Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से, हंगामे के आसार, नहीं होगा प्रश्नकाल

0
439

  • केंद्र की ओर से पास किया गया एससी एसटी रिजर्वेशन संशोधन एक्ट का प्रस्ताव रखा जाएगा
  • राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा सत्र, इसके बाद होगी चर्चा

Dainik Bhaskar

Jan 20, 2020, 09:38 AM IST

चंडीगढ़ (मनोज कुमार)। हरियाणा विधानसभा का दो दिवसीय सत्र सोमवार को शुरू होगा। जिसमें पहले राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का अभिभाषण होगा। इसके बाद कुछ अन्य कार्य पूरा कर केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए एससी एसटी रिजर्वेशन संशोधन एक्ट को विधानसभा में पास कराया जाएगा। जिसके उपरांत राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। 

हालांकि प्रदेश में पिछले कुछ समय धान घोटाला, पोस्ट स्कॉलरशिप घोटाला के अलावा सीआईडी का विवाद चर्चा में है, जिसे लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास भी करेगा। ऐसे में विधानसभा में हंगामे के भी पूरे आसार हैं। हालांकि इस बार प्रश्नकाल नहीं रखा गया है, ऐसे में विधानसभा में विधायक अभिभाषण पर चर्चा के वक्त ही अपने इलाके के मुद्दे उठा सकेंगे। 21 जनवरी को सत्र समापन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जवाब देंगे। 

हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू होगा। जिसमें संबंधित एससी-एसटी संशोधन एक्ट का प्रस्ताव रखा जाएगा। इससे पहले राज्यपाल का अभिभाषण होगा। उनका प्रयास होगा कि सभी विधायक अभिभाषण पर चर्चा में जरूर शामिल हों।

ऐसे चलेगा सत्र
सुबह 10 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग होगी। इसके बाद 11 बजे सत्र शुरू होगा। सबसे पहले राज्यपाल का अभिभाषण होगा। जिसके बाद अन्य कार्य किए जाएंगे। 21 जनवरी की सुबह 10 बजे फिर सत्र शुरू होगा जो करीब एक बजे तक चल सकता है। क्योंकि इसके बाद विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा। सोमवार को एससी एसटी संशोधन एक्ट पास किया जाएगा। प्रदेश में विधानसभा की दस और लोकसभा की 2 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं।

दूसरे दिन दिया जाएगा प्रशिक्षण
हरियाणा विधानसभा में चुनकर पहुंचे विधायकों को विधायी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण विशेष सत्र के बाद मंगलवार दोपहर उपरांत करीब तीन बजे शुरू होगा। दो दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आखिरी दिन बुधवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला करीब 40 मिनट तक विधायकों को विधायी कार्यों का पाठ पढ़ाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोकसभा और राज्य सभा के अफसरों के अलावा प्रदेश के लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य भी पहुंचेंगे। 

विधानसभा सचिवालय की ओर से भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संबोधन से शुरू होगी। इसके बाद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और लोकसभा के तीन सीनियर अफसर विनय कुमार मोहन, जय कुमार और पुलीन बी भोटिया विधायकों को विधायी कार्यवाही के बारे में विस्तार से बताएंगे। प्रदेश के 90 विधायकों में 44 पहली पर चुनकर आए हैं। जबकि 18 विधायकों दूसरी बार विधानसभा तक पहुंचे हैं। बता दें कि यह पहली बार होगा जब विधानसभा में ही विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले बाहर ही प्रशिक्षण दिया जाता रहा है।

सीटिंग प्लान में बदलाव
विधानसभा में सीटिंग प्लान में कुछ बदलाव किया गया है। इनेलो के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला व हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा को अब पीछे बैठना पड़ेगा। इनकी सीटें निर्दलीयों के आस-पास रहेगी। निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है।

यह भी जानें
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि यदि दिसंबर तक सत्र बुलाया जाता तो राज्यपाल के अभिभाषण की जरूरत नहीं होती। क्योंकि राज्यपाल का अभिभाषण केवल नव निर्वाचित विधानसभा के प्रथम सत्र में और हर कैलेंडर वर्ष के पहले सत्र के दौरान ही होना आवश्यक होता है। यह 2020 का पहला सत्र है। इसलिए अभिभाषण होगा। हरियाणा विधानसभा बनने के बाद पिछले 53 वर्षो में हर दस दस वर्ष के बाद अर्थात वर्ष 1969 -70 , 1979 -80 , 1989 -90 , 1999 -2000 और 2009 -2010 के दौरान जब जब संसद के दोनों सदनों द्वारा उक्त संविधान संशोधन विधेयक पारित कर एससी/एसटी. के लिए लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओ में सीटों के आरक्षण को आगामी दस वर्ष के लिए बढ़ाया गया, तो हरियाणा विधानसभा केवल वर्ष 1980 में 4 मार्च को तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा , वर्ष 1990 में 16 जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला द्वारा एवं वर्ष 1999 में 15 नवंबर को संसदीय कार्य मंत्री संपत्त सिंह द्वारा ऐसा सरकारी संकल्प सदन में पारित कर संबंधित संविधान संशोधन विधेयकों का समर्थन किया गया।