- बच्चों के विकास के लिए सरकार पंजाब स्टेट अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन पॉलिसी’ बनाएगी
- प्ले वे के लिए सरकार तय करेगी नीति, इसके लिए विभागों से दो हफ्तों में सुझाव मांगे।
Dainik Bhaskar
Jan 21, 2020, 09:11 AM IST
चंडीगढ़ . राज्य के सरकारी एवं निजी स्कूलों के प्ले वे और आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को मां बोली पंजाबी और अंग्रेजी सिखाई जाएगी। इसके अलावा तहजीब और सलीका भी सिखाया जाएगा। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि बच्चों को प्ले वे से सही ढंग से शिक्षित किया जा सके। वहीं लड़कियों को गुड टच और बैड टच के बारे में भी बताया जाएगा। इसके लिए सरकार 6 साल तक के बच्चों के विकास के लिए पंजाब स्टेट अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन पॉलिसी’बनाने जा रही है। इस पालिसी को तैयार करने के लिए अधिकारियों से पहली फरवरी तक सिफारिशें मांगी गई है। इस नीति को मंत्रिमंडल से मंजूर करवा कर इस साल लागू कर दिया जाएगा। इसको लेकर सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी की अध्यक्षता में अधिकारियों की मीटिंग भी हुई। इस पॉलिसी’ के तहत राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी प्ले-वे स्कूल नियमित किये जाएंगे। प्ले-वे स्कूलों और आंगनबाड़ियों का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया जाएगा।
प्ले-वे स्कूलों को एक्ट के अधीन लाने को मांगे 2 हफ्ते में सुझाव
इस नीति का मंतव्य सभी सरकारी और गैर सरकारी प्ले-वे स्कूलों को कानूनी तौर पर एक्ट अधीन लाना है। इस बारे में विभागों से दो हफ्तों में सुझाव और नीति की रूप-रेखा तैयार करने के लिए लोगों से भी विभाग की वेबसाइट पर सुझाव मांगे जाएंगे। जिससे पंजाब के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जा सके।
पीएयू की स्टडी सौंपने को कहा…
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस नीति में खोज वाले पहलुओं को पहल दी जाएगी। पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी को की स्टडी सामाजिक सुरक्षा विभाग को सौंपने के लिए कहा है। नीति बनाते समय ध्यान में रखा जा सके।
दिव्यांग बच्चों के शारीरिक विकास का रखा जाएगा ध्यान
यह नीति बनाते समय दिव्यांग बच्चों के पक्ष को ध्यान में रखा जाएगा। उनके बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए पौष्टिक खुराक देने पर भी ध्यान दिया जाएगा। बच्चों को नैतिक शिक्षा और पर्यावरण को बचाने और पानी के संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी।