- इमरान ने कहा- हम दुनिया को बताएंगे 80 लाख कश्मीरियों के साथ जुल्म हो रहा है
- फ्रांस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- दोनों देश अपनी समस्या को मिलकर सुलझा सकते हैं
- मोदी ने अमेरिका के सामने यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत-पाक का द्विपक्षीय मसला है
Dainik Bhaskar
Aug 26, 2019, 07:52 PM IST
इस्लामाबाद. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के अप्रत्याशित कदम से पाक अभी तक चौंका हुआ है। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि जब तक हम अपने खिलाफ भारत की कार्रवाई को समझ पाए। तब तक उन्होंने कश्मीर को अपना हिस्सा बना लिया। अहंकार की वजह से मोदी ने ऐतिहासिक भूल की है। ये कहेंगे कि पीओके से दहशतगर्द और इस्लामिक दहशतगर्द आ रहे हैं। दहशतगर्द मारने के लिए फौजें बढ़ाने पर मजबूर हैं। इन्होंने आजाद कश्मीर में बालाकोट की तरह का एक हमला प्लान किया था। दुनिया की नजर कश्मीर से हटाकर पाकिस्तान पर डालने की योजना थी। लेकिन अब हमारी फौजे पीओके में पूरी तरह तैयार हैं। अब भारत के लिए कोई भी कार्रवाई करना मुश्किल होगा।
हम बातचीत की कोशिश करते रहे, उन्होंने कश्मीर ले लिया
इमरान ने कहा, “हिंदुस्तान से हमने बात की और मैंने सबके सामने कहा था कि आप एक कदम लेंगे तो हम दो कदम आगे आएंगे। शुरुआत से ही इसमें दिक्कतें आनी शुरू हो गईं। जब बातचीत की कोशिश की तो वो मौका देखते थे हमारे ऊपर दहशतगर्दी का इल्जाम लगाने का। हमें लगा कि भाजपा का एंटी मुस्लिम और एंटी पाकिस्तान कैम्पेन चल रहा था, तब हम पीछे हट गए। फिर पुलवामा हो गया था। हिंदुस्तान ने इसकी जांच करने के बजाय सीधे हमारे ऊपर उंगली उठाई, ताकि पाकिस्तान के ऊपर सारा इल्जाम चला जाए।’’
इमरान ने कहा, ‘‘हमने कहा कि आपके पास कोई सबूत है तो हम एक्शन लेने को तैयार हैं। इन्होंने पूरी कोशिश की कि पाकिस्तान को दिवालिया किया जाए। पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कराने की कोशिश की। अभी हम ये देख ही रहे थे कि भारत आगे क्या करते हैं और उसने 5 अगस्त को कश्मीर में अतिरिक्त फौजें भेजकर उन्हें अपना हिस्सा बना लिया।’’
27 तारीख को यूएन में दुनिया को कश्मीर में बारे में बताऊंगा
इमरान ने कहा, “सबसे पहले मैं दुनिया को कश्मीर के हालात को बताऊंगा। जिन राष्ट्राध्यक्षों से मेरी बात हुई है, उन्हें मैंने आगाह किया है। 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएन में भी पूरी दुनिया को कश्मीर के बारे में बताऊंगा। हम दुनिया के हर फोरम पर बताएंगे कि 80 लाख कश्मीरियों के साथ किस तरह जुल्म हो रहा है।”
इमरान ने कहा, “दुनिया कश्मीर के साथ खड़ी हो या न हो, हमारी अवाम और हमारी सरकार उनके साथ खड़ी होगी। हम हर हफ्ते एक कार्यक्रम करेंगे, जिसमें हमारी पूरी अवाम निकलेगी। इस शुक्रवार 12 से 12.30 बजे तक आधा घंटा लोगों को बताएं कि कश्मीर में क्या हो रहा है और ये भी बताएं कि हम उनके साथ खड़े हैं। जब तक उन्हें आजादी नहीं मिलेगी हम उनके साथ खड़े रहेंगे। 27 सितंबर तक हफ्ते में एक बार हमें ये इवेंट करनी है।”
ट्रम्प ने छोड़ा कश्मीर मध्यस्थता का मुद्दा
फ्रांस के बियारिट्ज में सोमवार को जी-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। मोदी ने अमेरिका के सामने यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है। मोदी बोले- हम इस मामले पर दुनिया के किसी भी देश को कष्ट नहीं देना चाहते हैं। वहीं, ट्रम्प ने भी भरोसा जताया कि दोनों देश अपनी समस्या को मिलकर सुलझा सकते हैं। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के बाद ट्रम्प कश्मीर पर तीन बार मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं। लेकिन जी-7 समिट के दौरान मोदी ने ट्रम्प के सामने ही अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया।