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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जर्मनी के वैज्ञानिक ने 40 हजार रुपए में बनाया हाईटेक ग्लव्स, इसकी मदद से देख सकेंगे कमजोर नजर वाले लोग

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  • इसे अनफोल्डिंग स्पेस नाम दिया गया है, यह अलग-अलग तरह की वाइब्रेशन से यूजर को रास्ता बताता है
  • यह डेप्थ कैमरे की मदद से यूजर के आसापास का 3D पिक्चर कैप्चर करता है

Dainik Bhaskar

Sep 18, 2019, 07:53 PM IST

गैजेट डेस्क. जर्मनी के डिजाइनर जैकॉब किलिएन ने कमजोर नजर और आंखो की रोशनी खो चुके लोगों के लिए वियरेबल सेंसरी सब्सटीट्यूशन डिवाइस का प्रोटोटाइप तैयार किया है। इसे अनफोल्डिंग स्पेस नाम दिया गया है। यह डिवाइस ग्लव्स में फिट है जिसे यूजर पहनकर चल सकते हैं। डिवाइस यूजर को वाइब्रेशन के जरिए सही और सटीक रास्ता बताता है। इसमें लगे डेप्थ कैमरे यूजर के आसपास की चीजों के 3D पिक्चर कैप्चर करते हैं। इसमें 9 मोटर अलग-अलग तरह के वाइब्रेशन के जरिए यूजर को अलर्ट करती हैं।

इस डिवाइस को बनाने के पीछे किलिएन का मुख्य उद्देश्य यह है कि कमजोर नजर या दृष्टिबाधित लोगों को किसी पर निर्भर न रहना पड़े। साथ ही इसके जरिए पारंपरिक छड़ी से भी छुटकारा मिल सके। अनफोल्डिंग स्पेस यूजर को अनजान रास्तों पर बिना किसी परेशानी के चलने की अनुमति देता है। वाइब्रेशन की लोकेशन वस्तु के पोजीशन बताती है जबकि वाइब्रेशन की क्षमता उसकी दूर या पास होने का संकेत देती है।

किलिएन बताते हैं कि इस प्रोटोटाइप डिवाइस को बनाने में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया। यह बाजार में उपलब्ध अन्य सेंसरी सब्सटीट्यूशन डिवाइस से काफी किफायती है।