Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

दलित समाज संगठनों ने पूर्व महापौर राजेश कालिया व नगर निगम के आयुक्त का विरोध प्रदर्शन कर पुतला जलाया

0
65

चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री।चंडीगढ़ डडू माजरा कॉलोनी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप धलोड की अध्यक्षता में आज-24-01-2020 डडू माजरा कॉलोनी में विभिन्न दलित समाज से जुड़े हुए संगठनों ने पूर्व महापौर राजेश कालिया व नगर निगम के आयुक्त का पुतला जलाया।कुलदीप धलोड एवं महासचिव सतीश गुगलिया ने प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि निगम के पूर्व महापौर राजेश कालिया के नगर निगम के महापौर रहते हुए दिवेश की भावना से ये सब किया क्योंकि समाज द्वारा श्री कालिया को समाज के इतने बड़े महोत्सव में ना तो आमंत्रित किया गया था और ना ही उन्हें बतौर गेस्ट बुलाया गया था बल्कि उनकी महोत्सव के दौरान चंडीगड़ में लगाए गए बैनर पोस्टरों पर फोटो तक नहीं लगाई गई इससे नाराज होकर श्री कालिया ने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए निगम के आयुक्त से बातचीत करके महोत्सव के बैनर ओं पोस्टों पर उनकी फोटो ना लगने का संज्ञान लेते हुए निगम के कमिश्नर द्वारा वार्तालाप कर 68 लाख का जुर्माना लगवा दिया।उन्होंने ने कहा कि यहां बताना जरूरी है कि भगवान वाल्मीकि व दलितों के मसीहा डॉ बी आर अंबेडकर किसी भी एडवर्टाइजमेंट के दायरे में नहीं आते लेकिन पूर्व महापौर कालिया और नगर निगम के आयुक्त द्वारा हिंदू लोगों के महोत्सव को निशाना बनाया गया, हिंदू लोग अपने समाज का महोत्सव के दौरान प्रचार प्रसार ना कर सके आपकी जानकारी में ला की कमेटी के चेयरमैन कि अकेले की ही फोटो नहीं थी बल्कि समाज के विभिन्न नेताओं की भी फोटो बैनर पोस्टर पर लगी हुई थी और किसी के खिलाफ कोई नोटिस नहीं भेजा गया बल्कि उल्टा श्री गुरु चरण को नोटिस के साथ-साथ निगम की ड्राइवर की पोस्ट से भी निष्कासित कर दिया गया जो समाज के लोगो के लिये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निंदनीय घटना है।उन्होंने ने कहा कि निगम सदन की बैठक के दौरान श्री कालिया घडय़िाली आंसू इसलिए बहा रहे, थे क्योंकि दलित समाज ने श्री राजेश कालिया का बहिष्कार कर दिया है और श्री कालिया से किनारा कर कर लिया है इनसे समाज ने दूरी बना ली है। समाज से से सम्बंधित लोगो द्वारा सोशल मीडिया कालिया पर सवाल दागे जा रहे हैं जब कालिया महापौर के पद पर थे तो खुद अपने ही समाज द्वारा निकाली गई शोभायात्रा के बैनर पोस्टरों पर 68 लाख का जुर्माना कराते हैं और आप कमेटी के चेयरमैन को बाहर का रास्ता दिखाते हैं लेकिन जैसे ही महापौर के पद से आप प्रमुख होते हैं तो उन्हें समाज की चिंता सताने लगी श्री कालिया ने अपने ही समाज की पीठ में खंजर ठोक दिया है समाज अब इन्हें कतई माफ नहीं करने वाला सारा समाज आज कालिया का बहिष्कार कर रहा है समाज के लोगों का कहना है जो अपने समाज का नहीं या सनातन धर्म के चित्रकार दर्शी महा ऋषि वाल्मीकि का कैसे हो सकता है कालिया अपने आपको समाज के ठेकेदार कहलाता है और अगर सचमुच समाज का हितेषी है तो जिस दिन भगवान के पोस्टरों पर 68 लाख जुर्माना लगाया गया था उस दिन आप महापौर पद से इस्तीफा दे देते और समाज की दर्द पीड़ा में शामिल हो जाते आज समय बीत चुका है और राजनीति पावर का नशा उतर चुका है और जिस समाज से आप संबंध रखते हो वह समाज आप के खिलाफ सडक़ों पर है और भगवान श्री वाल्मीकि जी और जिसके संविधान की वजह से आप महापौर बने हैं वह आपको कभी भी माफ करने वाला नहीं और यह जो समाज ने संघर्ष शुरू किया है जब तक 86 लाख व गुरचरण की नौकरी की बहाली नहीं होती तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा