जीरकपुर नगर परिषद पानी का मिसयूज करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इस कारण यहां कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए भी पीने के पानी का इस्तेमाल हो रहा है। पीने के पानी का इस्तेमाल लोग मकान बनाने के साथ ही गाड़ियां धोने के लिए कर रहे हैं। कई सर्विस स्टेशन पीने के पानी से ही वॉशिंग का काम कर रहा है।
जो मकान पूरे नहीं बने, दी जा रही है एनओसी
जीरकपुर एमसी ऑफिस में उन मकानांे की एनओसी भी दी जा रही जो अभी तक पूरे नहीं बन पाए हैं। उस एनओसी के आधार पर मकान बनाने का काम कर रहा व्यक्ति बिजली और पानी का कनेक्शन जोड़ रहा है। इससे रोजाना टैंकर के लिए खर्च होने वाले पैसे बचा रहा है। मकान बनाने के दौरान ही कई लोग साइट पर अंडरग्राउंड स्टोरेज टैंक बनाकर पीने के पानी को जमा करते हैं और उसका इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन के लिए कर रहे हैं।
कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए इस्तेमाल किया जा रहा पीने का पानी
वॉशिंग के लिए पेयजल लाइन से जोड़े हैं कनेक्शन
जीरकपुर में इस समय शहर के अलग-अलग हिस्सों में मकान बनाने के लिए पीने के पानी का इस्तेमाल हो रहा है। दर्जन से अधिक सर्विस स्टेशन चल रहे हैं। इनमें से कई गाड़ियों की वॉशिंग के लिए एमसी की पीने के पानी की लाइन से कनेक्शन जोड़कर करते हैं। पीने के पानी का इस्तेमाल गाड़ियों को धोने या मकान बनाने के काम में नहीं लाया जा सकता है। -राजेश शर्मा, ढकौली