गुरु नानक खालसा कॉलेज में एनएसएस शिविर के दौरान दिव्य ज्योति जागृति संस्थान को आमंत्रित किया गया।
साध्वी सत्या भारती और प्रजीता भारती मौजूद रहीं। उन्होंने मानवीय मूल्यों के लिए समय की पाबंदी, चरित्र निर्माण, बड़ों का सम्मान आदि मूलभूत तत्वों की आवश्यकता को युवा पीढ़ी के समक्ष रखा। कहा कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरित होकर अपने जीवन को आदर्शवादी बनाना चाहिए। किसी चीज की अधिकता हमारे जीवन में विष के समान है, जो हमारे भीतर की मानवता को समाप्त कर देती है। आजकल की युवा पीढ़ी अपनी शक्ति से अनभिज्ञ स्वयं अपने पांव पर कुल्हाड़ी चला रही है। वह अपने कीमती जीवन को व्यर्थ के कार्यकलापों जैसे मोबाइल फोन, नशाखोरी आदि में गंवा रहे हैं। मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग उनके चरित्र का हनन कर रहा है, जो युवा अपनी ही तृष्णाओं और विषय वासनाओं से क्षीण हो चुका है। अपने देश की प्रगति में कैसे सहभागी हो सकता है। पहले स्वयं की कमियों को दूर करके खुद में बदलाव लाना होगा तभी हम अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व को निभा पाएंगे, जिस देश में हम रहते हैं हमारा उसके प्रति भी कर्तव्य है।
हमें अपने जीवन का कुछ समय देश के विकास हेतु लगाना चाहिए ताकि हमारे भारतवर्ष की गरिमा बनी रहे। मुख्य अतिथि कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. मेजर एचएस कंग व डॉ. उदय भान सिंह, एमएलएन कॉलेज के गणित विभाग के प्रोफेसर पलक ग्रोवर, गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्रोफेसर आराधना मल्होत्रा व अमन मल्होत्रा तथा संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर लवलीन ग्रोवर तथा डॉ ज्ञान भूषण, डॉ. विनय चंदेल व डॉ. नीना पुरी भी मौजूद रहे।
प्रवचन