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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

इंडस्ट्री के ट्रेंड पर बोले इमरान हाशमी – हॉरर फिल्मों में मुकाबला कम और सफलता के मौके ज्यादा हैं

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  • Imran Hashmi told about bollywood trend, horror films have less competition and more chances of success

Dainik Bhaskar

Dec 09, 2019, 08:58 AM IST

बॉलीवुड डेस्क. ‘द बॉडी’ और ‘चेहरे’ से अपने कॅरिअर के ट्रैक रिकॉर्ड की शक्ल सुधारने में जुटे इमरान हाशमी जल्द ही हॉरर फिल्म ‘एजरा’ के हिंदी रीमेक में भी नजर आएंगे। इमरान ने आगे की योजनाओं को लेकर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की…।

इमरान हाशमी ने दिए इन सवालों के जवाब 

  1. चेहरे में कितने चेहरे देखने को मिलने वाले हैं?

    इस वक्त ज्यादा रिवील तो नहीं कर सकता पर इसमें ढेर सारे चेहरे देखने को मिलने वाले हैं।

  2. इसे थ्रिलर ही कहेंगे या कोर्ट रूम ड्रामा है?

    यह फिल्म किसी एक जॉनर की नहीं है। इसमें थ्रिलर और ड्रामा समेत बहुत सारी चीजें हैं।

  3. ‘राज’ फ्रेंचाइजी में आप हैं या नहीं ?

    वह चैप्टर मैने क्लोज कर लिया है। मैं अब आगे भविष्य में और ‘राज’ नहीं कर सकता।

  4. बायोपिक जॉनर को इंडस्ट्री को निचोड़ने में लगी हुई है?

    ये सच है मैं ‘वायुसेना’ कर रहा हूं। लेकिन ऐसा नहीं है। कहानियों की भी लिमिट तो है ही। आपको उन्हीं थ्रिलर, ड्रामा, कॉमेडी और बायोपिक के बीच कहानियां बुननी हैं ।

  5. ‘चीट इंडिया’ की असफलता का जिम्मेदार किसे मानते हैं?

    इसकी असफलता के लिए मैं किसी और को ब्लेम नहीं करता इसके लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानता हूं। किसी भी तरीके से ऑडियंस इसके साथ कनेक्ट नहीं कर पाई। इसके गानों को लेकर भी हम लोग बहुत अच्छा नहीं कर पाए थे। ऐसी फिल्मों में प्रॉब्लम हीरो को लेकर हो जाती है। इसके साथ भी हुआ राकेश जो हीरो था इसका, उसको लोग समझ नहीं पाए किया हीरो है या विलन। हिंदी फिल्म में आप हीरो की डुएलिटी नहीं दिखा सकते हो।

  6. मलयाली फिल्म ‘एजरा’ बनाते वक्त ‘स्त्री’ कितना जहन में रही?

    सच बताऊं तो मैंने अब तक ‘स्त्री’ देखी नहीं है। बात करूं ‘एजरा’ की तो यह एक अलग किस्म की हॉरर फिल्म है। मेरा ट्रैक रिकार्ड भी रहा है कि मैं किसी और फिल्म को दिमाग में रखकर किसी और फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं सुनता हूं। मेरा मानना है कि आगे हॉरर फिल्मों का भविष्य उज्जवल रहने वाला है। जितनी भारी तादाद में हॉलीवुड में हॉरर फिल्में बनीं हैं, उतनी हमारे देश में बनी नहीं है। तो इस जॉनर में कॉम्पटीशन काफी कम है। हॉरर ऐसा जॉनर है जिसकी साल में बस तीन-चार फिल्में ही रिलीज होती हैं। लिहाजा इस तरह की फिल्मों का इंतजार दर्शकों को भी रहता है। अगर आपने ठीक तरीके से बना ली तो सफलता के चांसेज भी ज्यादा रहते हैं। ‘राज’ फ्रेंचाइजी की बात करें तो उसने नॉन हॉलीडे वीकेंड पर मुझे 10 करोड़ की ओपनिंग दी थी। वह बहुत बड़ी बात थी।

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