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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

इन 10 सवालों से समझें आईपीएल में इस्तेमाल होने वाले नियम

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  • आईपीएल के 13वें सीजन की नीलामी 19 दिसंबर को कोलकाता में होगी
  • 332 खिलाड़ियों में से इस लीग के लिए अधिकतम 73 प्लेयर खरीदे जाएंगे

Dainik Bhaskar

Dec 17, 2019, 08:33 AM IST

खेल डेस्क. आईपीएल के 13वें सीजन के लिए 19 दिसंबर को दोपहर 3.30 बजे कोलकाता में नीलामी होगी। 332 खिलाड़ियों में से इस लीग के लिए अधिकतम 73 खिलाड़ी चुने जाएंगे। इस बार नीलामी की शुरुआत बल्लेबाजों से होगी। इसके बाद ऑलराउंडर्स और विकेटकीपर्स पर बोली लगेगी। नीलामी के दौरान सबकी नजर किस खिलाड़ी पर सबसे ज्यादा बोली लगी, कौन सा खिलाड़ी, किस टीम में गया, किस फ्रेंचाइजी ने कितने खिलाड़ी खरीदे, इस पर रहती है। लेकिन इसके लिए जरूरी नियम क्या हैं, इस बारे में लोग कम ही जानते हैं। हम आपको आसान सवाल-जवाबों के जरिए नीलामी से जुड़े तमाम छोटे-बड़े नियम समझाएंगे।

1. आईपीएल नीलामी की प्रक्रिया क्या है?

नीलामी के दिन फाइनल लिस्ट में शामिल 332 खिलाड़ियों को उनके रोल के हिसाब से बल्लेबाजों, गेंदबाजों, विकेटकीपर और ऑलराउंडर्स के अलग-अलग ग्रुप में रखा जाएगा। सबसे पहले बल्लेबाजों पर बोली लगेगी और नीलामीकर्ता खिलाड़ी का बेस प्राइस पुकारेगा। फिर फ्रेंचाइजी पैडल उठाकर बोली लगाना शुरू करेंगी। यह उस सूरत में बढ़ जाएगी जब एक से ज्यादा टीम खिलाड़ी पर बोली लगाएगी।

आखिर में जिस फ्रेंचाइजी ने सबसे बड़ी बोली लगाई होगी, खिलाड़ी उसका हो जाएगा। ऐसा खिलाड़ी ‘सोल्ड’श्रेणी में चला जाएगा और नीलामी खत्म होगी। खिलाड़ी उस सूरत में नहीं बिकेगा, जब किसी भी फ्रेंचाइजी ने उसके लिए बोली नहीं लगाई या नीलामीकर्ता को प्रक्रिया में किसी तरह गतिरोध लगता है।

2 क्या अनसोल्ड खिलाड़ी बिकेंगे ?
अनसोल्ड खिलाड़ी तभी बिकेंगे, जब फ्रेंचाइजी इन्हें दोबारा खरीदने की इच्छा जताएगी। यह नीलामी के अंतिम चरण में होगा।

3. कैप्ड-अनकैप्ड प्लेयर का मतलब ?
ऐसा खिलाड़ी जो टेस्ट, वनडे और टी-20 में से किसी एक में भी अपने देश के लिए खेला हो वह कैप्ड श्रेणी में आता है। वहीं अनकैप्ड का मतलब ऐसे प्लेयर से है, जो अपने देश के लिए तीनों में से किसी भी फॉर्मेट में न खेला हो।  

4. राइट टू मैच कार्ड (जोकर कार्ड) क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है ?

राइट टू मैच कार्ड के जरिए फ्रेंचाइजी अपने पुराने खिलाड़ी को नीलामी में वापस हासिल कर सकती है। इसके लिए उसे नीलामी में खिलाड़ी पर लगी सर्वाधिक बोली के बराबर की कीमत चुकानी होगी।  उदाहरण के लिए कोलकाता ने रॉबिन उथप्पा को इस सीजन में रिटेन नहीं किया है। नीलामी के दौरान अगर किसी फ्रेंचाइजी ने उन पर सबसे बड़ी बोली लगाई तो कोलकाता आरटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर उन्हें अपनी टीम में ले सकती है। अधिकतम 5 खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी इसके जरिए (आरटीएम कार्ड) रिटेन कर सकती है।

5. एक टीम में अधिकतम और न्यूनतम कितने खिलाड़ी होंगे?
सभी फ्रेंचाइजी अपनी टीम में अधिकतम 25 और न्यूनतम 18 खिलाड़ी रख सकती हैं। किसी भी टीम में अधिकतम 8 विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं।

6. प्लेइंग-11 में कितने विदेशी खिलाड़ी होंगे?
प्लेइंग-11 में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं। कोई भी टीम मैच के किसी भी समय चार से ज्यादा खिलाड़ियों को मैदान पर नहीं रख सकती। अगर कोई टीम शुरुआती एकादश में चार विदेशी खिलाड़ियों को रखती है, तो एक विदेशी खिलाड़ी दूसरे की जगह सिर्फ सब्स्टीट्यूट के तौर पर ही उतरेगा। अगर टीम शुरुआती एकादश में 4 से कम विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करती है तो विदेशी खिलाड़ी मैच के दौरान सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर उतर सकते हैं। इसका मतलब कभी भी मैच के दौरान एक टीम के 4 से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी मैदान में नहीं होंगे।

7. किसी फ्रेंचाइजी का पर्स क्या होता है, इस बार यह कितना है?
-आईपीएल के इस सीजन में फ्रेंचाइजी का सैलरी पर्स (बजट) 82 करोड़ है। जबकि 2018 में यह 80 करोड़ था और 2020 में बढ़कर 85 करोड़ हो जाएगा। इस बार पंजाब के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए सबसे ज्यादा 42.5 करोड़ रुपए हैं। नियमों के तहत टीम का न्यूनतम खर्च 60 करोड़ होना चाहिए यानी सैलरी कैप वैल्यू का 75%।

8. खिलाड़ियों की बेस प्राइज कितनी और कैसे तय होती है?
पिछले सीजन में ही अनकैप्ड और कैप्ड खिलाड़ियों की बेस प्राइस में बदलाव किया गया था। अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए अब 20, 30 और 40 लाख की नई श्रेणी बनाई गई है। पहले यह 10, 20 और 30 लाख थी। नीलामी में कैप्ड खिलाड़ियों को पांच अलग-अलग बेस प्राइस में रखा गया है। इसमें 50 लाख, 70 लाख, 1 करोड़, 1.5 करोड़ और दो करोड़ है।

9. टाइम-आउट से संबंधित नियम क्या है?
मैच के दौरान टाइम आउट 2.30 मिनट का होगा। एक पारी में दोनों टीमों सिर्फ एक बार इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। टाइम आउट के दौरान पूरी टीम रणनीति बनाने के लिए जुट सकती है। दो मिनट के बाद अंपायर और खिलाड़ी मैच के दोबारा समय से शुरू करने के लिए अपनी जगह पर चले जाएंगे। टाइम-आउट के दौरान ड्रिंक्स लाए जा सकते हैं। यह(टाइम आउट) फील्डिंग करने वाली टीम के द्वारा छठे, सातवें, आठवें और नौवें ओवर के समाप्त होने के दौरान लिया जा सकता है। वहीं, बल्लेबाजी करने वाली टीम 13 से 16वें ओवर के बीच टाइम-आउट का फायदा उठा सकती है।

10. इस बार ऑक्शनर कौन होंगे?
ऑक्शन की जिम्मेदारी ब्रिटेन के ह्यूज एडमीड्स संभालेंगे। वे नीलामी के लिए खिलाड़ियों के नाम पुकारेंगे।