स्पोर्ट्स रिपोर्टर | लुधियाना
22वीं पंजाब स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप (लड़के-लड़कियां) फिरोजपुर में 1 से 3 नवंबर तक करवाई गई। जिसमें लुधियाना के खिलाड़ियों ने 35 मेडल हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया। पहले स्थान पर फिरोजपुर और तीसरे स्थान पर जालंधर की टीम रही। प्रतियोगिता में 22 जिलों के 400 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें खिलाड़ियों ने 17 गोल्ड, 8 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए है। इस सफलता पर ताइक्वांडो एसोसिएशन लुधियाना के प्रधान अरुण कुमार, एसोसिएशन के महासचिव और परफेक्ट ताइक्वांडो अकादमी के कोच संदीप सूद ने खिलाड़ियों को बधाई दी। उनके मुताबिक मुकाबले में खेलमंत्री पंजाब राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी मुख्यातिथि रहे, जिन्होंने खिलाड़ियों को बेहतरीन खेल दिखाने पर शाबाशी दी।
महाजन ट्रॉफी : अंडर-12 वर्ग के कराए गए क्रिकेट मुकाबले
लुधियाना क्लब ने सम्राट कूलर्स इलेवन को हराया
स्पोर्ट्स रिपोर्टर | लुधियाना
लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से जीआरडी अकादमी में महाजन ट्रॉफी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अंडर-12 उम्र वर्ग के मुकाबले करवाए गए, जिसके दूसरे मैच में सम्राट कूलर्स इलेवन और लुधियाना क्लब की टीम आमने-सामने रही। मैच की शुरूआत सम्राट कूलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर व एसोसिएशन के उप प्रधान राजेश गुप्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे, जिन्होंने खिलाड़ियों को बेहतरीन खेल दिखाने के लिए प्रेरित किया। मुकाबले में लुधियाना क्लब ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी को चुना और सम्राट कूलर्स इलेवन को 27 रन से शिकस्त दी। मैच के दौरान लुधियाना क्लब टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 25 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 94 रन बनाए, जिसमें तक्ष ने 16, अंश ने 5, कविश ने 14, हर्षदीप ने 31 रन बनाए। जबकि सम्राट कूलर्स इलेवन टीम के तुषार ने 17 रन पर 1 विकेट, दिव्यम ने 9 रन पर 2 विकेट, हर्षित ने 15 रन पर 1 विकेट प्राप्त किया। जबकि रनों का पीछा करने उतरी सम्राट कूलर्स इलेवन टीम 23.1 ओवर में 67 रन पर ऑलआउट हो गई। इसमें टीम के बल्लेबाजों में अमान ने 6, अरनव ने 5, करण ने 8, दिव्यम ने 13 रन बनाए। इस दौरान लुधियाना क्लब ने 9 रन पर 4 विकेट, कविश ने 3 रन पर 2 विकेट, अंश ने 5 रन देकर 1 विकेट प्राप्त किया। मुकाबले दौरान अच्छे खेल की बदौलत मनकरण ने मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया। इस दौरान सम्राट कूलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश गुप्ता ने बच्चों को स्वेटर्स भी वितरित किए।
लुधियाना के खिलाड़ियों ने जीते 17 गोल्ड, 8 सिल्वर, 10 ब्रॉन्ज मेडल
इस दौरान सब जूनियर कैटेगरी (अंडर-12 लड़कों) में 29 किलोग्राम भार वर्ग से कम में रितविक ने गोल्ड, 32 किलोग्राम से कम भार वर्ग में गुरदित सिंह ने गोल्ड, 50 किलोग्राम से कम भार वर्ग में रूद्रा मंगल ने गोल्ड मेडल जीता। वहीं 27 किलोग्राम से कम भार वर्ग में लक्ष्य मित्तल ने सिल्वर मेडल, 35 किलोग्राम से कम भार वर्ग में मृदुल जैन ने 35 पाॅइंट पाकर सिल्वर मेडल जीता। 38 किलोग्राम से कम भार वर्ग में लक्ष्य गर्ग ने ब्राॅन्ज मेडल, 41 किलोग्राम से कम भार वर्ग में अर्श सग्गर ने ब्राॅन्ज मेडल जीता। वहीं सब जूनियर अंडर-12 लड़कियों में 20 किलोग्राम से कम भार वर्ग में जीशिका डोगरा ने गोल्ड, 32 किलोग्राम से कम भार वर्ग में खुशबू शर्मा ने गोल्ड मेडल, 35 किलोग्राम से कम भार वर्ग में श्रद्धा डोगरा ने गोल्ड, 41 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में तनिष्का भारद्वाज ने गोल्ड मेडल जीता। वहीं 29 किलोग्राम से कम भार वर्ग में पावनी गुप्ता ने ब्रांज मेडल प्राप्त किया। जबकि कैडेट कैटेगरी अंडर-14 लड़कों में 45 किलोग्राम से कम भार वर्ग में अनुज राज ने सिल्वर मेडल, 41 किलोग्राम से कम भार वर्ग में अर्पित शर्मा ने ब्राॅन्ज मेडल जीता। वहीं कैडेट कैटेगरी अंडर-14 लड़कियों में 41 किलोग्राम से कम भार वर्ग में कविश गलहोत्रा ने गोल्ड, 51 किलोग्राम से कम भार वर्ग में लावनया गुप्ता ने गोल्ड मेडल जीता। जूनियर कैटेगरी अंडर-17 लड़कों में 48 किलोग्राम से कम भार वर्ग में अनमोल कनोजिया ने गोल्ड, 68 किलोग्राम से कम भार वर्ग में कबीर मैनी ने गोल्ड, 78 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में रोनित टक्कर ने गोल्ड, 51 किलोग्राम से कम भार वर्ग में लक्ष्य सूद ने सिल्वर मेडल जीता। लड़कियों में 42 किलोग्राम से कम भार वर्ग में अनामिका ने गोल्ड, 49 किलोग्राम से कम भार वर्ग में भावना ने ब्राॅन्ज मेडल जीता। सीनियर लड़कों में 74 किलोग्राम से कम भार वर्ग में राहुल कुमार ने सिल्वर, 80 किलोग्राम से कम भार वर्ग में परमप्रीत सिंह ने सिल्वर, अशोक ने सिल्वर, 63 किलोग्राम से कम भार वर्ग में सचिन कौशल ने ब्राॅन्ज, 68 किलोग्राम से कम भार वर्ग में कशिश सूद ने ब्राॅन्ज मेडल जीता। वहीं, लड़कियों में 46 किलोग्राम से कम भार वर्ग में मीनू ने गोल्ड, 57 किलोग्राम से कम भार वर्ग में सरजहान खातून ने गोल्ड, 73 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में करुणा बाली ने गोल्ड, 46 किलोग्राम से कम भार वर्ग में सुशीला कुमारी ने सिल्वर, 73 किलोग्राम से कम भार वर्ग में परमिंदर कौर ने सिल्वर मेडल, 49 किलोग्राम से कम भार वर्ग में नवनीत ने ब्राॅन्ज, 49 किलोग्राम से कम भार वर्ग में दीक्षा ने ब्राॅन्ज, 53 किलोग्राम से कम भार वर्ग में हरदीप ने ब्राॅन्ज मेडल प्राप्त किया।
बच्चों को स्वेटर देते सम्राट कूलर्स के मैनिजिंग डायरेक्टर राजेश गुप्ता।
प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले खिलाड़ी मेडल के साथ।
गुरु नानक खालसा काॅलेज फॉर वुमन में हुए फ्रेंडली मैच
बेसबॉल-5 की पंजाब में हुई शुरुआत
स्पोर्ट्स रिपोर्टर | लुधियाना
पंजाब बेसबॉल एसोसिएशन की तरफ से अमेच्योर बेसबॉल फेडरेशन आॅफ इंडिया के अंतर्गत बेसबॉल-5 गेम की शुरूआत की गई। इसके संबंध में गुरु नानक खालसा काॅलेज फॉर वुमन मॉडल टाउन में 3 दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें खिलाड़ियों को गेम की बारीकियों, नियम से रूबरू करवाया गया, साथ ही खिलाड़ियों ने फ्रैंडली मैच भी खेले। वर्कशॉप में पंजाब के विभिन्न जिलों से खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 1 से 3 नवंबर तक आयोजित वर्कशॉप में 60 खिलाड़ी शामिल रहे।लुधियाना डिस्ट्रिक्ट बेसबॉल एसोसिएशन के प्रधान हरबीर सिंह गिल ने बताया कि बेसबॉल-5 पंजाब के लिए बिल्कुल नई गेम है, जोकि वर्ल्ड बेसबॉल कंफेडरेशन(डब्लूय.बी.एस.सी.) के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेली जाती है। उनके मुताबिक बेसबॉल के मुकाबले बेसबॉल-5 थोड़ी आसान गेम है, जिसे स्ट्रीट बेसबॉल गेम भी कहा जाता है। उनके मुताबिक आम बेसबॉल के घेरा यहां 230 फुट तक रहता है। वहीं बेसबॉल-5 60 फीट के घेरे में भी खेली जा सकती है। इसके लिए बेट की जरूरत नहीं है, हाथ से ही बॉल को फेंका जा सकता है, इसमें 8 खिलाड़ी खेलते हैं। इसमें क्रिकेट, सॉफ्टबॉल, बेसबॉल खेलने वाले खिलाड़ी भी हिस्सा ले सकते हैं। इस अवसर पर लुधियाना डिस्ट्रिक्ट बेसबॉल एसोसिएशन के सचिव सुखदेव सिंह औलख, गुरदीप सिंह, राजवीर कौर, कुलवंत कौर, सुखजीवन सिंह आदि उपस्थित रहे।
 
अपने बच्चों को फोन में गुम न हो जानें दें
र विवार रात मैं मुम्बई लोकल में यात्रा कर रहा था। करीब एक घंटे 5 मिनट का सफर था। रविवार को आमतौर पर ट्रेन में भीड़ कम होती है, खासतौर पर यदि आप फर्स्ट क्लास के डिब्बे में टीवी के प्राइम टाइम वाले घंटों के दौरान यात्रा कर रहे हैं, जबकि इस समय अधिकांश मुम्बईकर घरों में टीवी स्क्रीन के सामने चिपके बैठे रहते हैं।
मैं जब से मुम्बई में आया हूं, कई दशकों से मेरी आदत है कि जब भी मैं उपनगरीय-लोकल ट्रेन में सवार होता हूं तो व्यस्त रहने के लिए कुछ भी विशेष नहीं करता हूं। मैं बस अपने आसपास के माहौल को, लोगों को और उनके व्यवहार को देखता हूं। मैं उनकी खुशी और दर्द को समझने के साथ यह भी कोशिश करता हूं कि उनके ही मुंह से सरकार के बारे में और उनके खरीदारी करने के व्यवहार के बारे में पता चले। यहां तक कि मैं उनके हाथों में पकड़े अखबार को भी पीछे की तरफ से पढ़ लेता हूं! हालांकि ये अच्छी आदत नहीं है, लेकिन लोकल के डब्बों में जगह इतनी कम होती है कि आपको न चाहकर भी लोगों की बातचीत सुनाई दे जाती है।
रविवार के दिन जब ट्रेन चली तो डिब्बे में मेरे अलावा 16 अन्य यात्री थे और सभी ने वहां की कुल आठ खिड़कियों के आमने-सामने डेरा जमाया हुआ था। सभी एक-दूसरे के सामने बैठे जरूर थे लेकिन सभी अपने-अपने मोबाइल फोन से चिपके हुए थे। 65 मिनट के सफर के दौरान ट्रेन 14 स्टेशनों पर रुकी और कुल 87 नए यात्रियों ने डिब्बे में प्रवेश किया और उतरे, लेकिन इन मोबाइल में घुसे 16 यात्रियों को इसकी जरा भी भनक नहीं थी। यहां तक कि मेरा स्टेशन आने से पहले उन 16 में से 5 यात्री उतर गए जबकि 5 अन्य ने उनकी जगह ले ली। इन सभी 21 यात्रियों के बारे में एक सामान्य बात यह थी कि जब ट्रेन किसी स्टेशन पर पहुंच रही थी या उसे छोड़ रही थी तो उनमें से किसी ने भी मोबाइल स्क्रीन में घुसे अपने सिर को उठाकर बाहर नहीं देखा। हर एक यात्री के हाथ में एक महंगा फोन था और कानों में ईयरफोन लगे थे। आज जबकि इंटरनेट लगभग मुफ्त में मिल रहा है, मोबाइल स्क्रीन में घुसे रहने की आदत एक सामान्य बात लगती है।
सोमवार सुबह मुझे अपनी यह यात्रा अनुभव इसलिए भी ध्यान आया जब मैंने एक ऐसी ही घटना के बारे में सुना जिसमें एक 27-वर्षीय आकर्षक दिखने वाले इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सौरभ घोष की जान चली गई। वह शनिवार को कोलकाता के पास एक ट्रेन हादसे का शिकार हो गया।
हावड़ा के बाउरिया इलाके में एक फैक्टरी में काम मिलने के बाद सौरभ कोलकाता शिफ्ट हो गया था। प्रोफेशनल जिंदगी में कामयाबी उसके कदम चूम रही थी। उसने तरक्की की सीढ़ियां तेजी से चढ़ीं और जल्दी ही उसे फैक्टरी की दो यूनिट का इंचार्ज बना दिया गया। इसके बाद उसने पास के एक उपनगर मुकुन्दापुर में फ्लैट खरीद लिया और वहां रहने लगा। गैजेट प्रेमी इस युवा इंजीनियर ने 15 दिन पहले ही आईफोन खरीदा था और उसके फीचर्स को लेकर रोमांचित था। शनिवार के दिन सौरभ ट्रेन से जमशेदपुर स्थित अपने घर जा रहा था। वह डिब्बे के कोने में एक खिड़की वाली सीट पर बैठा हुआ था। रात को करीब 11 बजे, जब ट्रेन कोलकाता से 48 किमी दूर उलुबेरिया स्टेशन पर रुकी, तो वह नए आईफोन पर किसी से बात कर रहा था।
ट्रेन स्टेशन से रवाना होने लगी, अचानक ही डिब्बे में पहले से मौजूद एक आदमी ने उसका फोन छीना और भागकर बाहर कूद गया। सौरभ कुछ पलों के लिए सन्न रह गया, और फिर उस चोर को पकड़ने पीछे दौड़ा। जिस क्षण सौरभ ने बाहर छलांग लगाई, उसके पैर प्लेटफॉर्म से टकराए और वह जमीन पर गिर गया। उसका सिर एक पत्थर से टकराया और वह बेहोश हो गया। कुछ लोग और जीआरपी के जवान घटनास्थल की ओर दौड़े और उसे उठाकर उलुबेरिया के अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन, रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। उसके इंजीनियर पिता ने पुलिस से गुजारिश की है कि अगर उसका आईफोन मिले तो उन्हें जरूर लौटा दें क्योंकि वही उसकी आखिरी निशानी है और पुलिस ने वादा निभाने की हामी भरी है। जरा कल्पना कीजिए, अगर सौरभ ने फोन में गुम हो जाने की बजाय, इस ओर ध्यान दिया होता कि कौन डिब्बे में आया है और कौन उतरा है, तो बहुत हद तक संभव था कि उसकी नजरें उस संदिग्ध व्यक्ति से एक न एक बार तो जरूर मिलती और उसे खतरे का अंदेशा हो जाता, लेकिन वह फोन के चक्कर में अपने आसपास के घटनाक्रम से पूरी तरह बेखबर था।
फंडा ये है कि अपने बच्चों को समझाइए कि वे जब भी लोगों के बीच किसी सार्वजनिक जगह पर हों तो अपने फोन में घुस जाने की बजाय, यह देखें कि उनके आसपास क्या-कुछ घट रहा है और लोगों का व्यवहार कैसा है!
मैनेजमेंट फंडा एन. रघुरामन की आवाज में मोबाइल पर सुनने के लिए 9190000071 पर मिस्ड कॉल करें
एन. रघुरामन
मैनेजमेंट गुरु