- सूट पैरों के पास से लचीला है, ताकि अंतरिक्ष यात्री घुटनों के बल बैठ सके
- सूट में डिस्प्ले कंट्रोल मोड्यूल लगा है, जो इसके लाइफ सपोर्ट सिस्टम को ऑपरेट करे
- यह स्पेस में भी अंतरिक्ष यात्री को सुरक्षित रखने का काम करेगा है
Dainik Bhaskar
Oct 16, 2019, 07:16 PM IST
गैजेट डेस्क. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को अपने नए सिंगल साइज फ्लेक्सिबल स्पेस सूट को पेश किया। इसका इस्तेमाल नासा 2024 के दक्षिण ध्रूव मिशन के दौरान करेगी। इसके सबसे खास बात यह है कि इसे सिंगल साइज डिजाइन में बनाया गया है। इसे किसी भी कद का अंतरिक्ष यात्री पहना सकता है क्योंकि इसे हर साइज में एडजस्ट किया जा सकता है। यह अंतरिक्ष यात्री की चांद की सतह पर जटिल कार्य करने में मदद करेगा साथ ही कठोर वातावरण में उनकी सुरक्षा करेगा। फिलहाल इसे प्रोटोटाइप मॉडल को तौर पर पेश किया गया है।
मंगलवार को नासा के हेडक्वार्टर में शोकेस किया गया स्पेस सूट
-
इस नेक्स्ट जनरेशन स्पेस सूट की सबसे खास बात इसकी फ्लेक्सिबल और ड्यूरेबिलिटी है। यह कठीन परिस्थिति में भी अंतरिक्ष यात्री को कंफर्ट देगा।
-
नासा ने इवेंट में इसकी फ्लेक्सिबिलिटी को दिखाया, इसे सूट को कमर से ट्विस्ट और बेंड किया जा सकता है जो पहले के स्पेस में मुमकिन नहीं था।
-
इस सूट को पैरों के पास से भी लचीला बनाया गया है, जिसकी मदद से सूट पहनकर भी घुटने के बल बैठा जा सकता है। यह पुराने स्पेस सूट में मुमकिन नहीं था।
-
नासा ने दावा किया है कि इस किसी भी कद-काठी का अंतरिक्ष यात्री पहन सकता है। नासा ने कहा कि पहले जहां स्पेस सूट के कुछ ही साइज ऑप्शन उपलब्ध थे वहीं इस स्पेस सूट को किसी भी साइज में बढ़ाया घटाया जा सकता है।
-
इसे कई सारे अलग-अलग साइज के पार्ट को जोड़कर तैयार किया गया है। इसके शोल्डर में एडजस्टेबल फीचर है जिसकी बदौलत इसे कोई भी आसानी से पहन सकता है।
-
सूट में कोई जिप या केबल का इस्तेमाल नहीं किया गया है, इसके सारे मुख्य कंपोनेंट्स सील है। इसे चांद की सतह पर बेदह कठीन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
-
सूट में पार्टेबल लाइफ सपोर्ट सिस्टम है, जिसमें पावर सोर्स, वॉटर कूलिंग सिस्टम, टू-वे रेडियो लगा है। साथ ही इसमें कार्बन डाय ऑक्साइड ऑब्जॉर्ब करने अनसीमित क्षमता है। इसमें अंतरिक्ष यात्री को 6 दिन तक फुल लाइफ सपोर्ट मिलेगा।
-
इसके हेलमेट में खास गोल्ड कोटिंग की गई है, जिसकी बदौलत अंतरिक्ष यात्री को बेहतर विजिबिलिटी मिलती है। ऑक्सीजन के लिए हेलमेट में वेंटिलेशन सिस्टम है।
-
अंतरिक्ष यात्री की उंगलियां हमेशा गर्म रहे इसलिए इसके ग्लव्स में हीटर लगा है। चांद की सतह पर माइनस 121 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान रहता है।
-
सूट में डिस्प्ले कंट्रोल मोड्यूल लगा है, जो सूट के ब्रेन की तरह काम करता है। इसी की बदौलत सूट में लगे लाइफ सपोर्ट सिस्टम ऑपरेट होते हैं।
-
इसके निचले ढांचे को इस तरह डिजाइन किया है कि कठोर वातावरण में भी अंतरिक्ष यात्री के पैर सुरक्षित रहे।
‘);$(‘#showallcoment_’+storyid).show();(function(){var dbc=document.createElement(‘script’);dbc.type=’text/javascript’;dbc.async=false;dbc.src=’https://i10.dainikbhaskar.com/DBComment/bhaskar/com-changes/feedback_bhaskar_v2.js?vm20′;var s=document.getElementsByTagName(‘script’)[0];s.parentNode.insertBefore(dbc,s);dbc.onload=function(){setTimeout(function(){callSticky(‘.col-8′,’.col-4′);},2000);}})();}else{$(‘#showallcoment_’+storyid).toggle();callSticky(‘.col-8′,’.col-4′);}}