बॉलीवुड डेस्क. अमिताभ बच्चन 77 साल के हो गए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जन्मे अमिताभ 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘कुली’ के सेट पर गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस दुर्घटना के बाद जैसे उनका पुनर्जन्म हुआ था। दैनिक भास्कर अपने पाठकों के लिए इस दुर्घटना से सीधे तौर पर जुड़े महत्वपूर्ण किरदारों की जुबानी बयां कर रहा है अमिताभ के मौत को धता बताने की कहानी।
(जिनके हाथों अमिताभ को चोट लगी थी।)
‘कुली’ में जब अमिताभ जी के साथ हादसा हुआ था, तब मुझे घर पर धमकी-भरे खत आते थे। लोग बोलते थे कि तुम्हें हम जान से मार देंगे। आपने हमारे प्रिय कलाकार के साथ इस तरह क्यों किया? लोग इतने भावुक हो जाते हैं कि वे रियल को भूलकर रील में यकीन करने लगते हैं, जबकि यह हादसा दुर्भाग्यवश हुआ था। लेकिन मुझे कई बार लोगों को जवाब देना पड़ा कि मैं एक कलाकार हूं। कहीं जाने-अनजाने में आप को ठेस पहुंचाई है, तो क्षमा प्रार्थी हूं। मैं क्षमा मांगता हूं। मैंने जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं किया।
काफी लोग मेरी इस बात तो समझ गए, लेकिन जो नहीं समझे, उनसे कहा कि कर लो भाई जो करना है। 1982 में हुए इस हादसे के बाद मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था कि मेरे फेवरेट कलाकार अमित जी के साथ मेरे ही हाथों हादसा हो गया। दु:ख तो बहुत था, आत्मग्लानि भी थी। पश्चाताप कर रहा था। ऊपर से लोगों के धमकी-भरे खत और फोन आ रहे थे।
जब यह बात अमित जी को पता चली कि मैं इस एक्सीडेंट के बाद से बहुत अपसेट हूं। मुझे धमकियां मिल रही हैं। तो उन्होंने लोगों से कहा कि पुनीत को बुलाओ। मैं मिलने गया, तब वे बोले- ‘तुम टेंशन मत लो बेटा। तुम मेरे छोटे भाई हो। तुमने यह जान-बूझकर नहीं किया। मेरे मन में तुम्हारे प्रति कुछ भी नहीं है, तो तुम भी निश्चिंत रही। यह हादसा था, सो हो गया।’
यह सब कहने-समझाने के बाद वे मुझे मीडिया के सामने गले में हाथ डालकर लेकर गए। कैमरे के सामने खड़े होकर कहा- ‘मैं पुनीत के साथ हूं।’ यह उनकी उदारता है। वे बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं। वे अब भी जब कभी हॉस्पिटल जाते थे, तब मुझे अच्छा नहीं लगता था। आज तो उनसे हमारा बहुत अच्छा रिश्ता है। वे जब भी मिलते हैं, बड़े गर्मजोशी के साथ मिलते हैं।
दर्द के बावजूद शॉट बीच में नहीं छोड़ा: ऋषि कपूर
(घटना के प्रत्यक्षदर्शी और ‘कुली’ में उनके सहकलाकार रहे)
जिस दिन अमित जी के साथ यह गंभीर हादसा हुआ, उस दिन हमारी 2 बजे की शिफ्ट थी। मेरा शॉट पहले था और दूसरे शॉट के लिए लाइटिंग लग रही थी। अमित जी और पुनीत जी के साथ इसका टेक लिया गया था और सब लोग खुश थे, क्योंकि वह बहुत ही अच्छा शूट हुआ था। सेट पर जितने लोग मौजूद थे, सब तालियां बजा रहे थे। अमित जी प्राण साहब की स्टाइल में सबको थैंक यू कर रहे थे। मैंने वह सब देखा। लेकिन अचानक अमित जी गायब हो गए।
मेरे मेकअप मैन ने आकर मुझे बताया कि अमित जी को चोट लग गई है, वे गार्डन में लेटे हुए हैं। तक तक निर्देशक मनमोहन देसाई और प्रयाग राज जी और हम सब लोग उधर गए। अमितजी ने कहा कि कुछ नहीं, बस थोड़ा सा दर्द है, ठीक हो जाऊंगा। उन्होंने शूटिंग के समय शॉट को बीच में नहीं छोड़ा और दर्द की शिकायत भी नहीं की। दर्द के बावजूद सीन पूरा किया। आगे चलकर सबको पता चला के मामला कितना गंभीर था।
उनकी एंग्री यंग मैन वाली इमेज कसूरवार रही: दीपक सावंत
(अमिताभ के मेकअप मैन, पिछले 47 सालों से उनके साथ हैं। )
‘कुली’ वाले हादसे के लिए अप्रत्यक्ष रूप से उनकी एंग्री यंग मैन की इमेज कसूरवार रही। दरअसल, इस फिल्म से पहले उनकी ‘जंजीर’, ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फिल्में आ चुकी थीं। उन सबमें बच्चन साहब एक्शन खुद किया करते थे। जैसा आजकल अक्षय करते हैं, वैसा बच्चन साहब उस जमाने सब कर चुके थे। ‘कुली’ का वह सीन कोई बड़ा एक्शन सीन नहीं था, केवल पुनीत इस्सर के साथ फाइट सीन ही था। ऐसे में हमने उन्हें नहीं रोका।
कब पुनीत इस्सर का हाथ उन्हें लगा और गिरने की वजह से कब टेबल का कोना उनके पेट में चुभ गया। इसका पता भी नहीं चला। उसके लिए उन्होंने पुनीत इस्सर को कभी कसूरवार नहीं ठहराया। जब दर्द महसूस हुआ तो सबसे पहले उन्होंने अपने फैमिली डॉक्टर शाह साहब से कंसल्ट किया। बेंगलुरु के हॉस्पिटल में पहला ऑपरेशन हुआ। फिर मुंबई के ब्रीच कैंडी में सर्जरी हुई।
हॉस्पिटल में तब सिर्फ जया जी और उनके भाई को जाने की परमिशन थी। डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई ही। साथ ही उनके चाहने वालों की दुआएं भी काम कर गईं। यह उनका दूसरा जन्म है। इसमें उन्होंने अपने आप को इतना फिजिकली फिट कर लिया है कि घंटों काम करने के बावजूद थकान नहीं होती। खाने में उन्होंने नॉनवेज छोड़ दिया। शराब, सिगरेट से बिल्कुल दूरी बना ली। ये सब फैसले उन्होंने एक झटके में ले लिए थे।
बिग बी ने मुझे बॉडी डबल बनने से मना किया था: टीनू वर्मा
(‘कुली’ फिल्म के उसी घातक फाइट सीन के एक्शन डायरेक्टर जिसमें अमिताभ घायल हुए)
मैं मेरे भाई पप्पू के साथ ‘कुली’ फिल्म का एक्शन डायरेक्टर था। काफी कम लोगों को यह पता था कि मैं अमित जी के लिए बॉडी डबल का काम भी करता था और इस सीन के लिए भी मैंने उनको कहा था कि मैं बॉडी डबल करूंगा, पर उन्होंने मना करते हुए कहा कि वे खुद ही कर लेंगे। पुनीत इस्सर साहब कराटे के ब्लैक बेल्ट होल्डर हैं और बहुत जोश में काम करते हैं। उस सीन में उन्हें अमित जी को मुक्का मारना था। उन्होंने वह जोश से मारा भी, लेकिन बदकिस्मती से अमित जी टेबल और दीवार के बीच में दब गए और उनको चोट लगी।
हालांकि हमें उस समय कुछ समझ में नहीं आया, क्योंकि उन्होंने कहा कि बस थोड़ा दर्द हो रहा है। बाद में स्थिति बिगड़ी तो उन्हें बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। कुछ ही दिनों में हमें मामोले की गंभीरता समझ आई। हम उस समय अस्पताल जाते थे और उनकी तबियत के बारे में जानकारी लेते थे तो बाहर सैकड़ों लोग भी उनके लिए दुआ करते दिखते थे। जब वे नई जिंदगी पाकर अस्पताल से वापस आए तो उस सीन के आगे वाले सीन भी शूट किए। इनकी शूटिंग हमने मुंबई के चांदिवली स्टूडियो में की।
…और अमिताभ ने इस बारे में क्या कहा
कुली के शॉट के बारे में
उस शॉट के बाद मैं घास पर लेट गया और उसके बाद दो-चार यूनिट वाले लोग आए और बोले कि साहब बीमार होने की बहुत बढ़िया एक्टिंग कर रहे हैं आप। आज तो जल्दी ही पैकअप हो जाएगा। उनको लगा कि मैंने कई दिनों से उनको शूट से ब्रेक नहीं मिलने की उनकी बातें सुन ली है और उन्हें ब्रेक दिलाने के लिए यह बीमार होने की एक्टिंग कर रहा हूं। पर सच कुछ अलग ही था।
अस्पताल की स्थिति के बारे में
‘डॉक्टर्स ने मुझे मेडिकली मृत घोषित कर दिया था। जया आईसीयू रूम के बाहर खड़ी सब देख रही थीं। डॉक्टर ने कोशिश बंद कर दी थी, तभी जया चिल्लाईं, मैंने अभी उनके पैर के अंगूठे हिलते देखे हैं, प्लीज कोशिश करते रहिए। डॉक्टर्स ने मेरे पैर की मालिश करनी शुरू की और मेरे अंदर फिर जान आ गई।’
इलाज के बाद की हालत पर
‘मैं तो शारीरिक और मानसिक रूप से टूट चुका था, लेकिन जया मजबूती से खड़ी थीं। दुर्घटना के अगले साल 7 जनवरी को डॉक्टर्स ने मुझे ठीक घोषित कर दिया, लेकिन काम की इजाजत नहीं मिली। उस साल अगस्त तक जाकर डॉक्टर्स ने कहा कि आप थोड़ा काम कर सकते हैं। इसके बाद मैंने अपना काम और शूटिंग दोबारा से शुरू किया।’
(बिग बी ने विभिन्न मौकों पर मीडिया को मुलाकातों में यह सब बताया।)
(कंटेट:- उमेश कुमार उपाध्याय, सोनाली जोशी पितले, अमित कर्ण, सोनुप सहदेवन, किरण जैन)