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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जेल में एटीएम ठगी का मिला आइडिया, नशा तस्करी छोड़ एक साल में 460 लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए

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  • संगरूर और बरनाला में ठगी के बाद मोगा था अगला टारगेट
  • 3 महीने में संगरूर और बरनाला के लोगों को लगाई 15 लाख की चपत

Dainik Bhaskar

Sep 25, 2019, 08:05 AM IST

संगरूर. एटीएम कार्ड को स्वैप कर क्लोन कार्ड की मदद से ठगी करने वाले गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि आरोपी बिहार और पंजाब में 460 ठगी के मामलों को अंजाम दे चुके हैं। महज 12 माह में आरोपी करोड़ों रुपए की नकदी के मालिक बन गए थे। आरोपी पंजाब के संगरूर और बरनाला में पिछले 3 माह में 60 से अधिक मामलों में 15 लाख की चपत लगा चुके हैं। ऐसे में पुलिस सभी मामलों पर पर्दा उठाने की कोशिश में जुट गई है। एसएसपी डॉ संदीप गर्ग ने बताया कि काबू किए गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि आरोपियों ने ठगी की घटनाओं को बिहार से अंजाम देना शुरू किया था। बिहार के बाद आरोपियों ने पंजाब का रुख कर लिया। मौजूदा समय में आरोपी संगरूर और बरनाला जिले के लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। कुछ दिन पहले ही आरोपी मोहित राज ने अपनी पत्नी और माता के खाते में 2 लाख 75 हजार की राशि ट्रांसफर करवाई थी। ऐसे में पुलिस ने दोनों खातों को फ्रीज कर दिया है। अब आरोपी पटियाला, मोगा, मलोट आदि शहरों में रुख करने की योजना तैयार कर रहे थे क्योंकि पुलिस के पास मामले की शिकायतें पहुंचनी शुरू हो गई थी। आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद बिहार चले जाते थे। कुछ दिनों बाद आरोपी जहाज से वापस पंजाब आते थे। ठगी के पैसों से आरोपियों के जीने का ढंग भी बदल गया था। आरोपी जहाज में सफर करने लगे थे। पहली बार आरोपी बिहार से पंजाब रेल के जरिए पहुंचे थे और पुलिस ने सूचना के आधार पर आरोपियों को शेरपुर से काबू कर लिया था।
 

िबहार से खरीदी स्वैप मशीन और लैपटाप
पकड़े गए आरोपियों में मोहित राज 10वीं और गुरमीत सिंह 6वीं पास है। मोहित राज नशा तस्करी मामले में जेल में बंद था। जहां उसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई जिसने आरोपियों को एटीएम ठगी का ढंग बताकर बिहार से लैपटाप, स्वैप मशीन खरीद कर दी थी। आरोपी नशा तस्करी के मामलों को छोड़ कर तेजी से अमीर बनने के लालच में एटीएम में लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे।

पुलिस के पास ठगी की 40 शिकायतें
एसएसपी ने बताया है कि पुलिस के पास एटीएम ठगी से संबंधित करीब 40 शिकायतेें आई हैं। जिसकी साइबर सेल जांच कर रहा है। इनके अतिरिक्त हरियाणा से संबंधित एक ओर गैंग है जोकि क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम दे रहा है जिसे पुलिस ट्रेस करने का प्रयास कर रही है। मामले की जांच करने के बाद रिकवर की गई ठगी की राशि लोगों को वापिस कर दी जाएगी।

क्लोनिंग में इस्तेमाल होती है स्कीमर मशीन, साथ लगता है छोटा कैमरा
डेबिट कार्ड क्लोनिंग के लिए स्कीमर मशीन का इस्तेमाल होता है। यह एक तरह की डिवाइस होती है जो हू ब हू एटीएम के ऊपर लगे कार्ड रीडर्स की कॉपी होती है। इसमें छोटी चिप होती है जो स्वैप होने वाले कार्ड का डाटा रीड कर लेती है। इसके बाद उस डिवाइस को कंप्यूटर के साथ कॉपी करके किसी भी एडीएम कार्ड पर आरोपी आपके कार्ड की कापी बना सकता है। एटीएम का पिन रीड करने के लिए कैमरा का प्रयोग किया जाता है। सेल्फ बैटरी वाला छोटे बटन के साइज का कैमरा की पैड के बिल्कुल ऊपर फिक्स किया जाता है। कई मामलो में की-पैड पर एक मेट के तरीके का उपकरण भी आरोपी लगा देते है। यह कैमरा आपके हाथों की मूवमेंट के साथ आरोपियों तक आपका पासवर्ड पहुंचा देता है।