चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। डॉ. राणा प्रीत गिल टीवी नहीं देखती, गपशप नहीं करती बुक पढऩा ,समय निकालकर लिखना पसन्द है। उन्होंने बताया कि मेरे लिए लिखना जुनून है। एक प्रोफेशनल होने के बावजूद मैं एक समर्पित लेखिका हूं। मैं हर दिन लिखने की कोशिश करती हूं। मैं एक आदतन पढऩे वाली पाठक हूं और मैं हर समय अपने साथ एक किताब रखती हूं। मुझे लगता है कि पढऩा और लिखना एक दूसरे के पूरक हैं। यह विचार साहित्यकार और लेखिका डॉ. राणा प्रीत गिल ने आज अपनी तीसरी किताब ‘द मिसएडवेंचर्स ऑफ ए वेट’ लॉन्च के बाद बात चीत के दौरान सांझा किये।यह किताब, जो उनके पहले उपन्यास, दोज कॉलेज ईयर्स का सीक्वल है, इसे विवेक अत्रे, प्रसिद्ध लेखक और मोटीवेशनल स्पीकर द्वारा यहां लॉन्च किया गया। राणा प्रीत गिल, होशियारपुर निवासी हैं और वे एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट, पंजाब सरकार में वेटनरी ऑफिसर (पशु चिकित्सा अधिकारी) के तौर पर काम कर रही हैं। राणा प्रीत गिल ने बताया कि इस बुक में‘मैंने रिया के चरित्र की अवधारणा को विकसित किया, जो मेरे पहले उपन्यास दोज कॉलेज ईयर्स की भी नायिका है। उपन्यास में मेरे जीवन से काफी कुछ लिया गया है। रिया जसवाल आंशिक रूप से मैं ही थी और मुझे उससे प्यार हो गया। उस उपन्यास को लिखने के बाद मुझे लगा कि रिया को पहले वाले पन्नों पर नहीं मरना चाहिए। मैंने अपने पहले उपन्यास की अगली कड़ी लिखने का फैसला किया। उसके बाद मैंने द मिसएडवेंचर्स ऑफ ए वेट लिखा। राणा प्रीत ने कहा कि ‘‘ये उपन्यास वहीं से शुरू होता है, जहां से दो कॉलेज ईयर्स समाप्त होता है। रिया अब अधिक परिपक्व है, सांसारिक तौर पर भी बुद्धिमान हो गई है और काफी सारी चीजों को अपने ऊपर ले लेती है। वह शादी कर लेती है, अपने ससुराल वालो से बात करती है और स्थानीय क्लिनिक में नौकरी करती है। उसके क्लीनिक का मालिक ड्रग तस्करी के मामले में उलझ जाता है और वह दास और सरदार जी के साथ मेरे उपन्यास के अन्य पात्रों को ठीक करने के लिए कूद जाता है। मेरे लिए रिया स्वतंत्रता का पालन करती है। वह वही करती है जो वह करना चाहती है, वास्तविक जीवन में डॉ.राणा प्रीत गिल रचनात्मक लेखकों के दायरे में एक प्रसिद्ध नाम है, उनके लेख, मिडिल्स और लघु कहानियां अग्रणी अंग्रेजी समाचार पत्रों, द ट्रिब्यून, हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, डेकन हेराल्ड, डेली पोस्ट, सेतु बालिंग्वुल, द हितावादा और वुमेंस इरा में प्रमुख रूप से प्रकाशित होते हैं। उनकी तीसरी किताब ‘दमिसएडवेंचर्स ऑफ ए वेट’ नॉवेल ‘दोज कॉलेज ईयर्स’ भी लिखा है जो कि बीते साल रिलीज हुआ था। एक प्रेरक वक्ता है। उनकी यूनिवर्सिटी, गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने उन्हें कृषक समुदाय को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने विशिष्ट एल्यूमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। एक भावुक पाठक व, एक भावुक लेखिका और गायिका हैं।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020