतीय टीम अच्छी है? इसका कारण यह नहीं है कि टीम में काफी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं। बल्कि उनका माइंडसेट है। मैच किसी भी कंडिशन में हो लेकिन वे हार नहीं मानते। भारत ने तीसरे और चौथे मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ सुपर ओवर में जीत दर्ज की। लेकिन मैच का सुपर ओवर में जाना महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि मैच का अंतिम ओवर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहा। दोनों में टीम हार के नजदीक थी लेकिन यहीं से मैच बदला। यह बताता है कि भारतीय टीम कठिन समय में कैसे प्रदर्शन करती है। मैच में आसान जीत भी महत्वपूर्ण होती है लेकिन रोमांचक जीत याद रहती है।

यह याद रखने वाली बात है कि टेस्ट में टीम इंडिया पिछले 36 महीने से नंबर-1 पर है। वनडे में टीम नंबर-1 और नंबर-2 के बीच रही। लेकिन टी20 में टीम टॉप-3 में भी नहीं है। हालांकि पॉइंट में टीम अधिक पीछे नहीं है। पिछले कुछ सालों में टीम के तीनों फॉर्मेट में अच्छे प्रदर्शन का कारण क्या रहा? इसके तीन बड़े कारण हैं। पहला तेज गेंदबाजी में अच्छे खिलाड़ी, दूसरा आक्रामक कप्तानी और तीसरा खिलाड़ियों के बीच टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा।

कोहली ने ड्रेसिंग रूम का माहौल बदल दिया

पिछले काफी दशक से हमें अच्छे खिलाड़ी देखने को मिल रहे हैं। इस कारण दूसरे और तीसरे कारण ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। कोहली अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित करने से आगे निकल गए हैं। उन्होंने ड्रेसिंग रूम का माहौल बदला है। मनीष पांडे चौथे मैच में अर्धशतक लगाकर चर्चा में आए हैं। घरेलू क्रिकेट में मनीष नंबर-3 या नंबर-4 पर खेलते हैं। लेकिन भारतीय टीम में उनकी जगह नंबर-6 पर है। टॉप-4 में कोई जगह खाली नहीं है। यह ऋषभ पंत और संजू सैमसन जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए सीख है तो मुश्किल में टीम में जगह बना पा रहे हैं।

न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप में अच्छा खेली थी

अगर पूछा जाए कि इतनी अच्छी टीम होने के बाद भी टीम इंडिया ने छह महीने पहले वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को क्यों हरा सकी थी तो इसका केवल एक की कारण हैं उस दिन न्यूजीलैंड ने अच्छा खेल दिखाया। खेल में ऐसे उदाहरण हमें देखने को मिलते हैं जब एक खराब दिन काफी कुछ कर जाता है। 1983 के वर्ल्ड कप फाइनल में विंडीज टीम फाइनल में भारतीय टीम से हार गई। हालांकि यह नहीं कर सकते हैं कि मौजूदा भारतीय टीम 1975-90 वाली विंडीज याद 1990-2008 वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम है। कोहली की टीम अभी इस श्रेणी में आने से दूर है। जीत का सिलसिला इस तरह से जारी रहा तो टीम को इस श्रेणी से बाहर करना असंभव होगा।