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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

बेंगलुरु के स्कूल में शिक्षक बनें रोबोट, बच्चों को पढ़ातें हैं बायोलॉजी और हिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट्स

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  • रोबोट सातवीं से नौवीं क्लास के छात्रों को बायोलॉजी, केमेस्ट्री, जियोग्राफी, हिस्ट्री और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट पढ़ाते हैं
  • ये रोबोट्स सिर्फ 45 किलो वजनी है। इन्हें बनाने में दो साल का समय लगा।

Dainik Bhaskar

Sep 01, 2019, 06:41 PM IST

गैजेट डेस्क. बेंगलुरु के एक प्रायवेट स्कूल में एआई तकनीक पर बेस्ड रोबोट्स बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह रोबोट्स इंसानों की तरह दिखते हैं, जो न सिर्फ बच्चों को पढ़ाते हैं बल्कि उनके डाउट्स भी क्लीयर करते हैं। इसके डेवलपर्स का कहना है कि रोबोट टीचर के आने से क्लास के मौजूद अलसी टीचर न सिर्फ विषय पर बल्कि बच्चों पर बेहतर तरीके से ध्यान दे पा रहें हैं।

प्रत्येक रोबोट की लागत 8 लाख रुपए है

  1. इसके चीफ डिजाइन ऑफिसर विग्नेश राव का कहना है कि यह रोबोट सातवीं से नौवीं क्लास के 300 से ज्यादा बच्चों को पांच अलग अलग विषय पढ़ाते हैं। यह उनसे बात करते हैं साथ ही उनके द्वारा पूछे गए विषय संबंधित सवालों का सही जवाब भी देते हैं। ये रोबोट्स 5 फुट 7 इंच लंबे ये रोबोट्स असली फीमेल टीचर्स की तरह कपड़े पहनते हैं। ऐसा नहीं है कि इसके आने से अलसी टीचर को हटा दिया गया है बल्कि पढ़ाते समय यह उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और बच्चों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देते हैं।

  2. उन्होंने आगे कहा कि इन रोबोट्स को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह बच्चों से बात करते हैं और विषय से जुड़ें सवालों के जवाब देते हैं। इसके लिए हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक की मदद ली है।

  3. ये रोबोट सातवीं से नौवीं क्लास के छात्रों को बायोलॉजी, केमेस्ट्री, जियोग्राफी, हिस्ट्री और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट पढ़ाते हैं।

  4. राव ने कहा कि उन्होंने 17 टीम मेंबर्स के साथ मिलकर इन तीन रोबोट्स को तैयार किया है। इन्हें हल्के थ्री-डी प्रिंटेड मटेरियल और स्मार्ट सर्वो मोटर से बनाया गया है। इनकी मदद से यह रोबोट क्लास में पढ़ाते समय एक अलसी टीचर की तरह हाव-भाव देते हैं।

  5. टीम में टीचर्स, प्रोग्रामर, कंटेंट डेवलपर, ग्राफिक्स डिजाइनर्स शामिल थे। इसे कई सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और एआई टूल की मदद ली गई। ये रोबोट सिर्फ 45 किलो वजनी है। इन्हें बनाने में दो साल का समय लगा। प्रत्येक रोबोट को बनाने में 8 लाख रुपए का खर्च आया।

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