- पहला डे-नाइट टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था
- अब तक 11 डे-नाइट मैच हुए हैं। सभी के रिजल्ट आए हैं
Dainik Bhaskar
Nov 22, 2019, 08:47 AM IST
कोलकाता. यहां का ईडन गार्डन स्टेडियम एक बार फिर अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराएगा, जब उस पर शुक्रवार से भारत का पहला डे-नाइट टेस्ट खेला जाएगा। बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज का यह दूसरा मैच गुलाबी गेंद से होगा। इतिहास की बात करें तो पहला डे-नाइट टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। अब तक 11 डे-नाइट मैच हुए हैं। सभी के रिजल्ट आए हैं।
गुलाबी गेंद से ऑस्ट्रेलिया सबसे सफल
ऑस्ट्रेलिया गुलाबी गेंद की सबसे सफल टीम है। उसने 5 मैच खेले और सभी जीते। इंडीज ने 3 में से एक भी नहीं जीता। अभी तक 6 देशों में गुलाबी गेंद से टेस्ट खेला जा चुका है। भारत सातवां देश बनेगा। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 202 और दूसरी पारी में 208 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 224 और दूसरी पारी में 187/7 का स्कोर बनाया था। शुरू के दो टेस्ट में 3 शतक बनाने वाले डेविड वॉर्नर इस मैच में फिफ्टी तक नहीं बना पाए थे। मैच में 3 अर्धशतक लगे। हेजलवुड ने 9 विकेट लिए थे। सीरीज के शुरुआती दोनों टेस्ट में स्कोर 500+ गया था। मैच 5 दिन तक चले थे। लेकिन इस मैच में कोई टीम 225 रन तक नहीं बना पाई थी।
डे-नाइट टेस्ट के खिलाड़ियों के अनुभव
डे-नाइट टेस्ट शानदार इनोवेशन है। एक लाख फैंस मैच को देखने पहुंचे। इस मैच में पूरी तरह से गेंदबाजों का दबदबा रहा। दोनों टीमों के गेंदबाज मैच में हावी रहे। – स्मिथ, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान
यह जबर्दस्त कॉन्सेप्ट है। इसने लोगों की रुचि बढ़ाई है। आने वाला एरा पिंक बॉल का होगा। भविष्य में हम देखेंगे कि पिच पर ज्यादा घास नहीं रखी जाएगी। – मैक्कुलम, कीवी कप्तान
मैच बहुत ही रोमांचक था। रात में गेंद बहुत स्विंग हो रही थी, इसलिए बल्लेबाजी करना कठिन था। रात में गेंदबाजी करने में ज्यादा मजा आया, खासकर तब, जब गेंद थोड़ी नई थी। – जोश हेजलवुड, गेंदबाज
बल्लेबाजी करना थोड़ा कठिन था। यहां थोड़ी घास पर भी गेंद स्विंग हो रही थी। अब मुझे ऐसी पिच पर रात में बैटिंग को लेकर टेक्नीक पर काम करना होगा। – डेविड वॉर्नर, बल्लेबाज