Dainik Bhaskar
Aug 25, 2019, 08:18 PM IST
टीवी डेस्क. वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स के दूसरे सीजन में दिखाए गए लिंचिंग सीन को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सीरीज के एक एपिसोड में भीड़ द्वारा एक मुस्लिम लड़के को मारे जाने का दृश्य है। एक पॉपुलर ट्विटर अकाउंट गब्बर िसंह ने इस सीन को महज आइटम नंबर बताया है। यूजर ने कहा कि इस सीन का वेब सीरीज की कहानी से कोई लेना-देना नहीं है। सीरीज के डायरेक्टर नीरज घेवाण ने यूजर को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब वास्तविक लिंचिंग की कोई घटना होती है, तब आप एक भी मजबूत ट्वीट नहीं कर पाते हैं।
Other directors put an item number in their movies which has no connection with the story, Anurag kashyap put a mob-lynching in his show which had no connection with the story #SacredGamesS2
— Gabbbar (@GabbbarSingh) August 17, 2019
ट्विटर पर दिया जवाब : गब्बर सिंह ने नीरज को टैग करते हुए लिखा- दूसरे डायरेक्टर अपनी फिल्मों में आइटम नंबर रखते हैं, जिनका कहानी से कोई संबंध नहीं होता। अनुराग कश्यप ने अपने शो में मॉब लिंचिंग का सीन रखा, जिसका कहानी से कोई लेना-देना नहीं था।
हालांकि, यह सीन सरताज सिंह की स्टोरी लाइन के साथ शूट किया गया था। जिसे इस सीजन में घेवाण डायरेक्ट कर रहे हैं। अनुराग कश्यप केवल गणेश गायतोंडे की स्टोरी लाइन का निर्देशन किया है।
You didn’t have the courage to put up even a solidarity tweet when a real lynching has happened. And now to hide your lack of narrative understanding, you equate someone’s courage to put it up on a global platform as ‘item number’? Amazing! https://t.co/OwhSkpZFoQ
— Neeraj Ghaywan (@ghaywan) August 25, 2019
नीरज घेवाण दिया जवाब : नीरज ने ट्वीट का जवाब दिया- जब कहीं सच में मॉब लिंचिंग होती है, तो आपके पास एक भी मजबूत ट्वीट करने की भी हिम्मत नहीं होती। अब आप कहानी को समझने की अपनी समझने की कमी को छिपाने के लिए ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इसकी तुलना आइटम नंबर से कर रहे हैं। आश्चर्यजनक।
I directed the lynching scene. Surely you can say it didn’t work for YOU or that you didn’t get it. You have no idea how difficult it is put out something like that with your real name. And when you discredit it by appropriating it to something frivolous as item number, it hurts!
— Neeraj Ghaywan (@ghaywan) August 25, 2019
दर्द देता है ऐसा करना : नीरज ने आगे लिखा- मैंने लिंचिंग सीन का निर्देशन किया है। निश्चित तौर पर आप कह सकते हैं कि आपको यह सही नहीं लगा या फिर आपको ये समझ में नहीं आया। आपको यह अंदाजा नहीं है कि अपने असली नाम के साथ इस तरह की चीजों को करना कितना मुश्किल है। और, जब आप आइटम नंबर जैसी ओछी चीजों से तुलना कर इसकी निंदा करते हैं तो बहुत दर्द होता है।
I directed the lynching scene. Surely you can say it didn’t work for YOU or that you didn’t get it. You have no idea how difficult it is put out something like that with your real name. And when you discredit it by appropriating it to something frivolous as item number, it hurts!
— Neeraj Ghaywan (@ghaywan) August 25, 2019
यूजर ने लिखा- मुझे भी दुख हुआ : नीरज के इस ट्वीट के बाद गब्बर सिंह ने लिखा- मैं उन सभी प्रयासों की सराहना करता हूं, जो आपने किए हैं। मैं पीड़ा को भी समझता हूं। यदि आपको लगता है कि आलोचना अनुचित है, तो यह किसी के बच्चे को गाली देने जैसा है। लेकिन मुझ पर लिंचिंग सपोर्टर होने या ‘साहसी’ न होने का आरोप लगाकर आपने बात शुरू की, इससे भी दुख होता है।
Good! Now you’ll know how it feels when someone with many followers writes a misinformed tweet about you.
— Neeraj Ghaywan (@ghaywan) August 25, 2019
इस ट्वीट के बाद नीरज ने लिखा – अच्छा! अब आपको पता चल जाएगा कि कैसा महसूस होता है, जब कई फालोअर्स वाला कोई व्यक्ति आपके बारे में गलत ट्वीट लिखता है।