- 350 लोग स्केटिंग के लिए करवा चुके हैं रजिस्ट्रेशन, मौसम ने साथ दिया तो अाज होगा पहला सेशन
- बीते दिनों से यहां बर्फ जमाने का काम किया जा रहा था और रिंक पूरी तरह जम गया है
Dainik Bhaskar
Dec 09, 2019, 09:25 AM IST
शिमला. एशिया का इकलौता ओपन एयर स्केटिंग रिंक स्केटिंग के लिए तैयार है। साफ मौसम ने रिंक में बर्फ जमाने में साथ दिया है। अमूमन स्केटिंग के लिए एक इंच मोटी बर्फ जमना स्केटिंग के लिए जरूरी होता है। बीते दिनों से यहां बर्फ जमाने का काम किया जा रहा था और रिंक पूरी तरह जम गया है। स्केटिंग के लिए ट्रायल भी करवाए गए हैं। इसके बाद अब सोमवार को स्केटिंग करने की तैयारी है।
आइस स्केटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन स्केटिंग क्लब द्वारा मेंबरशिप करवाई गई है। इसके लिए वयस्कों से पूरे सेशन के 2800 रुपए, जोड़ों से 3300 रुपए, वयस्क से आधे सेशन के लिए 2000 रुपए का शुल्क रखा है। वहीं बच्चों के लिए पूरे सेशन में 1600 रुपए का शुल्क और आधे सेशन के लिए 1000 रुपए शुल्क रखा है। अब तक स्केटिंग क्लब के पास 350 लोग स्केटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। स्केटिंग में शिमला के स्कूली छात्र काफी संख्या में हिस्से लेते हैं। स्कूलों में परीक्षाएं जैसे खत्म हो रही हैं, वैसे-वैसे अधिक छात्र स्केटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
चाइनीज दुकानों से मिलते थे स्केट्सः स्केटिंग खेलने के लिए पहले शिमला की मालरोड की कुछ दुकानों में स्केट्स मिलते थे। मालरोड पर चार चाइनीज दुकानों में ये स्केट्स उपलब्ध रहते थे, जहां से स्केटिंग प्रेमी इनको खरीदते थे। लेकिन समय के साथ अब इन स्केट्स की दुकानें भी गायब हो गईं। अब शिमला आइस स्केटिंग क्लब अपनी ओर से भी स्केटिंग के लिए स्केट्स उपलब्ध करवा रहा है। इनमें वयस्कों के लिए स्केट्स 1500 रुपए में और बच्चों के लिए 1100 रुपए में स्केट्स रखे गए हैं। वहीं इनके लिए वयस्कों से 3000 रुपए और बच्चों से 2800 रुपए की सिक्योरिटी राशि भी ली जाती है।
आइस स्केटिंग क्लब शिमला के महासचिव भुवनेश बंगा का कहना है कि आइस स्केटिंग के लिए ग्राउंड तैयार कर दिया गया है। इसके लिए ट्रायल करवाए गए हैं। अगर मौसम इसी तरह अनुकूल बना रहा तो सोमवार से स्केटिंग शुरू हो जाएगी।
सेशन शुरू होते ही टाउनहॉल पर लगता था रेड बैलून
शिमला में स्केटिंग होने का संकेत देने के लिए टाउन हाल में एक लाल रंग का गुब्बारा लगाया जाता था। इससे लोगों को पता चल जाता था कि स्केटिंग शुरू हो गई है। हालांकि अब ये गुब्बारा काफी समय से नहीं लग रहा।
रिंक से जुड़ी खास बातें :
- शिमला स्केटिंग एशिया के एकमात्र रिंक है जहां प्राकृतिक तौर पर बर्फ जमाई जाती है।
- रिंक पर सुबह और शाम दो सेशन में होती है स्केटिंग।
- 1960-61 सर्वाधिक 165 सेशन हुए।
- 1977-78 में हुए118 स्केटिंग सेशन।
- 90 के दशक तक हर साल होते थे 110 से 120 सेशन।
- इसके बाद घटने लगी सेशन की अवधि ।
- साल 2017 में हुए मात्र 11 सेशन।
- कई स्केटिंग स्पर्धाएं भी करवाई जाती हैं रिंक पर।
- साल 2000 में रिंक में हुई थी पहली नेशनल आइस स्केटिंग चैंपियनशिप।
1920 में शुरू हुई थी शिमला में स्केटिंग
आइस स्केटिंग क्लब की शुरुआत 1920 में शुरू की गई। जहां आज स्केटिंग रिंक है, वहां कभी टेनिस कोर्ट हुआ करता था। ब्लेस्सिंगटन नामक एक अंग्रेज को स्केटिंग शुरू करने का श्रेय जाता है और इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। ब्लेस्सिंगटन ने देखा कि सर्दियों में टेनिस कोर्ट के नलके और इसके आसपास का पानी जमा है। इसको देखते हुए ब्लेस्सिंगटन ने टेनिस कोर्ट को पानी से भर दिया जो पूरी तरह से जम गया। इसको देखकर ब्लेस्सिंगटन की खुशी का ठिकाना न रहा, उन्होंने इसको 1920 में स्केटिंग रिंक में बदल दिया और आइस स्केटिंग क्लब की स्थापना की। शिमला आइस स्केटिंग क्लब देश का पहला स्केटिंग क्लब था। दक्षिणी पूर्वी एशिया का अपनी तरह का पहला क्लब है जहां इस तरह प्राकृतिक तौर पर बर्फ जमाई जाती है। अंग्रेजों के समय में इस क्लब के सदस्य केवल यूरोपियन ही बनाए जाते थे, हालांकि बाद में शर्तों के साथ कुछ एक भारतीयों को इसमें शामिल कर दिया जाने लगा। आजादी के बाद स्केटिंग रिंक सभी खेल प्रेमियों के लिए खोल दिया गया।
90 के दशक तक 14 नवंबर से शुरू होती थी स्केटिंग
आइस स्टेकिंग रिंक में 90 के दशक तक 14 नवंबर से स्केटिंग शुरू हो जाती थी और फरवरी के अंत तक चलती थी। लेकिन अब इसकी अवधि घट रही है। रिंक के आसपास पेड़ों के कटान करने के बाद अब यहां धूप सीधे स्केटिंग पर पड़ रही है। वहीं मौसम में भी बदलाव हो रहा है। अब बर्फबारी का समय भी आगे खिसक गया है। इस कारण यहां समय पर अब बर्फ नहीं जम रही ।