पानीपत | कुटानी राेड स्थित नव विद्या मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन श्री धाम वृंदावन से पधारी बाल विदुषी गौरी दीक्षित ने भक्तों को सुदामा चरित्र, द्वारिका लीला, भगवान के अवतार के बारे में बताया। अरे द्वारपालाें सुदामा से कह दाे…सहित अन्य भजनाें की प्रस्तुति दी गई।
उन्हाेंने बताया कि सुदामा भगवान के एक ऐसे भक्त थे कि उनको संसार की किसी भी वस्तु से प्रेम नहीं था और वह किसी वस्तु की इच्छाएं भी नहीं रखते थे। किसी संत के द्वारा सुदामा की प|ी काे पता चला ताे वाे सुनकर हैरान हाे गई फिर उन्हाेंने सुदामा से पूछा कि द्वारिका नाथ आप के सखा है क्या यह बात सत्य है। तो सुनते ही सुदामा मुस्कराए और बोले ये बात सत्य है पर आपको कैसे पता चला। सुशीला कहती हैं आप एक बार उनसे मिल कर आओ। उन्हाेंने कहा मुझे नहीं पता वाे कहा रहते हैं। सुशीला ने कहा मुझे पता है वो द्वारिका के राजा हंै। द्वारिकाधीश गए ताे भगवान ने उन्हें गले लगाकर चरण धोकर बहुत सम्मान किया। इस माैके पर सुभाष मेहता, सोमनाथ दीक्षित, पंकज दीक्षित, नीरज दीक्षित, राजकुमार, भूपेंद्र, सुरेद्र, ललित, बीएल पांडेय, हेमंत, अनिल, अनिल, सुरेद्र, आरती, संतोष, कनिका, जतिन माैजूद रहे।