चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र द्वारा एक विशेष सांगीतिक संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें मुम्बई से आई उभरती एवं युवा शास्त्रीय गायिका सोनल शिव कुमार द्वारा खूबसूरत प्रस्तुति पेश की गई ।सोनल शिव कुमार कला जगत की उभरती हुई प्रतिभावान शास्त्रीय गायिका है । बचपन से ही संगीत में रूचि रखने वाली सोनल ने गुरू प्रभाकर करेकर से संगीत की शिक्षा प्राप्त की । इसके उपरांत सोनल ने जयपुर अतरौल घराने की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका श्रीमती मानिक भिंडे से संगीत की बारीकियां सीखी ।इन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया । सोनल ऑल इंडिया रेडियो की हाई बी ग्रेड आर्टिस्ट है ।आज के कार्यक्रम की शुरूआत राग भूप से की जिसमें उन्होंने आलाप के बाद विलम्बित तीन ताल से सजी बंदिश ‘‘ऐ री आज मईलवा’’ पेश की । उपरांत द्रुत एक ताल की रचना ‘‘सखी आज रिझाइयो’’ पेश करके दर्शकों की तालियां बटोरी । इसके पश्चात सोनल ने द्रुत तीन ताल में तराना प्रस्तुत किया । अगली कड़ी में सोलन ने राग बागेश्री में निबद्ध साढ़े सात मात्रा में निबद्ध बंदिश ‘‘मन मोहत शाम’’ पेश की । इसके पश्चात द्रुत एक ताल की रचना ‘‘सुनत तान भई मैं बावरी’’ प्रस्तुत की । कार्यक्रम का समापन सोनल ने एक भजन से किया ।सोनल के साथ मंच पर तबले पर मुंबई से आए युवा तबला वादक तेजोब्रुश जोशी ने तथा हारमोनियम पर पैरोमिता मुखर्जी ने संगत की । कार्यक्रम के अंत में डॉ.शोभा कौसर सचिव सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020