सुबह 7 बजे से लंबी कतार में खड़ी गर्भवती महिलाएं और डाक्टरों के केबिन के बाहर खड़े मरीज, लेकिन एसएमओ डाॅ. इंदरमोहन गुप्ता के कमरे के बाहर उनका इंतजार करते मरीज सेहत मंत्री के उन दावों की हकीकत है जिसमें वह कई बार कह चुके हैं कि सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की समय पर हाजिरी को यकीनी बनाया जा रहा है। मगर तरनतारन के सिविल अस्पताल में अपनी कुर्सियों से गायब डाक्टर मंत्री साहिब के इन दावों की पोल खोलते दिखाई दिए। सरकार और प्रशासन तक असलीयत सामने लाने के मकसद से दैनिक भास्कर द्वारा सिविल अस्पताल के अटेंडेंस रजिस्टर की तस्वीर ली गई ताकि बाद में डाक्टर यह न कहें कि वह तो ओटी में थे या इमरजेंसी में। अटेंडेंस रजिस्टर ने साफ कर दिया कि कौन ड्यूटी पर है और कौन गायब। हालांकि इस संबंधी एसएमओ डाॅ. इंद्रमोहन गुप्ता से बात की तो उन्होंने कह दिया अटेंडेंस रजिस्टर की तस्वीर नहीं लेनी चाहिए थी यह अपराध है। मगर एसएमओ साहिब को हम बताना चाहते हैं कि यह तस्वीर हम आपको और जनता को दिखाना चाहते हैं ताकि घंटों लाइन में खड़े होकर मरीजों को निराश होकर न लोटना पड़े। गौरतलब है कि ओपीडी का समय सुबह 8 से 2 बजे तक का होता है। सिविल अस्पताल तरनतारन में मरीज सुबह 7 बजे से डाक्टरों के केबिन के बाहर आकर उनका इंतजार करते हुए आम दिखाई देते हैं, लेकिन डाक्टर साहिब मरीजों की परवाह न करते हुए साढ़े 9 बजे तक अस्पतालों में नहीं पहुंचते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि एसएमओ भी 9 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे।
जब दैनिक भास्कर की टीम ने शनिवार सुबह साढ़े 8 बजे अस्पताल का दौरा किया गया तो कई डाक्टरों जिनमें डाॅ. नवप्रीत सिंह, गायनी डाॅक्टर के अलावा चीफ फार्मासिस्ट अफसर और ईसीजी करने वाले डाॅक्टर के केबिनों के बाहर ताले लटके दिखाई दिए और मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। जब इस बाबत सिविल अस्पताल का हाजिरी रजिस्टर देखा गया तो कई डाॅक्टर तो छुटटी पर थे और कई डाक्टरों की हाजिरी नहीं लगी थी। डाॅ. वंदना 26 सितंबर तक लीव पर हैं, लेकिन उनके केबिन के बाहर किसी भी तरह की कोई लिखती सूचना नहीं थी, जिससे गर्भवती महिलाएं परेशान होती रहीं। मरीजों में रीना, कमलेश, दिलप्रीत, हरप्रीत और नेहा ने बताया कि वह सुबह 7 बजे से गायनी डाॅक्टर के कमरे के बाहर खड़ी हैं। जब सिविल सर्जन से संपर्क किया गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जिन डाक्टरों के केबिन के बाहर ताले लगे थे वह राउंड पर होंगे, जबकि सभी डाॅक्टर समय पर है।
डाॅक्टर तो दूर एसएमओ भी नहीं पहुंचते समय पर, कैबिनों पर लटके दिखाई दिए ताले
गायनी डाॅक्टर के कमरे के बाहर लाइन में खड़ी गभर्वती महिलाएं। (दाएं) चीफ फार्मासिस्ट, महिला विशेषज्ञ और ईसीजी रूम पर लटका ताला।
लेटलतीफी नहीं होगी बर्दाश्त : डीसी
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभरवाल का कहना है कि सिविल अस्पताल में डाक्टरों की लेटलतीफी को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई डाॅक्टर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने में गुरेज भी नहीं किया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभरवाल ने बताया कि इस मामले बाबत जल्द से जल्द सिविल सर्जन तरनतारन से मीटिंग की जाएगी अौर अस्पताल की पूरी रिपोर्ट ली जाएगी। रजिस्टर की रिपाेर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई जाएगी। इससे पहले कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।