Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

कंज्यूमर फोरम ने फोर्टिस हॉस्पिटल पर लगाया एक लाख रुपए का जुर्माना

0
66

  • दे दिया था पेशेंट का गलत मेडिकल रिकाॅर्ड, जिस वजह से उसे नहीं मिला था इंश्योरेंस क्लेम
  • इसके अलावा इंश्योरेंस कंपनी को पेशेंट के इलाज पर खर्च हुए 34 हजार 819 रुपए 9 परसेंट सालाना ब्याज के साथ लौटाने होंगे

Dainik Bhaskar

Aug 10, 2019, 07:00 PM IST

चंडीगढ़. फोर्टिस हॉस्पिटल की एक छोटी से गलती के कारण एक पेशेंट को काफी नुकसान हुआ है। पहले तो उन्हें हॉस्पिटल का पूरा बिल भरना पड़ा। फिर इंश्योरेंस कंपनी ने उनका मेडिकल क्लेम भी रिजेक्ट कर दिया।

 

पेशेंट को छाती और कंधे में दर्द था जिस कारण वह हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। लेकिन हॉस्पिटल ने लिख दिया कि उन्हें पुरानी डायबेटिज बीमारी थी। इस कारण उन्हें क्लेम नहीं मिला। अब कंज्यूमर फोरम ने उसकी शिकायत पर फोर्टिस हॉस्पिटल पर 20 हजार रुपए हर्जाना लगाया है।

केस के मुताबिक बद्दी के दलीप कुमार ने सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का मेडिकल इंश्योरेंस प्लान ‘ प्रोहेल्थ-एक्यूमुलेट’ लिया था जोकि 2 जून 2017 से 1 जून 2018 तक वेलिड था। प्लान लेने के अगले दिन ही उन्हें छाती और कंधे में दर्द शुरू हो गया।

 

वे फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में एडमिट हो गए। ईलाज के बाद अगले दिन उन्हें हॉस्पिटल से छुट्‌टी मिल गई। उनका ईलाज पर 34 हजार 819 रुपए खर्च आया। दलीप ने क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी से बात की। लेकिन कंपनी ने उनके क्लेम को प्रोसेस ही नहीं किया।

 

कंपनी ने दावा किया कि उन्हें डीएम डायबेटिज की प्रॉब्लम थी जोकि उन्हें पहले से ही थे। इसलिए कंपनी ने उनका क्लेम रिजेक्ट कर दिया। वहीं, दलीप ने कंपनी को बताया कि हॉस्पिटल ने उनका गलत मेडिकल रिकॉर्ड दे दिया था जबकि उन्हें तो डायबेटिज से संबंधित कोई बीमारी नहीं थी।

 

बाद में उन्होंने हॉस्पिटल से सर्टिफिकेट भी ले लिया जिसमें लिखा गया कि उन्हें डायबेटिज नहीं थी। लेकिन इसके बाद भी इंश्योरेंस कंपनी ने उनकी नहीं सुनी। लिहाजा उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी और फोर्टिस हॉस्पिटल के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी।

इंश्योरेंस कंपनी ने कंज्यूमर फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दलीप को पॉलिसी लेने से पहले ही डायबेटिज की बीमारी थी। ये बीमारी उन्हें छह महीने पहले से थी इसलिए कंपनी ने उनका क्लेम रिजेक्ट कर दिया। वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल ने कहा कि उनका इस केस से कोई ताल्लुक नहीं है। इसलिए उन्होंने शिकायत को खारिज करने की मांग की।

लेकिन फोरम ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस केस में फोर्टिस हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही है। इसलिए फोरम ने फोर्टिस हॉस्पिटल पर 20 हजार रुपए हर्जाना लगाया और उन्हें 15 हजार रुपए मुकदमा खर्च देने को कहा।

 

इतना ही नहीं, फोरम ने फोर्टिस को एक लाख रुपए बतौर पेनल्टी कंज्यूमर लीगल एड फंड में जमा करवाने को भी कहा है। इसके अलावा दलीप के इलाज पर खर्च हुए 34 हजार 819 रुपए इंश्योरेंस कंपनी को 9 परसेंट सालाना ब्याज के साथ लौटाने होंगे।

 

DBApp