चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का आयोजन एम.एल.कौसर सभागार में सुबह 10 30 बजे किया गया । इस कार्यशाला में चेन्नई से आए प्रसिद्ध मृदंगम वादक मननार काएल बालाजी ने दक्षिणी भारतीय ताल पद्वति की बारीकियां बताई एवं उनका संगीत में क्रियान्वयन किस तरह किया जाता है, इस कार्यशाला में दक्षिणी ताल पद्वति का इतिहास,तालों की बनावट,जातियों का निर्माण तालबद्ध सांचों का निर्माण इत्यादि बहुत सी दक्षिणी ताल पद्वति की बारीकियां सिखाई गई । इसके उपरांत बालाजी ने तालों का गणित आंकलन द्वारा उनको संगीत में लागू करना सिखाया । बालाजी ने कार्यक्रम के अंतिम भाग में कुछ प्रसिद्ध दक्षिणी तालों के समिश्रण को पेश करके खूब तालियां बटोरी । कार्यक्रम के अंत में के्रन्द्र की रजिस्टर डॉ.शोभा कौसर ने मननार काएल बालाजी को सम्मानित किया ।
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Citizen Awareness Group कार्यशाला में मृदंगम वादक मननार काएल बालाजी ने दक्षिणी भारतीय ताल की...
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020