- मोदी ने कहा- हम दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर प्रोग्राम आयुष्मान भारत को चला रहे
- ‘भारत दुनिया का सबसे सस्ते डेटा कनेक्शन वाला देश, हम तेजी से गरीबी हटाने पर काम कर रहे’
Dainik Bhaskar
Aug 18, 2019, 09:35 AM IST
थिंपू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भूटान में रॉयल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान एक दूसरे की परंपराएं समझते हैं। भारत भाग्यशाली है कि वह राजकुमार सिद्धार्थ के बुद्ध बनने की जगह रहा। मैं आज भूटान के भविष्य के साथ हूं। आपकी ऊर्जा महसूस कर सकता हूं। मैं भूटान के इतिहास, वर्तमान या भविष्य को देखता हूं तो मुझे दिखता है कि भारत और भूटान के लोग आपस में काफी परंपराएं साझा करते हैं।
उन्होंने कहा कि शनिवार को मैं सेम्तोखा जॉन्ग में था। यह उन चार जगहों में से है जो भूटान के इतिहास को दिखाता है। इस विजिट में मुझे भूटान के लोगों से मिलने का मौका मिला। भारत भाग्यशाली है कि वह राजकुमार सिद्धार्थ के बुद्ध बनने की जगह रहा। कोई दो देश एक दूसरे को उस तरह नहीं समझते जिस तरह भारत और भूटान एक दूसरे की परंपरा को समझते हैं। आज भारत ऐतिहासिक बदलावों को देख रहा है।
भारत स्टार्टअप की दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क वाला देश- मोदी
मोदी ने कहा कि भारत गरीबी को तेजी से खत्म कर रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति भी दोगुनी हो गई है। भारत दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर प्रोग्राम आयुष्मान भारत को भी चला रहा है। साथ ही दुनिया के सबसे सस्ते डेटा कनेक्शन वाला देश है। हमारे देश स्टार्टअप की दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क वाला देश है।
मोदी 2 दिनों के दौरे पर शनिवार को भूटान पहुंचे
मोदी शनिवार को दो दिन के दौरे भूटान पहुंचे। भारत और भूटान के बीच हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट, नॉलेज नेटवर्क, मल्टी स्पेशलिएटी हॉस्पिटल, स्पेस सैटेलाइट, रूपे कार्ड के इस्तेमाल समेत 9 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग से संसद में मुलाकात की थी।
मोदी ने कहा- एग्जाम वॉरियर्स में मैंने लिखा कि एग्जाम को कैसे फेस किया जाए। हर किसी को क्लासरूम से लेकर जिंदगी की क्लासरूम में एग्जाम का सामना करना पड़ता है। एग्जाम वॉरियर्स में मैंने जो कुछ लिखा है, उसमें बड़ी शिक्षा भगवान बुद्ध के सिद्धांत से ली गई हैं। जब मैं युवा था तो सच की खोज मुझे हिमालय तक ले गई। भारत और भूटान के बीच रिश्तों में जो ऊर्जा है वो दोनों देशों के लोगों की वजह से है। इसीलिए सहयोग के पारंपरिक सेक्टर से बाहर जाते हुए हम अब स्कूल से लेकर स्पेस और डिजिटल पेमेंट्स से लेकर आपदा प्रबंधन तक में सहयोग बढ़ा रहे हैं।