- महिला आयोग का दावा- थाने में चालू हालत में 2 टॉयलेट, एसआई ने गृहमंत्री को पत्र में झूठ लिख कराई बहाली
- महिला एसआई स्टैंड पर कायम- महिलाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहींं, तभी कार्रवाई वापस हुई
- आयोग ने कहा- महिला एसआई के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार व गृहमंत्री को भेजेंगे रिपोर्ट
Dainik Bhaskar
Dec 30, 2019, 06:20 AM IST
हिसार/पानीपत (भूपेश मथुरिया). महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज ने पानीपत सिटी थाने में टॉयलेट न होने के प्रकरण में महिला एसआई की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। भारद्वाज का कहना है कि एसआई ने महिला होने का फायदा उठाकर गलत तर्क देकर सस्पेंशन खत्म कराई है।
थाने से गैरहाजिरी होने पर गृहमंत्री अनिल विज ने उसे निलंबित किया था, लेकिन बाद में उन्हें पत्र लिखकर गैरहाजिरी होने का जो तर्क दिया है, वह बेबुनियाद साबित हुआ है। एसआई ने बताया था कि थाने में शौचालय नहीं था, इसलिए क्वार्टर में गई थी। सच्चाई जानने के लिए थाने के एसएचओ व जिला एसपी सुमित को पत्र भेजकर तीन-तीन सवाल महिला शौचालय है या नहीं, कब से नहीं है और क्यों नहीं है, पूछे गए थे। जिम्मेदारों ने बताया कि थाने में 2 चालू हालत में शौचालय हैं। महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था है। तीन और महिला कर्मी वहां काम करती हैं, लेकिन किसी से शिकायत नहीं मिली।
गृहमंत्री अनिल विज के निरीक्षण के दौरान एसआई 15-20 मिनट नहीं बल्कि एक से डेढ़ घंटे तक गैरहाजिरी रही थी। महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। अब एसआई के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश के साथ गृहमंत्री अनिल विज और सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी, लेकिन आरोपी महिला एसआई अब भी अपने स्टैंड पर कायम है। उनका कहना है कि महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं थी।
ये है प्रकरण
गृहमंत्री अनिल विज ने 15 नवंबर को पानीपत सिटी थाने का निरीक्षण किया था। तब एसआई निर्मला गैरहाजिर थीं। ड्यूटी से गायब मिलने पर विज ने निलंबित किया था। हाल ही में उन्होंने गृहमंत्री विज को पत्र लिखा कि ‘16 नवंबर को जब आप थाने में आए तो मैं 15 मिनट के लिए थाना परिसर स्थित अपने क्वार्टर पर वॉशरूम के लिए गई थी, थाने में महिलाओं के लिए अलग टॉयलेट नहीं है। आपके आने की सूचना मिलते ही लौट आई। इसके बाद उसे बहाल कर दिया था।